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भारत के पूर्व राष्ट्रपति Pranab Mukherjee के सम्मान में बनेगा राष्ट्रीय स्मारक: मोदी सरकार का बेमिसाल कदम

भारत के पूर्व राष्ट्रपति Pranab Mukherjee की याद में राष्ट्रीय स्मृति परिसर में एक स्मारक का निर्माण किया जाएगा। इस ऐतिहासिक कदम की घोषणा केंद्र सरकार ने की है। पूर्व राष्ट्रपति की बेटी शर्मिष्ठा मुखर्जी ने सोशल मीडिया पर इस खबर को साझा किया, जिससे पूरे देश में चर्चा का माहौल बन गया है।

इस महत्वपूर्ण घोषणा से जुड़ी खबरों के अनुसार, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने खुद इस फैसले को मंजूरी दी और पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी के योगदान को सम्मानित करने का निर्णय लिया। शर्मिष्ठा मुखर्जी ने मंगलवार को प्रधानमंत्री से मुलाकात की और उनके इस निर्णय के लिए तहे दिल से आभार व्यक्त किया।


शर्मिष्ठा मुखर्जी का दिल को छू लेने वाला ट्वीट

शर्मिष्ठा मुखर्जी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक ट्वीट में अपनी भावनाओं का इज़हार किया। उन्होंने लिखा:

“प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिलकर उनके इस उदार निर्णय के लिए दिल से धन्यवाद किया। यह कदम हमारे लिए और भी खास है क्योंकि हमने इसे मांगा नहीं था। प्रधानमंत्री के इस अप्रत्याशित लेकिन अत्यंत विनम्र gesture ने हमें अभिभूत कर दिया है।”

ट्वीट के साथ, शर्मिष्ठा ने प्रधानमंत्री के साथ अपनी मुलाकात की तस्वीरें भी साझा कीं। उन्होंने कहा,
“बाबा हमेशा कहते थे कि राजकीय सम्मान मांगा नहीं जाना चाहिए, यह प्रदान किया जाना चाहिए। प्रधानमंत्री मोदी के इस कदम ने उनके विचारों को सार्थकता दी है।”


मोदी सरकार ने भेजा औपचारिक पत्र

प्रधानमंत्री कार्यालय से शर्मिष्ठा मुखर्जी को एक औपचारिक पत्र भेजा गया, जिसमें लिखा था कि राष्ट्रीय स्मृति परिसर में प्रणब मुखर्जी के स्मारक के लिए एक विशिष्ट स्थल निर्धारित किया गया है। इस पत्र ने न केवल प्रणब मुखर्जी के परिवार को गर्वित किया बल्कि उनके लाखों प्रशंसकों के लिए भी यह एक गर्व का क्षण बन गया।


कांग्रेस पर साधा निशाना

इस बीच, शर्मिष्ठा मुखर्जी ने कांग्रेस पार्टी पर भी सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि जब उनके पिता प्रणब मुखर्जी का निधन हुआ था, तब कांग्रेस ने कोई ठोस कदम नहीं उठाया। उन्होंने पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के अंतिम संस्कार को लेकर भी अपनी नाराजगी जताई और कहा कि कांग्रेस ने उनके पिता की स्मृति के लिए कुछ नहीं किया।


प्रणब मुखर्जी: एक अद्वितीय व्यक्तित्व

प्रणब मुखर्जी, जिन्हें उनके करीबी लोग ‘बाबा’ कहकर बुलाते थे, भारतीय राजनीति के एक अद्वितीय नेता थे। उनका पूरा जीवन देश की सेवा और कांग्रेस पार्टी के साथ गुजरा। उन्होंने राष्ट्रपति के रूप में अपने कार्यकाल के दौरान कई ऐतिहासिक निर्णय लिए और देश के विकास में अहम भूमिका निभाई।

शर्मिष्ठा मुखर्जी ने कहा,
“बाबा अब प्रशंसा और आलोचना से परे हैं, लेकिन उनके योगदान को भुलाया नहीं जा सकता। प्रधानमंत्री मोदी द्वारा उनके लिए स्मारक बनाना हमारे लिए गर्व का क्षण है।”


राष्ट्रीय स्मृति परिसर का महत्व

राष्ट्रीय स्मृति परिसर भारत के उन नेताओं और महापुरुषों को समर्पित है जिन्होंने देश के निर्माण और प्रगति में अहम भूमिका निभाई है। प्रणब मुखर्जी का स्मारक इस परिसर में एक और प्रेरणादायक अध्याय जोड़ेगा।

इस स्मारक के निर्माण से न केवल प्रणब मुखर्जी के योगदान को सम्मान मिलेगा बल्कि यह आने वाली पीढ़ियों को उनके विचारों और आदर्शों से प्रेरित करेगा।


श्रद्धांजलि का अनूठा उदाहरण

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का यह कदम भारतीय राजनीति में एक नई मिसाल पेश करता है। यह फैसला उन मूल्यों और परंपराओं को उजागर करता है जो भारतीय राजनीति और समाज के मूल में हैं।

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