Sonbhadra News: डीजल तस्करी के मामले में पुलिस के सामने आया बाइपास सिस्टम का सच
Sonbhadra News: डीजल तस्करी के मामले में दो एनसीएल कर्मियों को गिरफ्तार कर लिया गया है। इसमें एक नाम ऐसा है जो विवेचना के दौरान सामने आया है। इस खेल में अन्य कौन-कौन शामिल हैं, इसकी जानकारी जुटाई जा रही है।गत दो सितंबर को एसटीएफ वाराणसी की टीम ने आईओसीएल की तरफ से एनसीएल की परियोजनाओं में मशीनों के लिए दिए जाने वाले तेल आपूर्ति मैनेजमेंट सिस्टम में सेंधमारी कर बड़े स्तर पर डीजल तस्करी का खुलासा किया था। मामले में जहां कथित सरगना सहित 22 के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई गई थी। वहीं छह को एसटीएफ ने और चार को शक्तिनगर पुलिस ने गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था।
एनसीएल में तस्करी किए जा रहे डीजल का रिकार्ड बगैर एनसीएल के टाॅप मैनेजमेंट सिस्टम को भनक लगे कैसे दुरूस्त कर लिया जा रहा है? इसकी जानकारी के लिए जब पुलिस ने जांच शुरू की तो सामने आए सच ने हर किसी को हैरान करके रख दिया। आईओसीएल और एनसीएल के जिम्मेदारों को लेकर जब पुलिस दुद्धीचुआ में डीजल स्टोर तथा मशीनों को आपूर्ति दिए जाने वाले स्थल पर पहुंची तो देखा कि यहां डीजल अनलोडिंग और मशीनों में आपूर्ति का डाटा कंप्यूटर के जरिए फीड हो रहा है।
आंकड़ा भी सब दुरूस्त मिला लेकिन जब मौके पर बने टैंक के इर्द-गिर्द निगरानी के साथ ही हल्की खुदाई कराई तो मिट्टी के नीचे दबी तथा प्लास्टिक की पन्नी से ढकी बाइपास पाइप ने सारा राज बयां कर दिया।जब भी टैंक में डीजल अनलोड किया जाता तो उसमें से डीजल की एक मात्रा बाइपास वाले पाइप के जरिए होकर दोबारा पाइप में पहुंच जाती। इसके लिए पुलिस ने दो हजार लीटर डीजल का इंतजाम कर स्वयं से इसका सच भी खंगाला।
पता चला कि बाइपास के जरिए पहले वाला डाला गया डीजल ही दोबारा टैंक में पहुंचकर गायब किए गए डीजल के रिकार्ड को मेंटेन कर दे रहा है और कंप्यूटर वाली निगरानी व्यवस्था में सब कुछ ओके दिख रहा है। प्रभारी निरीक्षक राजेश कुमार सिंह ने बताया कि मौके पर जब पूछताछ की गई तो पता चला कि रिकार्ड दुरूस्त करने वाले सिस्टम के निगरानी की जिम्मेदारी एनसीएल कर्मी अरुण कुमार शर्मा निवासी एमक्यू-505 सेक्टर बी, दुद्धीचुआ कालोनी, थाना विंध्यनगर, स्थाई पता गोरबी, थाना मोरवा, सिंगरौली (एमपी) और राजकुमार सिंह पुत्र स्व. गणेश सिंह निवासी कोडी बरगवां, थाना विंध्यनगर, सिंगरौली, हाल पता बी-610 सेक्टर बी दुद्धीचुआ कालोनी, थाना विंध्यनगर का है।
यह भी जानकारी मिली कि बगैर इन दोनों कर्मियों की संलिप्तता के बाइपास सिस्टम संभव ही नहीं था। इसके लिए बाकायदे नोजल सिस्टम भी लगाया गया था ताकि जब जरूरत पड़े, तब बाइपास सिस्टम का इस्तेमाल हो। पूरे मामले की जानकारी करने के बाद आरोपियों की तलाश की गई तो पता चला कि दोनों दुद्धीचुआ तिराहे पर मौजूद हैं।

