उत्तर प्रदेश

रोहिंग्या पर यूपी एटीएस की कार्रवाई लगातार जारी: 4 रोहिंग्या गिरफ्तार

यूपी एटीएस ने मेरठ और बुलंदशहर से 4 रोहिंग्या को गिरफ्तार किया है। ये रोहिंग्या मानव तस्करी (Human Trafficking) के साथ-साथ सोना तस्करी (Gold Smuggling) के कारोबार में शामिल थे। बता दें, गुरुवार को भी यूपी एटीएस ने अलीगढ़ से 2 रोहिंग्या को गिरफ्तार किया था।

उत्तर प्रदेश के एडीजी प्रशांत कुमार (ADG Prashant Kumar) ने बताया कि सूचना मिली थी कि कुछ लोग म्यांमार के रोहिंग्यों को बांग्लादेश और भारत की अंतरराष्ट्रीय सीमा से अवैध तरीके से भारत की सीमा में प्रवेश करा रहे हैं और बांग्लादेश में रिफ्यूजी कैंप (Refugee Camp) में रहने वाले लोगों को प्रेरित कर उन्हें भारत में अवैध रूप से स्थापित करा रहे हैं।

यह लोग उनके यूएनएचसीआर कार्ड (संयुक्त राष्ट्र शरणार्थी उच्चायोग कार्ड) बनवाते हैं, जिसके एवज में भारी रकम वसूलते हैं। इसके बाद इन रोहिंग्या को भारत के फर्जी दस्तावेज बनाकर अवैध तरीके से यहां की नागरिकता दिलाने के साथ विभिन्न प्रतिष्ठानों पर काम भी दिला देते हैं।

यही नहीं, रोहिंग्या को वेतन के रूप में मिलने वाली रकम का मोटा हिस्सा ये लोग खुद वसूल लेते हैं। इसी सूचना पर कार्रवाई करते हुए मेरठ के खरखौन्दा से हाफिज शफीक उर्फ शबीउल्लाह, अलीगढ़ से अजीजुर्रह्मान, बुलंदशहर के खुर्जा से एक मुफिजुर्रह्मान व मोहम्मद इस्माइल को गिरफ्तार किया गया है।

ADG कानून-व्यवस्था प्रशांत कुमार ने बताया कि हाफिज शफीक इन सब का सरगना है। वही इन लोगों के फर्जी दस्तावेज बनवाने में मदद करता था। शफीक खुद एक रोहिंग्या है और उसने भारत के पते पर पासपोर्ट बनवा कर विदेश की यात्रा भी कर चुका है। इसके अलावा अन्य कई रोहिंग्या के फ़र्जी दस्तावेज के जरिए भारतीय पासपोर्ट बनवा कर उन्हें विदेश भेजा गया है। उन्होंने बताया कि एटीएस इसकी विस्तृत जांच कर रही है।

मेरठ में हाफिज शफीक रोहिंग्याओं का गिरोह चला रहा था। प्रशांत कुमार ने आगे बताया कि महिलाओं की हवाई मार्ग से मलेशिया जैसे देशों में तस्करी की जाती थी। यह गिरोह गलत दस्तावेजों के जरिये नौकरियां दिलाकर कमीशन लेते थे। साथ ही हवाला के जरिये काला धन का आदान-प्रदान करते थे। इतना ही नहीं गिरफ्तार रोहिंग्या के पास से सोने जैसी धातुएं भी बरामद हुई हैं। साथ ही फर्जी दस्तावेज (Fake Documents) बनाने में मदद करने वालो की भी तलाश हो रही है।

सूत्रों के मुताबिक शुरुआती जांच में एटीएस को हवाला के जरिए कारोबार करने के भी सुबूत मिले हैं, जिसका असर देश की अर्थ व्यवस्था पर भी पड़ रहा है। एटीएस इस मामले में गहन छानबीन कर रही है। पकड़े गए आरोपियों को जल्द ही अदालत में पेश किया जाएगा और कस्टडी रिमांड लेकर आगे की पूछ ताछ की जाएगी।

इतना ही नहीं दोनों को रिमांड पर लेकर पूछताछ में पता चला कि यह और इनके जैसे तमाम देशभर में फैले रोहिंग्या और बंग्लादेशी नागरिकों को यूपी में ठिकाना बनाने के लिए कहा गया है। एटीएस के मुताबिक विधानसभा चुनाव से पहले बसने वाली जगह का राशन कार्ड, पैन कार्ड बनवाकर वोटर लिस्ट में नाम जुड़वाना इनका लक्ष्य है। इसलिए नूर आलम एक-एक करके दिल्ली, हरियाणा और राजस्थान की तरफ बसे इन घुसपैठियों को यूपी में रहने वाले इनके रिश्तेदारों और करीबियों तक पहुंचा रहा है। इसके एवज में उसे अच्छी खासी रकम भी मिल रही है।

इनके पास से 3 आधार कार्ड, 3 मोबाइल फोन, बर्मा का 1 पहचान पत्र, एक फर्जी आधार, 2 पासपोर्ट की फोटोकॉपी, 1 लैपटॉप, 1 पेनड्राइव, कुछ विदेशी मुद्रा और अन्य रोहिंग्या प्रवासियों के लिए बनवाए गए भारतीय पासपोर्टों में वोटर आईडी व भारतीय जन्म प्रमाण पत्र भी बरामद किए गए हैं।

 

News Desk

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