Myanmar News: ह्यूमन राइट्स ग्रुप बोला- 30 लोगों की हत्या कर शवों को जलाया, सेना के हवाई हमलों के बाद सैकड़ों लोग थाईलैंड भागे
Myanmar Violence: संघर्षग्रस्त काया राज्य में महिलाओं और बच्चों सहित 30 से ज्यादा लोग मारे गए और बाद में उनके शव जला दिए गए. इस बात की जानकारी एक स्थानीय निवासी, मीडिया रिपोर्ट्स और एक स्थानीय मानवाधिकार समूह ने दी है.
करेनी ह्यूमन राइट्स ग्रुप ने कहा कि उन्हें आंतरिक रूप से विस्थापित लोगों के जले हुए शव मिले हैं. ग्रुप ने दावा किया कि ह्प्रुसो शहर के मो सो गांव के पास म्यांमार पर शासन करने वाली सेना ने बुजुर्ग, महिलाओं और बच्चों पर गोलियां चलाई थीं.
समूह ने एक फेसबुक पोस्ट में कहा, “हम मानव अधिकारों का उल्लंघन करने वाली अमानवीय और नृशंस हत्या की कड़ी निंदा करते हैं.’’ मानवाधिकार समूह और स्थानीय मीडिया की तरफ से शेयर की गई तस्वीरों में जले हुए ट्रक और बेड पर शवों के जले हुए अवशेष दिखाई दे रहे हैं.
On Sunday, #Thailand sent back 600 #Karen #refugees after they fled attacks on #LayKayKaw, despite attacks continuing #Thai officials returned refugees to an active battle zone. US, EU and UK must pressure Thailand to stop forced deportations to battle zones.#SaveLayKayKaw
— KHRG (@khrg) December 22, 2021
समूह के एक कमांडर ने नाम न बताने की शर्त पर कहा, “हम यह देखकर बहुत हैरान थे कि सभी शव अलग-अलग आकार के थे, जिनमें बच्चे, महिलाएं और बूढ़े भी शामिल थे.” वहीं, एक स्थानीय ग्रामीण ने कहा कि मुझे शुक्रवार की रात आग लगने की जानकारी थी, लेकिन शूटिंग होने के कारण मैं घटनास्थल पर नहीं जा सका. मैंने लाशें जली हुई देखीं और बच्चों और महिलाओं के कपड़े भी बिखरे हुए थे.”
Myanmar की सेना ने गुरिल्ला युद्ध चला रहे जातीय करेन समुदाय के नियंत्रण वाले एक छोटे कस्बे पर हवाई हमले किए, जिससे सैकड़ों लोग एक नदी के पार करते हुए भाग कर थाईलैंड चले गए. सरकारी बलों ने थाईलैंड सीमा के पास एक छोटे से कस्बे ले के काव को निशाना बनाया, जो करेन गुरिल्लों के नियंत्रण में है. वे म्यांमा सरकार से अधिक स्वायत्तता की मांग कर रहे हैं.
आंग सान सू ची Myanmar सरकार को सत्ता से बेदखल कर फरवरी में सेना के देश की बागडोर अपने हाथ में लेने और गुरिल्लों के सेना विरोधियों को शरण देने के बाद से तनाव और बढ़ गया है. ले के काव पर सरकारी सैनिकों के पिछले सप्ताह छापा मारने के बाद भी हिंसा भड़क गई थी.