राम मंदिर ट्रस्ट ने खरीद सौदे और समझौते का जारी किया ब्योरा
भ्रष्टाचार के आरोपों के बीच राम जन्मभूमि ट्रस्ट ने मंगलवार को एक बयान जारी कर खरीद सौदे और समझौते के विवरण पर विस्तार से सामने रखा। ट्रस्ट ने अपने बयान में कहा कि सौदे में नौ व्यक्ति शामिल थे और समझौते को पारदर्शी तरीके से पूरा करने के लिए उनकी सहमति से बातचीत की गई। इसमें कहा गया है कि ट्रस्ट ने फैसला किया था कि सभी वित्तीय सौदे बैंकिंग चैनलों के माध्यम से किए जाएंगे और लेनदेन का पूरा “रिकॉर्ड” रहे।
Facts about land purchase deal done by Shri Ram Janmbhoomi Teerth Kshetra Trust in Bagh Bijaisi, Ayodhya. pic.twitter.com/NROXgDqCFW
— Shri Ram Janmbhoomi Teerth Kshetra (@ShriRamTeerth) June 15, 2021
बताया गया, “न्यास इस जमीन को खरीदने के इच्छुक था, लेकिन पहले सभी पिछले समझौतों को अंतिम रूप देना चाहते थे ताकि जमीन के स्वामित्व को मंजूरी मिल सके। इस डील में पिछले 10 साल से करीब 9 लोग शामिल थे, इन 9 लोगों में 3 मुस्लिम हैं…सभी 9 लोगों से संपर्क किया गया, बातचीत की गई।
उनकी सहमति मिलने पर, वे सभी आए और अपने पिछले समझौतों को तय करने के लिए एक साथ बैठे।” बयान में कहा गया है कि जमीन के अंतिम मालिकों के साथ समझौता “पारदर्शी तरीके” से किया गया था।
ट्रस्ट ने आगे कहा कि उसने पहले ही मंदिरों और आश्रमों सहित 3-4 भूखंड खरीदे हैं, प्रत्येक खरीदे गए मंदिर/आश्रम/निजी संपत्ति के बदले “पुनर्वास और उनके भवनों के निर्माण के लिए उनकी अपनी पसंद की भूमि का एक हिस्सा और पर्याप्त धन उनको दिया जाना है।”
भूमि सौदे पर हुए समझौतों को विस्तार से रेखांकित करते हुए ट्रस्ट ने कहा कि 18 मार्च को रवि मोहन तिवारी और सुल्तान अंसारी ने 243, 244 और 246 नंबर के साथ पंजीकृत भूमि को 2 करोड़ रुपये की राशि से खरीदा था, जिसका सर्किल रेट पर वैल्यूएशन 5.80 करोड़ और स्टैम्प पर 5.80 करोड़ रुपये है।
बयान में कहा गया है कि तिवारी और अंसारी ने उसी दिन इस जमीन को राम जन्मभूमि ट्रस्ट को बेचने का समझौता किया था। “इसका प्रतिफल राशि 18.50 करोड़ तय हुआ था। इसमें से 17 करोड़ रुपये ऑनलाइन लेनदेन के माध्यम से अग्रिम तौर पर दे दिया गया था।”
मंदिर ट्रस्ट ने यह भी कहा है कि भूमि एक “प्रमुख” स्थान पर स्थित है और जिस कीमत पर इसे खरीदा गया था वह “अयोध्या में वास्तविक बाजार दर से बहुत कम” थी।