संपादकीय विशेष

Muzaffarnagar: लम्बी लम्बी कतार से नागरिक परेशान, मुख्य कारण अतिक्रमण

मुजफ्फरनगर। (Muzaffarnagar) नगर में जाम लगना वैसे तो रोजाना की बात हो रही है। शायद ही कोई दिन ऐसा जाता होगा जिस दिन जाम न लगता हो।वहीं कई बार तो जाम सुबह के समय ही शुरू हो जाता है वह धीरे-धीरे लगभग शाम तक जारी रहता है। जाम का आलम उस समय और बढ़ जाता है जिस समय स्कूलों की छुट्टी का समय होता है।

बच्चे स्कूलों की छुट्टी के समय घर जाने के लिए निकलते हैं। स्कूली बच्चे साइकिल, स्कूटी लेकर जाम के झाम में फंस जाते हैं तो वहीं स्कूली वाहन भी जाम में फंसे रहते हैं जिस कारण घर में पहुंचने में भी बच्चों को काफी देर हो जाती है। कई बार तो अभिभावक परेशान भी हो जाते हैं कि छुट्टी होने के काफी देर के बाद तक भी बच्चा घर नहीं आया है लेकिन जब बच्चा घर पहुंचता है तो उन्हें पता लगता है कि शहर में जाम की वजह से बच्चा देर से घर पहुंचा है।

वही अपने गंतव्य की ओर जाने वाले नागरिक भी जाम के झाम में फंसने के कारण लाइन में लगकर अपनी बारी का इंतजार करते हैं। एक तरफ देखा जाए तो जाम का मुख्य कारण ई रिक्शा भी है। क्योंकि ई रिक्शा का कोई रूट तय न होने की वजह से तंग गलियों से भी ई रिक्शा वाले ई रिक्शा को लेकर घुस जाते हैं जिस कारण जाम और अधिक विकराल रूप धारण कर लेता है और धीरे-धीरे सड़कों पर लगने वाला जाम गलियों में भी पहुंच जाता है।

जिस कारण आदमी पैदल निकलना भी मुश्किल हो जाता है। एक स्थान से दूसरे स्थान पर जाने के लिए तो पैदल भी निकलना मुश्किल हो जाता है। आज भी अस्पताल चौक पर जाम का आलम इतना अधिक देखने को मिला कि सुबह अस्पताल चौक पर लगी वाहनों की लंबी कतार काफी दूर तक दिखाई दे रही थी

जिस कारण वाहनों की कतार लंबी होती चली गई और यह जाम धीरे-धीरे गलियों में भी लग गया। जिस कारण नागरिकों को अपने गंतव्य की ओर जाने में काफी परेशानी का सामना करना पड़ा।देखा जाये तो जाम का एक मुख्य कारण अतिक्रमण भी है।

रेहडी, ठेली वालां के साथ-साथ नगर के कुछ दुकानदारों द्वारा अवैध अतिक्रमण करने के कारण वाहनों को चलने के लिए स्पेस कम मिलता है जिस कारण भी जाम लगना एक आम बात हो गयी है।

Dr. S.K. Agarwal

डॉ. एस.के. अग्रवाल न्यूज नेटवर्क के मैनेजिंग एडिटर हैं। वह मीडिया योजना, समाचार प्रचार और समन्वय सहित समग्र प्रबंधन के लिए जिम्मेदार है। उन्हें मीडिया, पत्रकारिता और इवेंट-मीडिया प्रबंधन के क्षेत्र में लगभग 3.5 दशकों से अधिक का व्यापक अनुभव है। वह राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कई प्रतिष्ठित समाचार पत्रों, चैनलों और पत्रिकाओं से जुड़े हुए हैं। संपर्क ई.मेल- [email protected]

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