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Thailand का शख्स Tambon Prasert जिसने की 120 शादियां: क्या है इस अनोखे मामले की सच्चाई?

Thailand से एक हैरान कर देने वाली खबर वायरल हो रही है, जिसमें एक शख्स ने अपनी ज़िन्दगी में 120 शादियां की हैं। यह घटना इतनी विचित्र और अनोखी है कि जिसने भी सुना, वह दंग रह गया। थाईलैंड के नकोन नायोक प्रांत के तंबन प्रैजर्ट (Tambon Prasert) का ये मामला अब सोशल मीडिया पर चर्चा का केंद्र बन चुका है। उनकी 120 शादियों की कहानी ने न केवल स्थानीय लोगों को बल्कि पूरी दुनिया को चौंका दिया है। इस खबर के फैलते ही लोगों के बीच इस बात को लेकर खासी दिलचस्पी पैदा हो गई कि कैसे कोई व्यक्ति इतनी सारी शादियां कर सकता है और उसकी बीवियों को इससे कोई परेशानी नहीं होती?

कौन हैं Tambon Prasert और कैसे शुरू हुई उनकी कहानी?

तंबन प्रैजर्ट पेशे से बिल्डर हैं और उनके बारे में कहा जाता है कि जहां भी उन्होंने काम किया, वहीं की एक लड़की से शादी कर ली। इस तरह, वह अलग-अलग जगहों पर अपनी शादियां करते गए और देखते ही देखते उनकी बीवियों की संख्या 120 हो गई। तंबन की हर शादी उनके रीति-रिवाजों और परंपराओं के साथ होती थी। उन्होंने अपनी पहली शादी मात्र 17 साल की उम्र में की थी, तब उनकी पत्नी उनसे दो साल छोटी थी। यह सिलसिला यहीं नहीं रुका, बल्कि हर नई जगह पर जाते ही वह किसी और लड़की से विवाह बंधन में बंधते गए।

तंबन की शादियों की सबसे दिलचस्प बात यह है कि उनकी सभी पत्नियों को उनकी शादियों के बारे में पता होता था। उनके रिश्ते में न तो झगड़े होते थे और न ही कोई असहमति। तंबन का कहना है कि वह अपनी सभी पत्नियों का ख्याल रखते हैं और सभी जरूरतें पूरी करते हैं। उन्होंने कई पत्नियों को अपने घर भी बनवाकर दिए हैं, जिससे उनकी पत्नियां संतुष्ट रहती हैं।

तंबन की 120वीं शादी और वायरल खबर

यह मामला तब सार्वजनिक हुआ जब तंबन ने अपनी 120वीं शादी एक 27 साल छोटी महिला, फोन (Phon) से की। इस खबर के बाद तंबन के निजी जीवन और शादियों की चर्चा मीडिया में खूब होने लगी। इस शख्स ने खुद प्रेस कॉन्फ्रेंस कर इस बात की पुष्टि की कि उन्होंने अब तक 120 शादियां की हैं और उनके 28 बच्चे भी हैं। तंबन ने मीडिया को बताया कि उन्हें कम उम्र की लड़कियों से शादी करना पसंद है क्योंकि वह मानते हैं कि बड़ी उम्र की महिलाएं ज्यादा बहस करती हैं। उनका यह बयान भी खासा विवादित रहा।

हालांकि, यह सारा मामला 2017 में सामने आया था और अब एक बार फिर से सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। इंटरनेट पर वायरल होते ही यह खबर फिर से चर्चा में आ गई।

क्या तंबन की शादियां कानूनी हैं?

यह सवाल भी अहम है कि Thailand में बहुविवाह (Polygamy) कानूनी तौर पर मान्य नहीं है। थाईलैंड में एक से ज्यादा शादी करना अवैध है और तंबन ने स्वीकार किया कि उनकी शादियां गैरकानूनी हैं। थाईलैंड में बहुविवाह के खिलाफ कानून स्पष्ट हैं, और तंबन की शादियों की वैधता पर सवाल उठना लाजमी है। हालांकि, तंबन के खिलाफ कोई ठोस कानूनी कार्यवाही की खबरें सामने नहीं आई हैं, लेकिन इस तरह की शादियां उन्हें कानूनी पचड़े में फंसा सकती हैं।

तंबन की बीवियों की प्रतिक्रियाएं

तंबन के अनुसार, उनकी पत्नियों को उनकी अन्य शादियों से कोई समस्या नहीं है। यह बात भी इस कहानी को और अधिक चौंकाने वाली बनाती है। तंबन की 22 पत्नियां उनके घर के आस-पास ही रहती हैं, जबकि बाकी अलग-अलग जगहों पर। यह सुनने में अजीब लग सकता है कि एक शख्स 120 शादियां कर चुका हो और फिर भी सभी रिश्तों में शांति और संतोष बना हुआ हो। यह बात कई लोगों के लिए यकीन से परे है, लेकिन तंबन का दावा है कि वह अपने परिवार का पूरी तरह से ख्याल रखते हैं और इसी वजह से उनकी पत्नियों को कोई शिकायत नहीं होती।

अन्य विवादित मामले

तंबन की कहानी एक अकेली नहीं है। दुनिया भर में ऐसे कई विचित्र मामले सामने आते रहे हैं, जहां लोगों ने अनगिनत शादियां की हैं। ऐसे कई मामलों में कानून का उल्लंघन भी होता है और सामाजिक अस्वीकृति का सामना भी करना पड़ता है।

उदाहरण के लिए, भारत में भी बहुविवाह के कुछ मामले सामने आए हैं, खासकर कुछ ग्रामीण क्षेत्रों में। हालांकि, भारत में भी कानूनन एक से अधिक शादी करना अपराध है, लेकिन कुछ समुदायों और धर्मों में यह प्रथा सदियों से चली आ रही है।

ऐसा ही एक मामला पाकिस्तान का है, जहां एक व्यक्ति ने 60 शादियां की थीं। इसके बावजूद, वह अपने हर रिश्ते को बरकरार रखने का दावा करता था। इस तरह के मामले यह सवाल उठाते हैं कि क्या यह सब वास्तव में संभव है, और अगर है, तो कानून और समाज की क्या भूमिका होनी चाहिए?

तंबन प्रैजर्ट के मामले से क्या सीख?

तंबन प्रैजर्ट की कहानी ने न केवल थाईलैंड बल्कि पूरी दुनिया को सोचने पर मजबूर कर दिया है। ऐसी घटनाएं समाज में यह सवाल उठाती हैं कि बहुविवाह जैसे मामले क्यों और कैसे होते हैं। क्या यह केवल व्यक्तिगत इच्छा है, या इसके पीछे कोई सांस्कृतिक या सामाजिक कारण भी हैं?

तंबन के मामले में, यह साफ है कि उन्होंने कानून का उल्लंघन किया है, लेकिन यह भी साफ है कि उनके निजी जीवन में इसके बावजूद शांति है। उनकी पत्नियों का संतुष्ट होना और उनके 28 बच्चों की परवरिश का दावा यह दर्शाता है कि हर व्यक्ति की कहानी अलग हो सकती है।

अंततः

तंबन प्रैजर्ट का मामला आज भी एक पहेली है। उन्होंने जिस तरीके से अपनी ज़िंदगी को जिया, वह शायद समाज और कानून की नजरों में गलत हो, लेकिन उन्होंने अपने रिश्तों को कायम रखा है। यह कहानी हमें सोचने पर मजबूर करती है कि रिश्तों की परिभाषा क्या होनी चाहिए? क्या यह समाज और कानून की सीमाओं में बंधी होनी चाहिए, या व्यक्तिगत पसंद और जिम्मेदारी के दायरे में?

यह केस भले ही विचित्र हो, लेकिन यह समाज में रिश्तों की जटिलता और व्यक्तिगत स्वतंत्रता के सवाल को नई दिशा देता है। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि भविष्य में तंबन जैसे मामले कैसे समाज और कानून की सीमाओं को चुनौती देंगे।

Rakesh Kumar Malviya

डॉ. राकेश कुमार मालवीय एक नवीन विचारक और इंजीनियरिंग पेशेवर हैं, जो सामाजिक अन्याय और एकता पर गहन लेखन करते हैं। वे डॉ. भीमराव अंबेडकर के अनुयायी हैं और उनके विचारों को अपने कार्यों में समाहित करते हैं। उन्होंने इंजीनियरिंग में अपनी उच्च शिक्षा प्राप्त की और इसके साथ-साथ सामाजिक न्याय और मानवाधिकार के क्षेत्र में भी गंभीर अध्ययन किया। सामाजिक समानता और न्याय की दिशा में उनके योगदान ने उन्हें एक प्रमुख अकादमिक और विचारक के रूप में स्थापित किया है। डॉ. मालवीय का मानना है कि सामाजिक न्याय और समानता की दिशा में कदम उठाने से ही समाज में स्थायी परिवर्तन आ सकता है।

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