संयुक्त राष्ट्र में उचित परिवर्तन लाने की जरूरत: जयशंकर
यूरोपीय नीति अध्ययन केंद्र में विदेश मंत्री एस जयशंकर ने बुधवार को कहा कि हमारी सरकार (भाजपा) के सत्ता में आने के बाद, हमने लगातार वार्ता की आवश्यकता के बारे में बात की थी। हम एक निष्पक्ष और संतुलित एफटीए (मुक्त व्यापार समझौता) चाहते हैं। उन्होंने कहा कि मैं समझता हूं कि यूरोप के साथ एफटीए एक आसान समझौता नहीं है।
After our govt came to power,we had spoken repeatedly about the need for negotiations. We want a fair & balanced FTA (Free trade agreement). I recognize that an FTA with Europe isn't an easy negotiation. Conversations are on: EAM S Jaishankar at Centre for European Policy Studies pic.twitter.com/vMcfMIGD2j
— ANI (@ANI) November 18, 2020
क्षेत्रीय व्यापक आर्थिक भागीदारी (आरसीईपी) को लेकर विदेश मंत्री जयशंकर ने कहा कि हमने देखा है कि हमारी कई मूल चिंताओं को संबोधित ही नहीं किया गया। ऐसी स्थिति में हमें इस बात का फैसला लेना था कि क्या हमें एक ऐसे व्यापार समझौते में सम्मिलित होना चाहिए अगर हमारे प्रमुख चिंताओं को ही संबंधित और स्पष्ट नहीं किया जा रहा है।
विदेश मंत्री ने कहा कि दुनिया के विभिन्न हिस्सों में कई लोग संयुक्त राष्ट्र की कमियों की ओर इशारा कर रहे हैं और इसकी प्रासंगिकता पर सवाल उठा रहे हैं। यह एक ऐसा विषय है जिसे संयुक्त राष्ट्र को गंभीरता से लेना ताहिए। उन्होंने कहा कि यह एकदम सामान्य सी बात है, सभी वस्तुओं को समय के अनुसार अपडेट करने की जरूरत होती है।
जयशंकर ने संयुक्त राष्ट्र में उचित परिवर्तन लाने की जरूरत पर जोर दिया। विदेश मंत्री ने कहा कि हम किन्हीं एक या दो देशों को उनके व्यक्तिगत लाभ के लिए इतिहास के एक पल को रोकने की कोशिश करने की अनुमति नहीं दे सकते हैं। हम जितने लंबे समय तक इस ग्रिडलॉक को जारी रहने देंगे, यह संयुक्त राष्ट्र को नुकसान पहुंचाता रहेगा।