किसान का अपहरण, फिरौती देकर हुआ वापस; Muzaffarnagar पुलिस ने शुरू की जांच
जानसठ (Muzaffarnagar)। क्षेत्र में एक किसान का अपहरण कर उसे बंधक बना लिया गया था, लेकिन बदमाशों से फिरौती देने के बाद वह वापस अपने घर लौटा। अपहृत किसान ने पुलिस को अपनी आपबीती सुनाई और पुलिस ने इस मामले में जांच शुरू कर दी है। किसान के पुत्र मयंक की तहरीर पर अपहरण का मुकदमा दर्ज कर लिया गया है और पुलिस अज्ञात बदमाशों के खिलाफ छानबीन कर रही है।
फिरौती का मामला: 10 लाख की रकम देकर लौटे किसान
जानसठ क्षेत्र के हुसैनपुरा मोहल्ले का निवासी 65 वर्षीय किसान अरूण उर्फ अटल अपने खेतों पर काम कर रहा था। इसी दौरान कुछ नकाबपोश अज्ञात बदमाशों ने उसे अपहरण कर लिया और खेत के एक स्थान पर बंधक बना लिया। किसान ने घर लौटने के बाद बताया कि बदमाशों ने उससे 10 लाख रुपये की फिरौती मांगी थी। इसके बाद, किसान ने किसी प्रकार से यह रकम इकट्ठी की और बदमाशों को फिरौती दे दी, जिससे वह वापस घर लौट सका।
घर लौटने के बाद पुलिस को सुनाई आपबीती
किसान ने फिरौती की रकम देने के बाद अपने घर लौटने के बाद जानसठ थाने में पहुंचकर पुलिस को अपनी आपबीती सुनाई। किसान का कहना है कि वह अपहरण के बाद बदमाशों के हाथों बंधक बना रहा, लेकिन किसी तरह उसने फिरौती की रकम जुटाई और बदमाशों को दी। पुलिस ने इस मामले में शिकायत प्राप्त होते ही तुरंत कार्रवाई शुरू की और अज्ञात बदमाशों के खिलाफ अपहरण का मुकदमा दर्ज कर लिया।
पुलिस का बयान और जांच की शुरुआत
पुलिस सूत्रों के अनुसार, इस मामले की जांच जारी है और जल्द ही कुछ अहम जानकारी सामने आ सकती है। पुलिस अधिकारियों ने कहा कि किसान द्वारा दी गई तहरीर पर मुकदमा दर्ज किया गया है और अज्ञात बदमाशों के बारे में जानकारी जुटाने की कोशिश की जा रही है। पुलिस का कहना है कि मामला गंभीर है और अपराधियों को पकड़ने के लिए पूरी जांच की जाएगी।
पीड़ित के परिवार ने किया विरोध
किसान के परिवार ने इस घटना के बाद अपनी चिंता जताई और कहा कि इस प्रकार के अपराध उनके क्षेत्र में बढ़ रहे हैं, जो न केवल किसानों के लिए बल्कि पूरे समुदाय के लिए खतरनाक साबित हो सकते हैं। उन्होंने प्रशासन से जल्द से जल्द अपराधियों को गिरफ्तार करने और किसानों की सुरक्षा सुनिश्चित करने की मांग की है।
आने वाली घटनाओं का असर
इस मामले ने क्षेत्र के लोगों को सचेत कर दिया है और अब वे अपनी सुरक्षा को लेकर अधिक चिंतित हैं। अगर इस प्रकार के अपराधों पर रोक नहीं लगाई जाती तो यह ग्रामीणों और किसानों के लिए एक बड़ा खतरा बन सकता है।