PM Modi के 11 संकल्प: विकसित भारत की दिशा में ऐतिहासिक कदम, कांग्रेस पर जोरदार हमला
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी/PM Modi ने शनिवार को लोकसभा में संविधान पर हुई चर्चा के दौरान अपने संबोधन में एक नई दृष्टि प्रस्तुत की। उन्होंने कांग्रेस पर तीखा हमला करते हुए इसे भारत की राजनीतिक व्यवस्था की कई समस्याओं का कारण बताया। इसके साथ ही, उन्होंने विकसित भारत की दिशा में 11 संकल्प प्रस्तुत किए। ये संकल्प केवल भारत के विकास का एजेंडा नहीं हैं, बल्कि एक समृद्ध और आत्मनिर्भर राष्ट्र के निर्माण का रोडमैप भी हैं।
PM Modi का यह भाषण भारतीय राजनीति में मील का पत्थर साबित हो सकता है, क्योंकि इसमें उन्होंने अपने नेतृत्व में भारत को एक नई दिशा में ले जाने की अपनी प्रतिबद्धता को दोहराया। आइए इन 11 संकल्पों पर गहराई से चर्चा करें और जानें कि यह भारत के लिए क्यों महत्वपूर्ण हैं।
पीएम मोदी के 11 संकल्प और उनकी गहराई
1. नागरिक और सरकार: कर्तव्यों का पालन करें
PM Modi ने कहा कि हर नागरिक और सरकार का दायित्व है कि वे अपने कर्तव्यों का ईमानदारी से पालन करें। यह विचार गांधीजी के आदर्शों की याद दिलाता है, जो कहते थे कि अधिकारों की गारंटी केवल कर्तव्यों के पालन से संभव है।
#WATCH कांग्रेस ने अटल जी की एक वोट से सरकार गिरा दी थी
हम चाहते तो सरकार बचा सकते थे क्यूँकि
“माल तब भी बिकता था” 🔥🔥
लेकिन असंवैधानिक काम करना स्वीकार नहीं किया
देश में लोकतंत्र की ज़िंदा रखा ओर इस्तीफ़ा दे दिया#modi pic.twitter.com/YdeaDytVHK— News & Features Network (@newsnetmzn) December 14, 2024
2. सबका विकास, सबका साथ, हर क्षेत्र में विकास
प्रधानमंत्री ने समावेशी विकास पर बल देते हुए कहा कि हर समाज और हर क्षेत्र को विकास के फलों का हिस्सा मिलना चाहिए। यह नीति ‘सबका साथ, सबका विकास’ की सरकार की प्रतिबद्धता को रेखांकित करती है।
3. भ्रष्टाचार पर जीरो टॉलरेंस
भ्रष्टाचार को भारत की प्रगति का सबसे बड़ा बाधक मानते हुए, पीएम मोदी ने कहा कि इसके प्रति देश को ‘जीरो टॉलरेंस’ की नीति अपनानी चाहिए। साथ ही, उन्होंने यह भी कहा कि भ्रष्टाचारी को समाज में स्वीकार्यता नहीं मिलनी चाहिए।
4. कानून, परंपराओं और नियमों पर गर्व
प्रधानमंत्री ने कहा कि हर नागरिक को देश के कानून, परंपराओं और नियमों पर गर्व होना चाहिए। यह बयान उनके ‘मेक इन इंडिया’ और ‘वोकल फॉर लोकल’ अभियानों के समानांतर है, जो भारतीय संस्कृति और परंपराओं पर गर्व करना सिखाते हैं।
5. गुलामी की मानसिकता से मुक्ति
उन्होंने भारत को गुलामी की मानसिकता से बाहर निकालने का आह्वान किया। यह विचार नई शिक्षा नीति और भारत के नाम को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाने की दिशा में किए गए प्रयासों के अनुरूप है।
6. परिवारवाद से राजनीति को मुक्त करना
पीएम मोदी ने कहा कि देश की राजनीति को परिवारवाद से मुक्त करने की आवश्यकता है। उन्होंने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए इसे परिवारवाद का सबसे बड़ा उदाहरण बताया।
7. संविधान का सम्मान और राजनीतिक स्वार्थ से बचाव
प्रधानमंत्री ने संविधान को राजनीतिक स्वार्थ के लिए हथियार न बनाने की बात कही। उन्होंने यह सुनिश्चित करने का संकल्प लिया कि संविधान का हर प्रावधान भारतीय जनता के लिए समर्पित रहेगा।
8. आरक्षण की रक्षा और धर्म आधारित आरक्षण पर रोक
उन्होंने आरक्षण की सुरक्षा की बात करते हुए धर्म के आधार पर आरक्षण की हर कोशिश पर रोक लगाने का संकल्प लिया।
9. महिला सशक्तिकरण: Women-Led Development
पीएम मोदी ने कहा कि भारत को महिला-नेतृत्व वाले विकास का आदर्श बनना चाहिए। यह उनकी योजनाओं जैसे ‘बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ’ और ‘उज्ज्वला योजना’ का विस्तार है।
10. राज्य से राष्ट्र का विकास
उन्होंने कहा कि राज्य के विकास से राष्ट्र का विकास संभव है। यह उनके सहकारी संघवाद के दृष्टिकोण को दर्शाता है।
11. एक भारत, श्रेष्ठ भारत
प्रधानमंत्री ने भारत की एकता और अखंडता को सर्वोपरि रखते हुए ‘एक भारत, श्रेष्ठ भारत’ का नारा दोहराया।
प्रधानमंत्री का कांग्रेस पर हमला
इस संबोधन के दौरान प्रधानमंत्री ने कांग्रेस पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने कांग्रेस को भारत के राजनीतिक संकटों का जड़ बताया और परिवारवाद को बढ़ावा देने के लिए जिम्मेदार ठहराया। उन्होंने आरोप लगाया कि कांग्रेस ने भारत की राजनीति को अपने निजी स्वार्थों के लिए इस्तेमाल किया है और इसे सही दिशा में ले जाने में असफल रही है।
पीएम मोदी के संकल्पों का प्रभाव
प्रधानमंत्री द्वारा प्रस्तुत किए गए यह 11 संकल्प भारत को एक नई दिशा में ले जाने का प्रयास हैं। इनमें भ्रष्टाचार से लड़ने, समावेशी विकास को बढ़ावा देने, और महिलाओं के नेतृत्व को प्राथमिकता देने जैसे कई महत्वपूर्ण मुद्दे शामिल हैं।
यह स्पष्ट है कि प्रधानमंत्री का यह विज़न न केवल भारतीय राजनीति, बल्कि समाज के हर पहलू को प्रभावित करेगा। उनकी योजनाओं और संकल्पों का प्रभाव दीर्घकालिक होगा।
पीएम मोदी ने अपने भाषण के जरिए भारतीय राजनीति को एक नई दिशा दी है। उनकी दृष्टि और संकल्प एक मजबूत, विकसित और आत्मनिर्भर भारत की नींव रख सकते हैं।

