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कुंडली (Kundli) में सूर्य की स्थिति मजबूत करने के उपाय- पौष माह में की जाती है सूर्य की उपासना

हिन्दू पंचांग (Hindu calendar) का दसवां महीना पौष मास (month of Paush)का होता है जो गत 20 दिसम्बर से शुरू हो चुका है। ज्योतिष के अनुसार पौष मास की पूर्णिमा को चन्द्रमा पुष्य नक्षत्र में रहता है और इसी कारण इस महीने को पौष का महीना कहा जाता है। इस महीने में भगवान सूर्य की आराधना करना शुभकारी परिणाम प्रदान करता है।

पौष के महीने (month of Paush) में कुछ उपायों को कर सूर्य की स्थिति को मजबूत किया जा सकता9 है। कुंडली (Kundli) में सूर्य दुर्बल या कमजोर स्थिति में है तो व्यक्ति को नौकरी और व्यापार में नुकसान का सामना करना पड़ता है और प्रतिष्ठा में भी कमी आती है। इस माह में आप सूर्यदेव की पूजा करके उन्हें आसानी से प्रसन्न कर सकते हैं।

आइए डालते हैं एक नजर सूर्य देव की उपासना और पौष माह के उपायों पर जिनसे सूर्य देव की पूजा की जा सके—

कुंडली में सूर्य की स्थिति मजबूत करने के उपाय

1. तांबे के लोटे में जल, लाल चंदन , गुड़ और लाल रंग का पुष्प डालकर सूर्य देव को अघ्र्य दें। इससे आपका सूर्य मजबूत होगा और आपको अपनी परेशानियों से छुटकारा मिलेगा।

2. रविवार को सूर्य देव की आराधना की जाती है, ऐसे में पौष माह का रविवार सूर्यदेव की आराधना के लिए उत्तम है। ऐसे में जातक चाहे तो रविवार का व्रत भी रख सकता है। यह व्रत जातक को सुख, समृद्धि और अच्छा स्वास्थ्य प्रदान करेगा। इसके साथ ही सूर्यदेव की उपासना से जातक के तेज में वृद्धि होगी।

3. पौष माह में लाल मसूर, लाल वस्त्र, गुड़, तांबा आदि किसी जरूरतमंद को दान करें, इससे भी सूर्य मजबूत होता है।

4. हर रोज सूर्य देव के इन मंत्रों का जाप करें- ऊँ घृणि: सूर्य आदिव्योम, ऊँ हृां हृीं स: सूर्याय नम:, शत्रु नाशाय ऊँ हृीं हृीं सूर्याय नम:। उपरोक्त मंत्रों के जाप के साथ यदि जातक पौष माह में आदित्य हृदय स्तोत्र का प्रतिदिन पाठ करेगा तो मनुष्य के जीवन में सकारात्मक परिवर्तन आएंगे और उसे तरक्की प्राप्त होगी। सूर्य की स्थिति मजबूत बनाने के लिए जातक पूरे विधि विधान से पूजा करके तांबे का कड़ा हाथ में धारण करें।

सूर्य देव की उपासना
इस माह में प्रतिदिन सबसे पहले नित्य प्रात: स्नान करने के बाद सूर्य को जल अर्पित करना चाहिए। इसके बाद ताम्बे के पात्र से जल दें। जल में रोली और लाल फूल डालें। इसके बाद सूर्य के मंत्र ऊँ आदित्याय नम: का जाप करें।

रखें ये सावधानी
इस माह में चीनी की बजाय गुड़ का सेवन करें। खाने पीने में मेवे और स्निग्ध चीजों का इस्तेमाल करें। इस माह नमक का सेवन कम से कम करना चाहिए। इस महीने में बहुत ज्यादा तेल घी का प्रयोग भी उत्तम नहीं होगा।

अजवाइन, लौंग और अदरक का सेवन लाभकारी होता है। इस महीने में ठन्डे पानी का प्रयोग, स्नान में गड़बड़ी और अत्यधिक खाना खतरनाक हो सकता है।

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धर्म के गूढ़ रहस्यों और ज्ञान को जनमानस तक सरल भाषा में पहुंचा रहे श्री रवींद्र जायसवाल (द्वारिकाधीश डिवाइनमार्ट,वृंदावन) इस सेक्शन के वरिष्ठ सामग्री संपादक और वास्तु विशेषज्ञ हैं। वह धार्मिक और ज्योतिष संबंधी विषयों पर लिखते हैं।

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