Muzaffarnagar में रफ्तार का कहर! तेज़ रफ्तार डीसीएम ने बाइक सवारों को कुचला, पूर्व केंद्रीय मंत्री डॉ. संजीव बालियान ने रुकवाया काफिला 🚨
Muzaffarnagar। यूपी के मुजफ्फरनगर जिले में एक दर्दनाक सड़क हादसे ने हर किसी को झकझोर कर रख दिया। तेज़ रफ्तार का कहर थाना शहर कोतवाली क्षेत्र के पिन्ना बाईपास पर देखने को मिला, जहां एक बेकाबू डीसीएम (ट्रक) ने दो बाइक सवार युवकों को जोरदार टक्कर मार दी। टक्कर इतनी भीषण थी कि दोनों युवक सड़क पर गिरकर बुरी तरह घायल हो गए।
संयोगवश, उसी समय पूर्व केंद्रीय राज्य मंत्री और बीजेपी सांसद डॉ. संजीव बालियान उसी रास्ते से गुजर रहे थे। उन्होंने जैसे ही सड़क पर घायलों को देखा, तुरंत अपने काफिले को रुकवाया और इंसानियत की मिसाल पेश करते हुए दोनों घायलों को जिला अस्पताल भिजवाने की व्यवस्था करवाई। इस दौरान घायलों के परिजन भी मौके पर पहुंचे और उनका रो-रोकर बुरा हाल हो गया।
🚔 पुलिस की त्वरित कार्रवाई, आरोपी चालक गिरफ्तार
हादसे की सूचना मिलते ही थाना शहर कोतवाली पुलिस मौके पर पहुंची और आरोपी डीसीएम चालक को हिरासत में ले लिया। पुलिस ने क्षतिग्रस्त वाहनों को सड़क किनारे कर यातायात सुचारू करवाया और मामले की जांच शुरू कर दी है।
🛑 घायलों की पहचान और घटना का विवरण
घायल युवकों की पहचान:
- साकिब पुत्र शहजाद
- साद पुत्र महमूद
दोनों युवक न्याजुपुरा, मिमलाना रोड, थाना शहर कोतवाली क्षेत्र के निवासी बताए जा रहे हैं। वे किसी शादी समारोह में शामिल होने के लिए पिन्ना बाईपास के रास्ते तितावी की ओर जा रहे थे, तभी तेज़ रफ्तार डीसीएम (मालवाहक ट्रक) ने उन्हें टक्कर मार दी।
🚑 डॉक्टरों ने कहा – स्थिति गंभीर, चल रहा इलाज
घटना के बाद दोनों घायलों को जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां डॉक्टरों ने बताया कि दोनों युवकों को गंभीर चोटें आई हैं, लेकिन उनकी हालत स्थिर बनी हुई है। डॉक्टरों का कहना है कि समय रहते अस्पताल पहुंचाने के कारण उनकी जान बच गई, जिसमें डॉ. संजीव बालियान का मानवीय हस्तक्षेप अहम साबित हुआ।
🛣️ क्या पिन्ना बाईपास बना मौत का रास्ता?
यह पहला मामला नहीं है जब पिन्ना बाईपास पर इस तरह का हादसा हुआ हो। स्थानीय लोगों का कहना है कि इस सड़क पर पहले भी कई दुर्घटनाएँ हो चुकी हैं, जिनमें तेज़ रफ्तार ट्रकों और बेतरतीब यातायात के कारण जानलेवा हादसे होते रहे हैं।
स्थानीय निवासियों की मांग:
- स्पीड ब्रेकर लगाए जाएं ताकि गाड़ियां नियंत्रित गति में चलें।
- यातायात पुलिस की नियमित तैनाती हो, जिससे नियमों का पालन सुनिश्चित किया जा सके।
- सीसीटीवी कैमरों की संख्या बढ़ाई जाए ताकि लापरवाह ड्राइवरों पर नज़र रखी जा सके।
🚗 ट्रैफिक नियमों की अनदेखी – कौन है ज़िम्मेदार?
यूपी में लगातार बढ़ रही सड़क दुर्घटनाओं की वजहें साफ हैं –
- तेज़ रफ्तार और लापरवाह ड्राइविंग
- ओवरलोडेड ट्रक और डीसीएम वाहन
- यातायात नियमों का उल्लंघन
- सड़क सुरक्षा के उपायों की कमी
यातायात नियमों का पालन न करने और ट्रकों द्वारा तेज़ रफ्तार से वाहन चलाने के कारण आए दिन सड़कें खून से लाल हो रही हैं। सरकार को चाहिए कि ऐसे हादसों को रोकने के लिए सख्त कदम उठाए जाएं।
🚨 क्या कहते हैं पुलिस और प्रशासन?
पुलिस का कहना है कि आरोपी डीसीएम चालक को हिरासत में लेकर पूछताछ की जा रही है। यदि वह शराब या नशे में गाड़ी चला रहा था, तो उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
यातायात विभाग के अधिकारी ने कहा,
“हम सड़क सुरक्षा को लेकर लगातार अभियान चला रहे हैं, लेकिन वाहन चालक यदि खुद सतर्कता न बरतें, तो हादसों को रोक पाना मुश्किल हो जाता है।”
पूर्व केंद्रीय मंत्री डॉ. संजीव बालियान ने घायलों की मदद कर एक बार फिर जनता के नेता होने का परिचय दिया। जब उनका काफिला पिन्ना बाईपास से गुजर रहा था, तो उन्होंने इंसानियत को प्राथमिकता दी और तुरंत गाड़ियों को रुकवाकर मदद की।
स्थानीय लोगों का कहना है कि,
“आजकल नेता अपनी गाड़ियों में बंद रहते हैं, लेकिन डॉ. संजीव बालियान जैसे जनप्रतिनिधि ही हैं जो जनता की तकलीफों को समझते हैं।”
यह पहली बार नहीं है जब बालियान ने सड़क पर किसी जरूरतमंद की मदद की हो। इससे पहले भी वे कई बार मुसीबत में फंसे लोगों की सहायता कर चुके हैं।
📢 सड़क हादसों से बचने के लिए ये सावधानियां ज़रूरी!
✅ ट्रैफिक नियमों का पालन करें।
✅ हेलमेट और सीट बेल्ट का उपयोग करें।
✅ तेज़ रफ्तार में वाहन न चलाएं।
✅ नशे की हालत में ड्राइविंग न करें।
✅ ओवरलोडेड गाड़ियों से बचें।
📌 सरकार को चाहिए सख्त नियम और स्थानीय प्रशासन की जिम्मेदारी!
मुजफ्फरनगर का यह हादसा हमें फिर याद दिलाता है कि तेज़ रफ्तार सिर्फ़ एक नंबर नहीं, बल्कि मौत का निमंत्रण है। जब तक प्रशासन और नागरिक सड़क सुरक्षा नियमों का पालन नहीं करेंगे, तब तक ऐसी घटनाएँ होती रहेंगी।
अब देखना यह होगा कि क्या प्रशासन इस मामले में कोई ठोस कदम उठाएगा या यह भी अन्य सड़क हादसों की तरह भूला दिया जाएगा?