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Shardiya Navratri 2021: कल से शुरु हो रही है शारदीय नवरात्रि, जानिए कलश स्थापना के लाभ और शुभ मुहूर्त

Shardiya Navratri 2021 7 अक्टूबर से प्रारम्भ होकर 14 अक्टूबर तक रहेंगे, विजयदशमी यानी दशहरा का त्यौहार 15 अक्टूबर को मनाया जाएगा।इस वर्ष शारदीय नवरात्र नौ दिनों के होकर 8 दिनो के ही रहेंगे, क्योंकि चौथे नवरात्रे अर्थात चतुर्थी तिथि का क्षय हो रहा है।

शारदीय नवरात्रि 7 अक्टूबर, गुरुवार से प्रारंभ हो रहे हैं। नवरात्रि के पहले दिन यानी प्रतिपदा तिथि में कलश स्थापना या घट स्थापना का महत्व है। हिंदू पंचांग के अनुसार, आश्विन मास प्रतिपदा तिथि का आरंभ 06 अक्टूबर को शाम 04 बजकर 35 मिनट पर हो रहा है और प्रतिपदा तिथि 07 अक्टूबर को दोपहर 01 बजकर 47 मिनट तक रहेगी।

दरअसल 9 अक्तूबर को तृतीया तिथि प्रातः 7:49 am तक रहेगी, तदोपरान्त चतुर्थी तिथि यही से आरंभ होकर 10 अक्तूबर प्रातः 4:56 am तक रहेगी, यानि की चतुर्थी तिथि का क्षय हो रहा है। 10 अक्तूबर को पांचवा नवरात्र रहेगा। अतः इस वर्ष नवरात्र केवल आठ दिन के हैं, संक्षेप में इस बार तीसरा और चौथा नवरात्र 9 अक्तूबर को एक ही दिन मनाया जायेगा।

नवरात्रे घटस्थापना का मुहूर्त-
6:13 am से 7:40 am तक।
मुहूर्त की कुल अवधि-1 घंटे 27 मिनट

शारदीय नवरात्रि 2021 तिथियां:-

7 अक्टूबर (पहला नवरात्र)- मां शैलपुत्री की पूजा
8 अक्टूबर (दूसरा नवरात्र)- मां ब्रह्मचारिणी की पूजा
9 अक्टूबर (तीसरा तथा चौथा नवरात्र)- मां चंद्रघंटा व मां कूष्मांडा की पूजा
10 अक्टूबर (पांचवा नवरात्र)- मां स्कंदमाता की पूजा
11 अक्टूबर (छठा नवरात्र)- मां कात्यायनी की पूजा
12 अक्टूबर (सातवाँ नवरात्र)- मां कालरात्रि की पूजा
13 अक्टूबर (आठवां नवरात्र)- मां महागौरी की पूजा, दुर्गाष्टमी
14 अक्टूबर (नौवा नवरात्र)- मां सिद्धिदात्री की पूजा, महानवमी

15 अक्टूबर- दशमी तिथि- विजयादशमी या दशहरा

कलश स्थापना की विधि’

शारदीय नवरात्रि: संवत् २०७७ आश्विन मास के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि से

नवरात्रो मे कृत्य तथा अकृत्य कर्म:-

1. यदि नवरात्रे पूजन, व्रत, या खेतरी बीजी हो तो पूरा परिवार पूर्ण शुद्धि से रहे, मांस, शराब, अण्डा, लहसुन, प्याज़ इत्यादि तामसिक वस्तुएँ तथा भोग्य पदार्थ न खाये, तथा इन्हे घर से हटा दे । मैथुन इत्यादि कर्म न करे, घर मे शुद्धि और सात्विकता बनाये रखे ।

2. नवरात्रो मे साधक या व्रती को बाल कटवाना, शेव करना तथा मैथुन इत्यादि कर्म वर्जित है । क्रोध, अपशब्द, गाली-गलौच, तथा झूठ न बोले 

3. व्रती को दिन मे नही सोना चाहिये, खाली समय केवल प्रभु या माता की भक्ति या भजन- कीर्तन मे गुजारे, माता भवानी को भेटे अत्यंत प्रिय है 

4. इन दिनो तीर्थयात्रा, देवालय दर्शन तथा तीर्थ स्नान करते हुए, गरीबों, लाचारो, अंपगो, वृद्धों तथा कुष्ठ रोगियों को दिल खोलकर दान करना और इनकी सेवा करने से आपार पुण्य की प्राप्ति होती है

नवरात्रो मे क्या खाना चाहिए तथा क्या न ग्रहण करे:-

1. व्रती नमक न खाये, खाने मे केवल सैंधा नमक ही डाल सकते है, व्रत के खाने मे स्वाद न ढूंढे, खाने को पहले भगवती मां को तुलसीपत्र डालकर भोग लगवाकर ही स्वयं ग्रहण करे ।

2. व्रती चाहे तो नवरात्रो मे केवल जल, दूध तथा फलाहार ही ले सकते है, या चाहे तो दिन मे एक बार कुट्टू- सिंधाडे के आटे से बना भोजन ले सकते है ।

3. व्रती भोजन मे कुट्टू- सिंधाडे का आटा, सौफिया चावल(शामक चावल), उपवास चावल से बना डोसा,
साबूदाना, पनीर, दूध-दही तथा दूध से बनी वस्तुएँ, राजगीरा, रतालू , अरबी, उबले हुए मीठे आलू (शक्कर कंद) से बने व्यंजन, फल, मूंगफली, इत्यादि खाद्य पदार्थ ले सकते है

4.सब्जियों मे अदरक, आलू, पालक, सीताफल, अरबी, टमाटर, हरी मिर्च, तथा मसालो मे सेंधा नमक, जीरा,अनारदाना, धनिया तथा काली मिर्च ले सकते है
पपीता, नाशपाती, सेब तथा अन्य मौसमी फल के साथ बनाया गया फलों का सलाद ।

5.मक्खन (घी), दूध और छाछ। इन सभी का हमारे शरीर पर शीतल प्रभाव पड़ता है।
लौकी और कद्दू के साथ दही ।

6.तरल पदार्थ – नारियल पानी, जूस, सब्जियों के सूप, आदि। ये तरल पदार्थ उपवास के दौरान ऊर्जा प्रदान करने के अलावा, निर्जलीकरण को रोकने और विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालते हैं ।

7. कोशिश करे कि नवरात्रे के दौरान कच्ची फल, सब्जियां, भूनकर, उबालकर, भाप से और पीसने जैसे स्वस्थ खाना पकाने के तरीके का प्रयोग करें ।

नवरात्रो मे निषिद्ध पदार्थ :-
1. नवरात्रि मे प्याज, लहसुन, दाले, उपरोक्त लिखी सब्जियों के सिवाय अन्य सब्जियां तथा अन्य प्रकार के अन्न, अंड़ा, मांस, शराब तथा नैमिष्य पदार्थ और तेज मसालों और तले और भारी भोजन से परहेज करें ।

नवरात्रो के पावन नौ दिनो मे देवी की भक्ति और व्रत धारण करके तन-मन और आत्मा की शुद्धि के द्धारा भवसागर से पार उतरने हेतू पुण्य अर्जित करने का स्वर्णिम अवसर का लाभ उठाये ।

अक्टूबर शुभ दिन:- 10 (3 pm तक), 11 (1 pm के उपरांत), 12, 13 (9 am के उपरांत), 14, 15, 16 (6 pm के उपरांत), 17, 18, 19 (7 pm तक), 20, 21, 22 (7 pm तक), 24, 26, 27 (11 am तक), 28, 29, 30, 31 (2 pm के उपरांत)

अक्टूबर अशुभ दिन:-  7, 9, 23, 25.

आगामी व्रत तथा त्यौहार:-
7 अक्टू०- नवरात्रि प्रारम्भ।

12 अक्टू०- सरस्वती आवाहन।

13 अक्टू०- सरस्वती पूजा/दुर्गा अष्टमी।
14 अक्टू०- महानवमी।

15 अक्टू०- दशहरा, विजयदशमी।

16 अक्टू०- पापांकुशा एकादशी।

17 अक्टू०- तुला संक्रान्ति।

18 अक्टू०- प्रदोष व्रत।
19 अक्टू०- कोजागर पूजा।

19/20 अक्टू०- शरद पूर्णिमा।

24 अक्टू०- करवा चौथ।

28 अक्टू०- अहोई अष्टमी।

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धर्म के गूढ़ रहस्यों और ज्ञान को जनमानस तक सरल भाषा में पहुंचा रहे श्री रवींद्र जायसवाल (द्वारिकाधीश डिवाइनमार्ट,वृंदावन) इस सेक्शन के वरिष्ठ सामग्री संपादक और वास्तु विशेषज्ञ हैं। वह धार्मिक और ज्योतिष संबंधी विषयों पर लिखते हैं।

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