पालिका को नगर निगम बनाने का भेजा दूसरा प्रस्ताव
इस साल होने वाले जिला पंचायत, क्षेत्र पंचायत व ग्राम सभा के चुनाव के चलते मामला पड सकता है खटाई में
मुजफ्फरनगर। नगर पालिका परिषद मुजफ्फरनगर को नगर निगम बनाने की तैयारी काफी पहले से चल रही है। हाल ही में इन तैयारियों को युद्धस्तर पर अंजाम दिया जा रहा है।
नगर निगम बनाने का भेजा गया पहला प्रस्ताव निरस्त होने के बाद अब दूसरा प्रस्ताव शासन को भेजा गया है। इसमें पालिका के सीमा विस्तार का प्रस्ताव है, जो पहले शासन ने निरस्त कर दिया था। शासन के भेजे गये प्रस्ताव पर यदि स्वीकृति मिल जाती है, तो नगर पालिका वर्तमान में यथावत स्थिति में ही निगम बन सकती है।
पालिका को निगम बनाने का प्रस्ताव कपिल देव अग्रवाल के समय से जारी है। उनके कार्यकाल में कई बार शासन को पालिका को नगर निगम बनाने की प्रत्रावली भेजी गई, लेकिन अथक प्रयास के बाद भी पालिका, निगम नहीं बन पाई।
उस समय के चेयरमैन अब सरकार में राज्य मंत्री हैं, इसके चलते अब फिर से नगरपालिका मुजफ्फरनगर को निगम बनाने की कवायद शुरू हो गयी है। पालिका को निगम बनाने के सभी मानक लगभग पूर्ण है। प्रशासन द्वारा सीमा विस्तार करते हुए शासन को प्रस्ताव भेजा गया था, जिसे शासन ने निरस्त कर दिया था। अब पुनरू फिर प्रस्ताव भेजा गया है। बताया जा रहा है कि सीमा विस्तार को लेकर विरोध के स्वर तेज हो सकते हैं, इसमें 13 गांव पूर्ण रूप से व 6 गांव आंशिक रूप से शामिल हो सकते हैं।
इसी साल ग्राम पंचायत, नगर पंचायत आदि के चुनाव होने हैं। ऐसे में सीमा विस्तार किये गये अनापत्ति प्रमाण पत्र मिलना असम्भव नजर आ रहा है। जिला पंचायत और क्षेत्र पंचायत का भी नया परिसीमन करना पडता है। ऐसे में शासन की मंशा है कि मुजफ्फरनगर पालिका को नगर, निगम वर्तमान पालिका क्षेत्र में ही बना दिया जाये। साथ ही अगले पालिका चुनाव होने से पहले नगर निगम से प्रस्ताव लेकर सीमा विस्तार कर दिया जाये
जिसमें सरवट, कूकडा, न्याजूपुरा, मिमलाना, शाहबुद्दीनपुर आदि गांवों के रकबों में विसकित की गई कालोनियों को भी शामिल कर लिया जायेगा। वहीं दूसरी ओर नगर पालिका के अधिशासी अधिकारी विनय कुमार मणि त्रिपाठी का कहना था कि पालिका को निगम बनाने के पहले के भेजे गये प्रस्ताव को शासन ने निरस्त कर दिया है। सीमा विस्तार करते हुए प्रस्ताव भेजा गया था, जो भी निरस्त हुआ। अब निगम बनाने के लिए दूसरा प्रस्ताव भेजा गया है, इस पर मोहर लगती है, तो पालिका यथा स्थिति में निगम बन जायेगी।