Muzaffarnagar और आसपास से प्रमुख खबरें

Muzaffarnagar में निजी स्कूलों का ‘लूटतंत्र’! कांग्रेस ने उठाई बड़ी आवाज, अभिभावकों के साथ हो रहा ‘शिक्षा का व्यापार’?

Muzaffarnagar में निजी स्कूलों की कथित लूट के खिलाफ कांग्रेस पार्टी ने जमकर आवाज उठाई है। जिला अध्यक्ष सतपाल कटारिया के नेतृत्व में पार्टी कार्यकर्ताओं ने जोरदार विरोध प्रदर्शन करते हुए निजी शिक्षण संस्थानों पर अभिभावकों का आर्थिक शोषण करने के गंभीर आरोप लगाए। कांग्रेस नेताओं का आरोप है कि स्कूल प्रबंधन अभिभावकों को निर्धारित दुकानों से ही किताबें, यूनिफॉर्म और स्टेशनरी खरीदने के लिए बाध्य कर रहे हैं, जिससे उन्हें भारी कमीशन मिलता है। यह सिर्फ एक व्यवसाय बनकर रह गया है, जहां शिक्षा से ज्यादा मुनाफे पर ध्यान दिया जा रहा है।

“फीस बढ़ोतरी से लेकर जबरन खरीदारी तक… अभिभावकों पर दोहरा प्रहार”

कांग्रेस नेताओं ने बताया कि निजी स्कूल बिना किसी सरकारी नियमन के मनमाने तरीके से फीस बढ़ा रहे हैं। इसके अलावा, अभिभावकों को स्कूल द्वारा चिन्हित दुकानों से ही यूनिफॉर्म और किताबें खरीदनी पड़ती हैं, जहां बाजार से कहीं ज्यादा कीमत वसूली जाती है। यह एक सुनियोजित तरीके से चलाया जा रहा है, जिसमें स्कूल प्रबंधन और दुकानदारों के बीच मिलीभगत से आम आदमी की जेब काटी जा रही है।

एक कांग्रेस कार्यकर्ता ने बताया, “एक यूनिफॉर्म जो बाजार में 500 रुपये में मिलती है, उसे स्कूल वालों ने 1200 रुपये तक की कीमत पर थोप दिया है। किताबों के साथ भी यही हो रहा है। यह सीधे-सीधे अभिभावकों की मजबूरी का फायदा उठाने जैसा है।”

“महंगाई के दौर में अभिभावकों पर और बोझ… क्या सरकार सुन रही है?”

प्रदर्शनकारियों ने कहा कि महंगाई और बेरोजगारी के इस दौर में जब आम आदमी मुश्किल से गुजारा कर पा रहा है, तब निजी स्कूलों की यह मनमानी उनकी मुश्किलें और बढ़ा रही है। कई परिवारों के लिए दो वक्त की रोटी जुटाना भी मुश्किल हो रहा है, ऐसे में स्कूलों की यह “कमीशन खोर व्यवस्था” उन पर अतिरिक्त बोझ डाल रही है।

ज्ञापन सौंपकर की गई मांग – “सरकार तुरंत करे हस्तक्षेप”

कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने सिटी मजिस्ट्रेट विकास कश्यप को राज्यपाल के नाम एक ज्ञापन सौंपा, जिसमें निजी स्कूलों की मनमानी पर तत्काल रोक लगाने की मांग की गई। जिलाध्यक्ष सत्यपाल कटारिया ने कहा, “सरकार को चाहिए कि वह निजी स्कूलों की फीस और अन्य खर्चों पर सख्त नियम बनाए। अभिभावकों की पीड़ा को समझते हुए जल्द से जल्द कार्रवाई की जानी चाहिए।”

कांग्रेस नेताओं ने दोहराया संकल्प – “जनता के हितों की रक्षा के लिए लड़ेंगे”

इस प्रदर्शन में कांग्रेस के कई वरिष्ठ नेता शामिल हुए, जिन्होंने स्कूल प्रबंधनों की मनमानी के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की। नेताओं ने कहा कि यदि सरकार इस ओर ध्यान नहीं देती है, तो आंदोलन और बड़ा होगा। उन्होंने अभिभावकों से भी एकजुट होकर इस अन्याय के खिलाफ आवाज उठाने का आह्वान किया।

क्या है समाधान? सरकार को क्या करना चाहिए?

शिक्षाविदों का मानना है कि सरकार को निजी स्कूलों पर सख्त नियम लागू करने चाहिए। फीस निर्धारण समिति बनाई जानी चाहिए, जो यह सुनिश्चित करे कि अभिभावकों से अनुचित राशि न वसूली जाए। साथ ही, किताबों और यूनिफॉर्म पर भी मूल्य निर्धारण किया जाना चाहिए, ताकि अभिभावकों को मजबूरन महंगे सामान न खरीदने पड़ें।

क्या बदलेगी तस्वीर?

मुजफ्फरनगर का यह मामला सिर्फ एक जिले तक सीमित नहीं है, बल्कि पूरे देश में निजी स्कूलों की मनमानी एक बड़ा मुद्दा बनता जा रहा है। क्या सरकार इस ओर ध्यान देगी? क्या अभिभावकों को इस शोषण से मुक्ति मिल पाएगी? यह वक्त ही बताएगा, लेकिन कांग्रेस का यह प्रदर्शन एक बड़ी चेतावनी है कि अगर जल्द ही कदम नहीं उठाए गए, तो आम जनता का आक्रोश और बढ़ सकता है।

News-Desk

News Desk एक समर्पित टीम है, जिसका उद्देश्य उन खबरों को सामने लाना है जो मुख्यधारा के मीडिया में अक्सर नजरअंदाज हो जाती हैं। हम निष्पक्षता, सटीकता, और पारदर्शिता के साथ समाचारों को प्रस्तुत करते हैं, ताकि पाठकों को हर महत्वपूर्ण विषय पर सटीक जानकारी मिल सके। आपके विश्वास के साथ, हम खबरों को बिना किसी पूर्वाग्रह के आप तक पहुँचाने के लिए प्रतिबद्ध हैं। किसी भी सवाल या जानकारी के लिए, हमें संपर्क करें: [email protected]

News-Desk has 18283 posts and counting. See all posts by News-Desk

Avatar Of News-Desk

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

eighteen − four =