उत्तर प्रदेश

बिना मान्यता के स्कूलों पर शिक्षा विभाग की बड़ी कार्रवाई: Maharajganj में 12 से अधिक विद्यालय तत्काल बंद, कई और पर गिरेगी गाज🔥

Maharajganj (तुलसीपुर): उत्तर प्रदेश के महराजगंज जिले में शिक्षा विभाग ने अवैध रूप से संचालित हो रहे विद्यालयों के खिलाफ अब तक की सबसे बड़ी कार्रवाई को अंजाम दिया है। जिलाधिकारी के स्पष्ट निर्देश और शासन की नीति के अनुपालन में, खंड शिक्षा अधिकारी स्वामीनाथन की अगुवाई में गठित विशेष टीम ने तराई क्षेत्र में बिना मान्यता चल रहे 12 से अधिक स्कूलों और मदरसों पर ताबड़तोड़ छापेमारी की।

इस छापेमारी में जिन विद्यालयों को चिन्हित कर तत्काल बंद कराया गया, उनमें शामिल हैं:

  • मदरसा अहमदिया समसुल उलूम, धौराहरी

  • आर्य जी पब्लिक स्कूल, अलाहडीह

  • मदरसा तबरेजुल उलूम, हरिहरपुर

  • विद्रोही शिक्षा संस्थान, फिरोजपुर

  • राधा कृष्ण पब्लिक स्कूल, लालनगर सिपहिया

  • मदरसा अहले सुन्नत रजाये मुस्तफा, गुदरा

  • मदरसा मिसबोहल उलूम, सुखरामपुर

  • मदरसा जामिया अरबिया अहले सुन्नत अनवारुल उलूम, शिवानगर

  • साल्दीराम पब्लिक स्कूल, नौवां

  • स्वर्गीय धीरज सिंह पब्लिक स्कूल, परसपुर

  • मुजेहरा पब्लिक स्कूल


बिना मान्यता के स्कूलों में नहीं थे आवश्यक संसाधन, न ही योग्य शिक्षक

जांच में खुलासा हुआ कि यह सारे विद्यालय बिना किसी वैध दस्तावेज़ और मान्यता के वर्षों से चल रहे थे। यहां न तो योग्य शिक्षक थे, न ही कोई पुस्तकालय, प्रयोगशाला, या खेल-कूद की सुविधाशिक्षा का स्तर पूरी तरह से बेहाल था, और बच्चों को सिर्फ नाम मात्र की पढ़ाई मिल रही थी। इन विद्यालयों में शिक्षा के नाम पर शोषण किया जा रहा था।


प्रबंधकों को मिला सख्त अल्टीमेटम, दोबारा संचालन पर होगी एफआईआर

कार्रवाई के बाद इन विद्यालयों के प्रबंधकों और प्रधानाचार्यों को कड़ा नोटिस भेजा गया है। खंड शिक्षा अधिकारी ने चेतावनी दी है कि यदि कोई भी स्कूल भविष्य में बिना मान्यता के फिर से संचालन करता पाया गया, तो उसके विरुद्ध तत्काल मुकदमा दर्ज कर कठोर कानूनी कार्यवाही की जाएगी।


संचालकों में मचा हड़कंप, कई स्कूलों में लगे ताले

इस अचानक हुई कार्रवाई से अवैध रूप से स्कूल और मदरसे चला रहे संचालकों में दहशत फैल गई है। कई जगहों पर स्कूलों में ताले लटकने लगे हैं, और कई संचालकों ने हड़बड़ी में मान्यता के लिए आवेदन प्रक्रिया शुरू कर दी है। यह स्पष्ट संकेत है कि प्रशासन अब इस मसले को हल्के में नहीं ले रहा।


और भी अवैध विद्यालयों की सूची तैयार, जल्द होगा दूसरा चरण

शिक्षा अधिकारी स्वामीनाथन ने बताया कि यह तो केवल शुरुआत है। क्षेत्र में अब भी कई स्कूल और मदरसे बिना मान्यता के चल रहे हैं, जिनकी सूची तैयार की जा रही है। अगले चरण में उन सभी विद्यालयों पर भी कार्रवाई की जाएगी जो नियमों का उल्लंघन कर शिक्षा का मजाक बना रहे हैं।


बच्चों के भविष्य से खिलवाड़ नहीं किया जाएगा बर्दाश्त: शिक्षा अधिकारी

खंड शिक्षा अधिकारी ने स्पष्ट शब्दों में कहा, “बिना मान्यता के स्कूल बच्चों के भविष्य के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं। यह न केवल कानून के विरुद्ध है, बल्कि समाज के लिए भी खतरनाक है। शिक्षा की गुणवत्ता से समझौता किसी भी कीमत पर स्वीकार नहीं होगा।” उन्होंने यह भी कहा कि शिक्षा विभाग का लक्ष्य है कि हर बच्चा गुणवत्तापूर्ण, सुरक्षित और वैधानिक शिक्षा प्राप्त करे


अभिभावकों से अपील: केवल मान्यता प्राप्त स्कूलों में ही कराएं नामांकन

शिक्षा विभाग ने अभिभावकों से भी अपील की है कि वे अपने बच्चों को सिर्फ उन्हीं स्कूलों में पढ़ने भेजें जो पूरी तरह से वैध और मान्यता प्राप्त हों। इससे न केवल बच्चों को बेहतर शिक्षा मिलेगी, बल्कि भविष्य में किसी भी प्रकार की वैधानिक जटिलताओं से भी बचा जा सकेगा।


शिक्षा की गुणवत्ता पर सख्ती का दौर शुरू, अब नहीं चलेगा कोई बहाना

इस कार्रवाई ने साफ कर दिया है कि अब शिक्षा विभाग ढुलमुल रवैये या मिलीभगत की नीति नहीं अपनाएगा। जो भी स्कूल नियमों को ताक पर रखकर संचालित हो रहे हैं, उनके विरुद्ध कार्रवाई हर स्तर पर की जाएगी, चाहे वह ग्रामीण क्षेत्र हो या कस्बा। शासन की मंशा स्पष्ट है — शिक्षा के क्षेत्र में अनुशासन, पारदर्शिता और गुणवत्ता को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जाएगी।


शिक्षा विभाग के इस कदम को मिल रहा व्यापक समर्थन

स्थानीय समाजसेवियों, शिक्षाविदों और छात्र संगठनों ने इस कदम की सराहना की है। लोगों का मानना है कि यह कार्रवाई लंबे समय से चली आ रही एक बड़ी समस्या को खत्म करने की दिशा में एक निर्णायक कदम है। यह उम्मीद जताई जा रही है कि इससे आने वाले वर्षों में शिक्षा व्यवस्था में विश्वास और पारदर्शिता बढ़ेगी।


शिक्षा विभाग की यह निर्णायक कार्रवाई एक कड़ा संदेश है उन सभी संचालकों के लिए जो अब भी नियमों की अनदेखी कर रहे हैं। अब समय आ गया है कि शिक्षा के क्षेत्र में शुद्धता, पारदर्शिता और जिम्मेदारी को सर्वोपरि माना जाए। हर बच्चे को अधिकार है गुणवत्तापूर्ण और वैध शिक्षा का — और यह जिम्मेदारी हम सभी की है।

 

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