सूरत की सरथना कम्युनिटी के कोविड केयर सेंटर पर सिरिंज भरते दिखे बीजेपी के 5वीं पास एमएलए वीडी झालावाडिया
गुजरात बीजेपी के एक ऐसे एमएलए कोविड केयर सेंटर में रेमडेसिविर से इंजेक्शन को भरते दिखे जो पांचवी के बाद कभी स्कूल ही नहीं गए। कांग्रेस के नेता ने उनकी तस्वीर देख तंज कसा कि मेडिकल स्टाफ को इनसे सीख लेनी चाहिए। उनका तो यहां तक कहना था कि Kamrej बीजेपी एमएलए की मूर्ति हर जगह लगानी चाहिए।
दरअसल, बीजेपी एमएलए वीडी झालावाडिया सूरत की सरथना कम्युनिटी के कोविड केयर सेंटर पर सिरिंज भरते दिखे। इसे सूरत म्यूनिसिपल कॉरपोरेशन की तरफ से संचालित किया जा रहा है। एमएलए का कहना है कि वो मेडिकल स्टाफ से मिलने आए थे। उनका दावा है कि पिछले 40 दिनों से वो इस सेंटर पर सेवा दे रहे हैं। वो मरीजों को मदद कर रहे हैं। उन्हें दवा मुहैया करा रहे हैं।
विवाद को बढ़ते देख उन्होंने सफाई दी कि वो कोई बखेड़ा नहीं खड़ा करना चाहते। उन्होंने केवल रेमडेसिविर से इंजेक्शन को भरा था। इसे किसी मरीज को लगाया नहीं था। उस दौरान उनके साथ 10-15 डॉक्टरों का दल मौजूद था। विधायक का दावा है कि उनके सेवा भाव की वजह से तकरीबन 200 कोविड मरीज स्वस्थ होकर घर गए हैं।
उधर, कांग्रेस के प्रवक्ता जयराज सिंह ने कहा कि मेडिकल स्टाफ को विधायक जी से सीख लेनी चाहिए। उनका तंज था कि ऐसे लोगों का हर अस्पताल में पुतला लगाया जाना चाहिए। लोगों को इनके सीख लेने की जरूरत है। चाहें खुद 5वीं के बाद स्कूल न गए हों लेकिन कोविड संकट के समय में लोगों को इंजेक्शन तो लगा ही सकते हैं?
गौरतलब है कि गुजरात कोविड की दूसरी लहर से बुरी तरह लड़खड़ाया हुआ है। हालांकि सरकार दावा कर रही है कि हालात नियंत्रण में हैं, लेकिन मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो जो सरकार बता रही है स्थिति उससे कहीं उलट है। इंडियन एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट के अनुसार गुजरात सरकार ने रेमडेसिविर की खरीद सितंबर 2020 से ही शुरू कर दी थी। उस समय इसकी शार्टेज की बात सारे देश में फैल रही थी।
अप्रैल में जब इसकी जबरदस्त डिमांड होने लगी तो सरकार कहने लगी कि लोग इसकी कालाबाजारी कर रहे हैं। सरकार ने डॉक्टरों की भी ये कहकर भर्त्सना की कि वो रेमडेसिविर को लिख ही क्यों रहे हैं। हालांकि, डब्ल्यूएचओ की रिपोर्ट कहती है कि कोरोना मरीज के जीवन को बचाने में रेमडेसिविर का बहुत कम या नगण्य योगदान है।