Thong Bikini का बूम: ग्लोबल बीच ट्रेंड से बॉलीवुड-हॉलीवुड तक, क्यों हुआ इतना पॉपुलर?
हाल के सालों में समुद्र तटों, लग्ज़री रिसॉर्ट्स, स्विमिंग पूलों और यहां तक कि इंस्टाग्राम व टिकटॉक जैसे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर Thong Bikini का जलवा साफ़ देखा जा सकता है। पुराने दौर की यह बोल्ड बिकिनी अब फिर से ग्लोबल फैशन ट्रेंड बन चुकी है।
थोंग बिकिनी को अक्सर “ब्राज़ीलियन-कट” बिकिनी भी कहा जाता है। इसका नाम “थोंग” अंग्रेज़ी के उस शब्द से पड़ा है जिसका मतलब है – एक पतली पट्टी या रस्सीनुमा कपड़ा। यही डिज़ाइन इसकी सबसे बड़ी पहचान है। जहां पारंपरिक बिकिनी बॉटम्स ज्यादा कवरेज देते हैं, वहीं थोंग बिकिनी बेहद मिनिमल और बोल्ड मानी जाती है।
कैसे हुई Thong Bikini की धमाकेदार वापसी?
फैशन जगत के जानकार मानते हैं कि आज की जेनरेशन आत्मविश्वास और बॉडी पॉज़िटिविटी को खुलकर सेलिब्रेट करना चाहती है। यही कारण है कि थोंग बिकिनी एक स्टाइल स्टेटमेंट बन गई है।
हॉलीवुड और बॉलीवुड एक्ट्रेसेज़ जैसे काइली जेनर, किम कार्दशियन, दिशा पटानी, जैकलीन फर्नांडिस और अन्य सेलेब्स ने थोंग बिकिनी को सोशल मीडिया पर खूब फ्लॉन्ट किया।
इन्फ्लुएंसर्स और फिटनेस मॉडल्स ने भी इसे अपनाया और इंस्टाग्राम पर लाखों लाइक्स बटोरे।
भारत में भी बॉडी बिल्डर प्रतिभा थपलियाल जैसी महिला एथलीट्स ने थोंग बिकिनी पहनकर इंटरनेशनल प्रतियोगिताओं में मेडल जीते।
आज की युवा पीढ़ी इसे सिर्फ फैशन नहीं, बल्कि आत्मविश्वास की भाषा मानती है।
भारत में थोंग बिकिनी का बढ़ता असर
भारत जैसे पारंपरिक समाज वाले देश में बिकिनी पहनना हमेशा से चर्चा और विवाद का विषय रहा है। लेकिन अब युवा और शहरी महिलाएं इसे ज्यादा सहजता से अपना रही हैं।
गोवा, अंडमान और लक्षद्वीप जैसे टूरिस्ट डेस्टिनेशन्स पर थोंग बिकिनी अब आम नज़ारा है।
हालांकि, शहरों या धार्मिक-परंपरागत इलाकों में इसे पहनने को अब भी विवादित माना जाता है।
2018 में उस समय के पर्यटन मंत्री केजे अल्फोंस ने पर्यटकों से अपील की थी कि वे स्थानीय संस्कृति का सम्मान करें और शहरों में बिकिनी पहनने से बचें।
भले ही भारत में थोंग बिकिनी पर कोई राष्ट्रीय स्तर का प्रतिबंध नहीं है, लेकिन संस्कृति और संवेदनशीलता इसे एक विवादित फैशन बना देती है।
क्यों बनी थोंग बिकिनी हिट?
यह महिलाओं को अपनी बॉडी को सेलिब्रेट करने और आत्मविश्वास दिखाने का मौका देती है।
डिजाइनर्स ने इसे कई रंगों, पैटर्न्स और स्टाइल्स में पेश किया है, जिससे ये और आकर्षक लगती है।
अब ये सिर्फ “ज़ीरो फिगर” वालों तक सीमित नहीं रही, बल्कि सभी साइज और बॉडी टाइप्स के लिए थोंग बिकिनी उपलब्ध है।
प्रतिबंध और विवाद: थोंग बिकिनी पर रोक कहाँ-कहाँ?
थोंग बिकिनी की लोकप्रियता जितनी तेज़ है, विवाद भी उतने ही बड़े हैं।
ऑस्ट्रेलिया: ग्रेटर सिडनी के कुछ पूलों में इसे बैन कर दिया गया।
अमेरिका: साउथ कैरोलिना के मर्टल बीच में कई महिलाओं को थोंग बिकिनी पहनने पर गिरफ्तार किया गया।
खाड़ी देश: मालदीव जैसे देशों में पब्लिक बीच पर थोंग बिकिनी पहनना प्रतिबंधित है। यह सिर्फ “बिकिनी बीच” या प्राइवेट रिसॉर्ट्स में ही अनुमति है।
स्पेन और इटली: बार्सिलोना, मल्लोर्का और इटली के कई शहरों में बीच से बाहर बिकिनी पहनने पर जुर्माना लगता है।
इतिहास: कब और किसने बनाई थोंग बिकिनी?
1946 में फ्रांसीसी डिज़ाइनर लुई रियर्ड ने पहली बिकिनी लॉन्च की।
1970 के दशक में डिज़ाइनर रुडी गेर्नराइक ने मोनोकिनी और थोंग स्टाइल स्विमवियर को लोकप्रिय बनाया।
1980 और 1990 के दशक में ब्राज़ील की बीच कल्चर ने थोंग बिकिनी को ग्लोबल बनाया।
सुपरमॉडल्स सिंडी क्रॉफ़र्ड, नाओमी कैंपबेल और टायरा बैंक्स ने फैशन शो में इसे पहनकर विश्वभर में पॉपुलर बना दिया।
ब्राज़ील: थोंग बिकिनी का असली घर
थोंग बिकिनी का सबसे ज्यादा क्रेडिट ब्राज़ील को जाता है।
1970 के दशक में यहां के डिज़ाइनर्स ने पारंपरिक बिकिनी को छोटा करना शुरू किया ताकि महिलाएं बीच पर बेहतर सन टैन ले सकें।
रियो डी जनेरियो के समुद्र तटों ने इसे ब्यूटी और कॉन्फिडेंस का प्रतीक बना दिया।
जल्द ही यह स्टाइल रनवे से लेकर पॉप म्यूज़िक वीडियोज़ तक पहुंच गया और पूरी दुनिया में ट्रेंड बन गया।
सोशल मीडिया और थोंग बिकिनी: एक नई क्रांति
इंस्टाग्राम, टिकटॉक और स्नैपचैट पर #ThongBikini, #BeachWear और #SummerVibes जैसे हैशटैग करोड़ों पोस्ट्स के साथ ट्रेंड कर रहे हैं।
हर साल समर सीज़न में थोंग बिकिनी का मार्केट बूम करता है।
बड़े ब्रांड्स जैसे विक्टोरिया सीक्रेट, H&M, ज़ारा और कई ऑनलाइन प्लेटफॉर्म इसे ग्लोबल कस्टमर्स तक पहुंचा रहे हैं।
यंग जनरेशन इसे सिर्फ फैशन नहीं बल्कि सोशल मीडिया पर्सनालिटी बिल्डिंग का हिस्सा मानती है।

