उत्तर प्रदेश

विरोध पर दर्ज करा देता था रेप का मुकदमा: सच्चिदानंद उर्फ दयानंद गिरफ्तार

बस्ती जिले में कोतवाली थाना क्षेत्र के संत कुटी आश्रम में युक्तियों साध्वियों से यौन शोषण के मामले में नामजद कथित बाबा सच्चिदानंद उर्फ दयानंद को यूपी एसटीएफ ने बुधवार रात मुरादाबाद से गिरफ्तार कर लिया. एसटीएफ के एसपी हेमराज मीणा ने इसकी पुष्टि करते हुए बताया कि बाबा को बस्ती पुलिस को सौंप दिया जाएगा। दयानंद साढ़े तीन साल से फरार चल रहा था।

बस्ती जिले में कोतवाली थाना क्षेत्र के संत कुटी आश्रम की साध्वियों ने बाबा सच्चिदानंद उर्फ दयानंद पर 20 दिसंबर 2017 को गैंगरेप और मारपीट कर साध्वियों को आश्रम से बाहर निकाल देने का मुकदमा लिखाया था।

साध्वियों ने आरोप लगाया था कि बाबा सच्चिदानंद उर्फ दयानंद उनके मां-बाप के पास जाता था, कहता था कि बच्ची को हमको दे दो। यह मेरी बच्ची है, पूजा-पाठ करेगी और बच्ची को कृष्ण भगवान का दर्शन होगा। बाबा माता-पिता से बच्चियों को 8 वर्ष से 12 वर्ष के उम्र में बच्चों को उनके माता-पिता से ले लेता था और बच्चियों के मां-बाप से 100 रुपये के स्टांप पर एग्रीमेंट करवाता था कि यह मेरी बेटी है, अब इस पर आपका हक नहीं रहेगा इस बच्ची पर।

बाबा सच्चिदानंद उर्फ दयानंद बच्चियों को ले जाकर आश्रम पर पूजा पाठ करवाता था। कुछ दिन बीतने के बाद छोटी-छोटी बच्चियों के साथ जबरन शारीरिक शोषण करता था। जब बच्चियां विरोध करती थी तो उनको मारा पीटा जाता था और धमकी दी जाती थी। आश्रम मे पहले से रह रही साध्वीयों द्वारा इस बाबा द्वारा बच्चियों का शारीरिक शोषण करने में सहयोग किया जाता था। बाबा सच्चिदानंद उर्फ दयानंद का बच्चियों से मन भर जाता था तब बाबा के साथ जो बाबा रहते थे उन लोगों द्वारा उन बच्चियों का रेप किया जाता था।

बाबा सच्चिदानंद ने कई बड़े आश्रम बना लिए हैं। बाबा का दिल्ली, मुंबई व बिहार में आश्रम है। इसके अलावा उत्तर प्रदेश के कई जिलों में बाबा ने बनाए हैं। सूत्रों की माने तो बाबा सच्चिदानंद उर्फ दयानंद बिहार का रहने वाला है। न्यायालय द्वारा उम्र कैद की सजा भी हो चुकी है लेकिन बाबा रूप व नाम बदल कर इधर-उधर घूमता रहता है।

जो भी बाबा का विरोध करता था उस पर बाबा लड़कियों से कह कर रेप का मुकदमा दर्ज करा देता था। बाबा का विरोध करने वालों पर शिष्यों द्वारा बिहार, मुरादाबाद, बस्ती सहित अन्य जिलों में कई लोगों पर बलात्कार, छेड़खानी का मुकदमा फर्जी तरीके से दर्ज किया गया है।

पुलिस अधीक्षक बस्ती ने बताया कि 20 दिसंबर 2017 में बंधक बनाकर सामूहिक दुष्कर्म करने व अन्य संगीन धाराओं में कोतवाली में केस दर्ज किया गया था। पुलिस ने

आरोपी को गिरफ्तार के लिए जगह-जगह दबिश दी मगर नहीं मिला। आश्रम की कुर्की तक हुई और 50000 का इनाम घोषित किया गया था। लेकिन बाबा हाथ नहीं लगा अलबत्ता उनका शिष्य और शिष्य को दो हजार अट्ठारह में गिरफ्तार कर जेल भेजा गया था। तब से बाबा फरार चल रहा है। बस्ती पुलिस बाबा परम चेतना नंद, बाबा दीपानंद, रस्मी बाई, शीतला बाई, मांडवी बाई को पहले ही गिरफ्तार कर जेल भेज चुकी है।

 

News Desk

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