मच्छर जनित मलेरिया रोग लाइलाज नहीं है लेकिन नजरअदांज करना हो सकता है घातक: डॉ. महावीर सिंह फौजदार
मलेरिया एक ऐसी बीमारी है, जो हज़ारों वर्षों से मनुष्य को अपना शिकार बनाती आई है। विश्व की स्वास्थ्य समस्याओं में मलेरिया अभी भी एक गम्भीर चुनौती है। इसके बारे में लोगों को जागरुक करने के लिए हर साल 25 अप्रैल को विश्व मलेरिया दिवस मनाया जाता है।
मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ. महावीर सिंह फौजदार ने बताया कि मच्छर जनित मलेरिया रोग लाइलाज नहीं है। लेकिन कई बार इसे नजरअदांज करना हो सकता है घातक वर्तमान समय में स्वास्थ्य को लेकर जागरूक रहने की जरूरत है। कोरोना संक्रमणा के साथ ही बढ़ती गर्मी के कारण मच्छर जनित रोग मलेरिया का खतरा बढ़ सकता है। विश्व मलेरिया दिवस की इस बार थीम है, शून्य लक्ष्य की और बढना’ मलेरिया एक तेज ज्वर वाला वेक्टर जनहित रोग है
जो कि मादा ऐनाफिलीज मच्छर द्वारा एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में फैलता है। इसका सक्रमण एक सूक्ष्म परजीवी प्लाजमोडियम द्वारा होता है प्लाजमोडियम की मुख्य चार प्रजातिया है, -प्लाजमोडियम वाईवैक्स 2. फैल्सीपैरम 3 वोवैल 4- मलेरी है। पंरतु उत्तर प्रदेश में सबसे ज्यादा प्लाजनोडियम फैल्सीपेरम और वाईवैक्स की प्रजाति पाई जाती है।
पंरतु इन्सानों के लिए वाईवैक्स (सामान्य मलेरिया) तथा फेल्सीपेरम (दिमागी बुखार) अभी चिंता का कारण है। फैल्सीपैरम मलेरिया तथा दिमागी मलेरिया में मरीज को तेज बुखार आता है तथा कई बार झटके के साथ मरीज बेहोशी में भी चला जाता है। दिमागी मलेरिया में यदि रोगी को समय पर उपचार नहीं मिलता तो मृत्य भी हो सकती है।
मलेरिया में प्राय दूसरे तीसरे या कभी-कभी प्रतिदिन तेज बुखार आता है, जो 2 से 6 घंटे में कम होता है। कई बार मलेरिया के रोगी में खून की कमी हो जाती है जिससे लिवर बढ़ने के साथ ही पीलिया भी हो जाता है।
मलेरिया के प्रमुख लक्षम जैसे ठण्ड के साथ तेज बुखार आना, सिर चकराना, घबराहट होना, उल्टी आना, बुखार आते समय कंपकपी या जाड़ा लगना, बुखार कम होने पर पसीना आना आदि लक्षण होने पर निकट स्थित स्वास्थय इकाई सामुदायिक प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पर जांच करवानी चाहिए।
ऐसे करें मच्छरों से बचावः
आवास के आस-पास की नालियों को बंद रखें
घर की साफ सफाई पर ध्यान दें.
घर में किसी प्रकार का कूड़ा कबाड़ ना इकट्ठा होने दें।
समय-समय पर कीटनाशक का छीड़काव करते रहें।
खिड़की व दरवाजे में जालियां अवश्य लगवाएं
सोते समय मच्छर दानी व ऑडोमास या अन्य मेडिकेटेड का प्रयोग करें
फुल आस्तीन के कपड़े पहनें
घरों में खाली डब्बे, गमले या अन्य ऐसी चीजे घर में ना रखें जिनमें पानी कई दिन तक भरा रहें और मच्छरों को पनपने का मौका मिलें।