महाराणा प्रताप की जयंती पर Muzaffarnagar बिरालसी गांव में हवन पूजन, स्वामी यशवीर महाराज ने देशभक्ति की दी प्रेरणा
मुजफ्फरनगर। (Muzaffarnagar News) ।भारत में विभिन्न धार्मिक और ऐतिहासिक उत्सवों की लंबी परंपरा रही है, जो न केवल देशवासियों को एकजुट करती है बल्कि उन्हें अपने गौरवशाली इतिहास से भी अवगत कराती है। इसी कड़ी में, 9 मई को मुजफ्फरनगर जिले के चरथावल क्षेत्र के बिरालसी गांव में हिन्दू वीर शिरोमणि महाराणा प्रताप जी की जयंती धूमधाम से मनाई गई। इस अवसर पर विशेष रूप से महाराणा प्रताप के जीवन से प्रेरित होकर भारतीय सेना की वीरता और शौर्य की सराहना की गई।
महाराणा प्रताप स्मारक पर हवन पूजन
गांव बिरालसी में स्थित महाराणा प्रताप स्मारक पर आयोजित कार्यक्रम में हवन और पूजा अर्चना का आयोजन किया गया। इस हवन को प्रसिद्ध संत मृगेन्द्र ब्रहाचारी ने विधिवत रूप से संपन्न कराया। हवन का उद्देश्य न केवल भारतीय सैनिकों की सुरक्षा और समृद्धि के लिए प्रार्थना करना था, बल्कि देश के प्रति समर्पण और बलिदान की भावना को भी प्रोत्साहित करना था।
स्वामी यशवीर महाराज ने किया संबोधन
कार्यक्रम में विशेष रूप से स्वामी यशवीर महाराज ने संबोधित करते हुए कहा, “महाराणा प्रताप का जीवन हमें यह सिखाता है कि किस तरह एक व्यक्ति को अपने धर्म, संस्कृति और देश के प्रति अपनी जिम्मेदारी निभानी चाहिए। उनका जीवन देश और धर्म के लिए संघर्ष का प्रतीक है।” उन्होंने यह भी कहा कि महाराणा प्रताप ने अपनी पूरी जिंदगी अपने धर्म और राष्ट्र की रक्षा में समर्पित कर दी। वे जंगलों में रहे, घास की रोटियां खाईं, लेकिन कभी भी मुग़ल शासक अकबर के आगे झुके नहीं।
समाज में राष्ट्रभक्ति का संचार
स्वामी यशवीर महाराज ने आगे कहा, “आज के दौर में जब कुछ लोग स्वार्थ और वोटों के लालच में देश और धर्म के खिलाफ जा रहे हैं, हमें महाराणा प्रताप के जीवन से प्रेरणा लेने की जरूरत है। हमे ऐसे लोगों से सतर्क रहना चाहिए जो पाकिस्तान और आतंकवादियों के समर्थन में खड़े होते हैं।”
उन्होंने यह भी कहा कि वर्तमान में भारतीय सेना पाकिस्तान के खिलाफ एक मजबूत प्रतिक्रिया दे रही है और उनकी साहसिक कार्रवाई से पूरी दुनिया में भारत की प्रतिष्ठा और सुरक्षा को मजबूत किया गया है। इस संदर्भ में, हवन पूजन में विशेष रूप से भारतीय सेना की सुरक्षा और भारत की विजय के लिए परमात्मा से प्रार्थना की गई।
हवन पूजा का आयोजन और यज्ञमान की भूमिका
इस विशेष पूजा के यज्ञमान बिरालसी गांव के प्रधान लोकेश कुमार रहे, जिन्होंने हवन में आहुति देने वालों के साथ मिलकर यज्ञ की प्रक्रिया को पूरी श्रद्धा और निष्ठा के साथ संपन्न कराया। हवन में अन्य गणमान्य लोग जैसे मानसिंह, अरविंद कुमार, प्रभात पुण्डिर, पंकज, प्रवीण राणा, सुधीर, कमल, विकास, अंकित, योगेश, मोंटी, विपिन, शंकर, कृष्णा, विराज, अशोक, अभय गहलोत, राकेश पुण्डिर और अश्वनी आदि भी उपस्थित थे।
समाज में जागरूकता फैलाने की आवश्यकता
स्वामी यशवीर महाराज ने इस अवसर पर समाज में जागरूकता फैलाने की आवश्यकता पर भी जोर दिया। उन्होंने कहा कि आज हमें केवल स्वतंत्रता का जश्न मनाने तक सीमित नहीं रहना चाहिए, बल्कि हमें अपने गौरवमयी इतिहास को समझते हुए अपने समाज में व्याप्त कुरीतियों और भ्रष्टाचार को समाप्त करने के लिए भी कदम उठाने होंगे।
महाराणा प्रताप का संघर्ष और बलिदान
महाराणा प्रताप का जीवन सिर्फ एक नायक की कहानी नहीं है, बल्कि यह देशप्रेम और बलिदान का एक जीवंत उदाहरण है। उनका संघर्ष न केवल उनकी पौराणिक वीरता को दर्शाता है, बल्कि यह भी साबित करता है कि देश की स्वतंत्रता और धर्म की रक्षा के लिए किसी भी प्रकार की कठिनाई को सहन किया जा सकता है। उनके अद्वितीय संघर्ष और बलिदान ने भारतवासियों को हमेशा प्रेरित किया है।
नवयुवकों के लिए प्रेरणा
महाराणा प्रताप की जयंती पर आयोजित इस आयोजन में स्वामी यशवीर महाराज ने नवयुवकों को प्रेरित करते हुए कहा, “आपका लक्ष्य केवल धन और सुख की प्राप्ति तक सीमित नहीं होना चाहिए, बल्कि देश की सेवा और धर्म की रक्षा भी आपके जीवन का उद्देश्य होना चाहिए।” उन्होंने नवयुवकों से आग्रह किया कि वे किसी भी प्रकार के विकृत विचारधाराओं से दूर रहें और अपने देश की संस्कृति और गौरव की रक्षा के लिए हर संभव प्रयास करें।
महाराणा प्रताप की वीरता पर विशेष ध्यान
महाराणा प्रताप का जीवन और उनकी वीरता ने न केवल भारतीय इतिहास को प्रभावित किया है, बल्कि उनकी कड़ी मेहनत और संघर्ष ने उन्हें एक अमिट छाप छोड़ने के लिए प्रेरित किया। चाहे वह हल्दीघाटी की लड़ाई हो या फिर अकबर के खिलाफ उनका संघर्ष, महाराणा प्रताप ने हमेशा अपनी मातृभूमि की रक्षा की।
इस आयोजन के माध्यम से महाराणा प्रताप की वीरता, देशभक्ति और संप्रभुता की भावना को पुनः जागृत किया गया। उनका जीवन सदियों तक भारतवासियों को प्रेरित करता रहेगा और यह आयोजन एक महत्वपूर्ण उदाहरण है कि किस तरह हम अपने वीर नायकों के योगदान को सहेज सकते हैं और समाज में राष्ट्रभक्ति की भावना को प्रोत्साहित कर सकते हैं।
कुल मिलाकर, यह कार्यक्रम बिरालसी गांव के लोगों के लिए एक ऐसा अवसर था, जहाँ उन्होंने न केवल महाराणा प्रताप के बलिदान को याद किया, बल्कि देश के प्रति अपनी जिम्मेदारी और समर्पण को महसूस किया। इस आयोजन ने समाज में एक सकारात्मक ऊर्जा का संचार किया, जिससे लोगों के दिलों में अपने देश और धर्म के प्रति सम्मान और प्रेम बढ़ा।