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पाकिस्तान: सेना की निंदा की तो जाना पड़ेगा दो साल तक के लिए जेल

पाकिस्तान में सेना के इशारे पर बड़े फैसले लिए जाना और यहां तक की तख्तापलट हो जाना कोई नई बात नहीं है। पड़ोसी मुल्क में सत्ताधारी सरकार ने सेना को लेकर एक ऐसा फैसला लिया, जिसके चलते उसे विपक्ष तो क्या अपनी ही पार्टी के नेताओं की आलोचना का सामना करना पड़ रहा है।

दरअसल, पाकिस्तान की एक संसदीय समिति ने उस कानून को मंजूरी दे दी है जिसके तहत अगर अब कोई किसी भी तरह से सेना की आलोचना या उपहास करेगा तो उसे दो साल तक के लिए जेल हो सकती है। इसके अलावा पांच लाख रुपये तक का जुर्माना या फिर दोनों ही सजा दी जा सकती है।

इस विवादास्पद बिल पर इमरान खान सरकार के मंत्री ही सवाल उठा रहे हैं। वहीं, बुधवार को विपक्षी पार्टियों के कड़े विरोध के बावजूद पाकिस्तान की नेशनल असेंबली स्टैंडिंग कमेटी ऑन इंटीरियर ने इस बिल को मंजूरी दे दी। 

बता दें कि पाकिस्तानी दंड संहिता (पीपीसी) में संशोधन के उद्देश्य से लाए गए इस कानून को संसद में सत्ताधारी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ पार्टी के सांसद अमजद अली खान ने पेश किया।

विपक्षी दल पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) के नेता सैयद आगा रफीउल्लाह समेत दूसरे विपक्षी नेताओं ने इस बिल को विरोध  करते हुए इसे  मौलिक अधिकारों के खिलाफ बताया। विपक्ष पाकिस्तान सरकार पर अभिव्यक्ति की आजादी को छीनने का आरोप लगा रही है।

पाकिस्तान के विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्री फवाद चौधरी ने एक पत्रकार द्वारा किए गए ट्वीट पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए इस बिल को हास्यापद करार दिया।

मजहर अब्बास नाम के एक पत्रकार ने नए कानून पर ट्वीट किया, ‘देश के नागरिक संसद, राजनेताओं और मीडिया की आलोचना करने के लिए स्वतंत्र थे लेकिन बाकी सब राष्ट्रहित है।’

इसी ट्वीट को रीट्वीट करते हुए इमरान खान के मंत्री फवाद चौधरी ने लिखा, ‘आलोचना को आपराधिक कृत्य बनाना बिल्कुल हास्यास्पद विचार है। सम्मान अर्जित किया जाता है, लोगों पर थोपा नहीं जा सकता।’
 

 

News Desk

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