निगम को चूना लगाने वाले रैकेट का भंडाफोड़
मुजफ्फरनगर। उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम की चौकिंग में एक बड़े रैकेट का भंडाफोड़ किया गया। यह रैकेट व्हाट्सएप पर अनेक प्रकार के ग्रुप बनाकर चौकिंग दल की लोकेशन को दूसरे को साझा करता था। जिसके चलते निगम को हर माह लाखों का चूना लगता था। जिसका भंडाफोड़ होते हुए अन्य में हड़कंप मच गया। गठित जांच कमेटी की जांच के आधार पर कार्यवाही करते हुए डिपो के सहायक क्षे0 प्रबंधक ने तीन परिचालकों की संविदा समाप्त कर उन्हें डिपो से बाहर का रास्ता दिखा दिया।
बताया गया कि कुछ परिचालक द्वारा चेकिंगकर्ताओं की लोकेशन ग्रुप बनाकर व्हाट्सएप के माध्यम से अन्य परिचालकों को दे रहे थे। 24 अप्रैल 2019 को सहायक क्षे0 प्रबंधक बीपी अग्रवाल, वरिष्ठ केंद्र प्रभारी राजकुमार तोमर, लोड फैक्टर विश्लेषक वीरेंद्र कुमार द्वारा संयुक्त रूप से कुछ परिचालकों के मोबाइल चौक किए गए, जिसमें अनेकों ग्रुप बने हुए मिले। इन ग्रुपों की जांच करने के लिए सहायक क्षे0 प्रबंधक मुजफ्फरनगर बीपी अग्रवाल के द्वारा हर्ष कुमार लेखाकार, राजकुमार तोमर वरिष्ठ केंद्र प्रभारी, वीरेंद्र कुमार लोड फैक्टर विश्लेषक व जितेंद्र कुमार कार्यालय सहायक प्रथम की कमेटी उपरोक्त व्हाट्सएप ग्रुप में संलिप्त परिचालकों की जांच के लिए गठित की गई।
अनेक नामों से बने ग्रुपों में देते थे चैकिंग दल की लोकेशन की सूचना
जांच टीम द्वारा हरपाल सिंह संविदा परिचालक, इश्ककार अली सेकंड संविदा परिचालक, देवेंद्र 5 संविदा परिचालक को दोषी होने के उपरांत जांच रिपोर्ट प्रेषित की गई। मिली रिपोर्ट पर संज्ञान लेते हुए सहायक क्षे0 प्रबंधक मुजफ्फरनगर द्वारा आज तीनों परिचालकों निगम को भ्रष्टाचार कर हानि पहुंचाने का दोषी मानते हुए उनकी संविदा समाप्त कर दी गई। इस विषय में एआरएम बीपी अग्रवाल का कहना था कि ग्रुपों के संबंध में आगे भी जांच कार्यवाही जारी रहेगी तथा इसमें संलिप्त पाये जाने वाले अन्य परिचालकों के विरुद्ध भी कठोर कार्रवाई की जाएगी।