Muzaffarnagar में तस्मिया स्कूल का भव्य वार्षिक उत्सव: संस्कृति, विज्ञान और शिक्षा का अद्भुत संगम! 🔥
Muzaffarnagar के प्रसिद्ध तस्मिया जूनियर हाई स्कूल ने अपने 33वें वार्षिक उत्सव को भव्यता और उत्साह के साथ मनाया। इस कार्यक्रम में शैक्षणिक उपलब्धियों, सांस्कृतिक प्रस्तुतियों, वैज्ञानिक नवाचारों और सम्मान समारोहों का अनूठा संगम देखने को मिला। यह आयोजन न केवल विद्यार्थियों बल्कि उनके अभिभावकों और शिक्षकों के लिए भी प्रेरणा का स्रोत बना।
कार्यक्रम की शुरुआत एक शानदार विद्यार्थी प्रदर्शनी के उद्घाटन से हुई, जहां छात्रों ने अपने वैज्ञानिक मॉडल, कलाकृतियाँ और रचनात्मक परियोजनाएँ प्रस्तुत कीं। इन नायाब प्रदर्शनों को अतिथियों और दर्शकों ने खूब सराहा।
विशिष्ट अतिथियों का भव्य स्वागत
समारोह में प्रोफेसर डॉ. अफरोज-उल-हक (पूर्व कुलपति, एच० ए० विश्वविद्यालय, इम्फाल) और डॉ. आई. पी. पांडे (पूर्व इसरो वैज्ञानिक) बतौर मुख्य अतिथि उपस्थित रहे। इनका भव्य स्वागत डॉ. एस. फारूक (अध्यक्ष, तस्मिया ऑल इंडिया एजुकेशनल एंड सोशल वेलफेयर सोसायटी, नई दिल्ली) द्वारा किया गया। इन्हें गुलदस्ते, स्मृति चिन्ह और विशेष उपहार भेंट कर सम्मानित किया गया।
इस अवसर पर विद्यालय की वार्षिक पत्रिका ‘नूर’ का विमोचन भी हुआ, जिसमें छात्रों और शिक्षकों की रचनात्मक अभिव्यक्तियाँ, लेख, कविताएँ और शोध पत्र शामिल किए गए।
विद्यालय की वार्षिक प्रगति रिपोर्ट को कार्यवाहक प्रधानाचार्य जावेद मजहर द्वारा प्रस्तुत किया गया, जिसमें बीते वर्ष की उपलब्धियाँ, नए शैक्षिक प्रयोग, प्रतियोगिताएँ और नवाचारों पर प्रकाश डाला गया।
रंगारंग सांस्कृतिक प्रस्तुतियाँ: कला और संस्कृति की झलक
छात्रों द्वारा प्रस्तुत संगीत, नृत्य और कविता पाठ ने सभी को मंत्रमुग्ध कर दिया। कार्यक्रम की मुख्य प्रस्तुतियाँ इस प्रकार रहीं:
- स्वागत गीत: “दादा-दादी, नाना-नानी” (यू० के० जी०)
- कविता: “तितली हूँ मैं” (यू० के० जी० बालिकाएँ)
- देशभक्ति गीत: “मेरी शान है तू” (कक्षा-एक)
- उर्दू नज़्म: “छोटे से इरादे” (कक्षा-दो)
- अभिभावकों को समर्पित गीत: “करना नहीं नाराज कभी” (कक्षा-तीन)
- हम्द: “खुदा तो वो है” (कक्षा-चार, पाँच)
- शिक्षकों को समर्पित गीत: “जर्रे को भी महताब” (कक्षा-छः, सात)
- प्रेरक गीत: “आसमान को एक दिन” (कक्षा-छः, सात, आठ)
- हम्द: “हम हैं सारे गम के” (कक्षा-आठ-जी)
इस सांस्कृतिक संध्या का शानदार समन्वय वरिष्ठ शिक्षिका श्रीमती खुशनसीब द्वारा किया गया, जिससे हर प्रस्तुति और भी प्रभावशाली बन गई।
प्रतिभाओं को मिला सम्मान
विद्यालय ने उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले छात्रों को ट्रॉफी, प्रमाण पत्र और ₹1000 की राशि देकर सम्मानित किया। इसके अलावा, 100% उपस्थिति दर्ज कराने वाले विद्यार्थियों को विशेष पुरस्कार दिया गया।
न केवल विद्यार्थी बल्कि मौलाना शौकत कासमी, जुबैर अहमद और जावेद मजहर को पूरे वर्ष की नियमित उपस्थिति के लिए सम्मानित किया गया। इससे छात्रों को अनुशासन और नियमितता का महत्त्व समझाने का संदेश दिया गया।
अतिथियों के प्रेरणादायक विचार
💡 डॉ. आई. पी. पांडे (पूर्व इसरो वैज्ञानिक) ने कहा:
“वैज्ञानिक जिज्ञासा और कठोर परिश्रम ही सफलता की कुंजी हैं। छात्रों को उच्च लक्ष्य निर्धारित करने चाहिए और अनुसंधान, अंतरिक्ष विज्ञान एवं तकनीक में करियर बनाने का प्रयास करना चाहिए।”
💡 प्रोफेसर डॉ. अफरोज-उल-हक (पूर्व कुलपति, एच० ए० विश्वविद्यालय, इम्फाल) ने कहा:
“शिक्षा किसी भी प्रगतिशील समाज की नींव होती है। छात्रों को अनुसंधान, कौशल विकास और नवाचार पर विशेष ध्यान देना चाहिए।”
💡 डॉ. एस. फारूक (अध्यक्ष, तस्मिया सोसायटी) ने अध्यक्षीय संबोधन में कहा:
“छात्रों को अनुशासन, ईमानदारी और सम्मान का महत्व समझना चाहिए। अभिभावकों को भी अपने बच्चों की शिक्षा में सक्रिय भागीदारी निभानी होगी। खासतौर पर बालिकाओं की शिक्षा पर विशेष ध्यान देने की जरूरत है ताकि वे आत्मनिर्भर बन सकें।”
उन्होंने छात्रों को माता-पिता, शिक्षकों और बुजुर्गों के प्रति आदर और सम्मान रखने की सीख भी दी।
कार्यक्रम का समापन और वार्षिक मेले का उद्घाटन
कार्यक्रम के अंत में जावेद मजहर (कार्यवाहक प्रधानाचार्य) ने सभी का धन्यवाद किया और आयोजन को सफल बनाने वाले सैय्यद एजाज अहमद (प्रबंधक) की विशेष सराहना की।
समारोह का समापन राष्ट्रगान के साथ हुआ, जिसके बाद वार्षिक मेले का उद्घाटन किया गया। मेले में खेल-कूद, विज्ञान प्रदर्शनी, हस्तकला स्टॉल और खानपान स्टॉल शामिल रहे, जिससे पूरे माहौल में उल्लास और उत्सव की भावना भर गई।
शिक्षा, संस्कृति और विज्ञान का संगम बना यह उत्सव
तस्मिया जूनियर हाई स्कूल का 33वां वार्षिक उत्सव न केवल एक शिक्षा और संस्कृति का संगम बना बल्कि विद्यार्थियों को प्रेरित करने का भी एक शानदार मंच साबित हुआ। छात्रों, शिक्षकों, पूर्व छात्रों और अभिभावकों की उत्साही भागीदारी ने इस आयोजन को अविस्मरणीय बना दिया।
इस तरह के कार्यक्रम विद्यार्थियों के सर्वांगीण विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं और उनके भीतर नवाचार, अनुशासन, आत्मविश्वास और सांस्कृतिक मूल्यों को मजबूत करने का कार्य करते हैं।