Jammu and Kashmir: में टारगेट किलिंग: कश्मीर में फेरेंगे कंघी, बीन-बीन मारी जाएंगी जुएं- उमा भारती
Jammu and Kashmir में टारगेट किलिंग : राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल और केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने गुरुवार (2 जून, 2022) को बैठक की। उधर, भारतीय जनता पार्टी की नेता उमा भारती ने टारगेट किलिंग की घटनाओं को लेकर नाराजगी जाहिर की और कहा, “कश्मीर में फेरेंगे कंघी, बीन-बीन मारी जाएंगी जुएं।”
कश्मीर में लगातार हो रहीं हिंदुओं की हत्याएं निंदनीय हैं एवं चिंता का विषय हैं।
— Uma Bharti (@umasribharti) June 2, 2022
बैठक के दौरान देश की आंतरिक सुरक्षा और टारगेट किलिंग के मुद्दे पर चर्चा हुई। इस मीटिंग में केंद्रीय राज्य मंत्री डॉ जितेंद्र सिंह और भारतीय खुफिया एजेंसी रॉ के प्रमुख भी शामिल हुए।
यह बैठक ऐसे समय पर हो रही है जब जम्मू-कश्मीर के कुलगाम में तीन दिनों में टारगेट किलिंग का दूसरा मामला सामने आया है। यहां आज राजस्थान के एक बैंक प्रबंधक की एक आतंकवादी ने गोली मारकर हत्या कर दी।
इलाकाही देहाती बैंक की अरेह शाखा में घुसकर एक आतंकवादी ने बैंक मैनेजर विजय कुमार को गोली मार दी। सीसीटीवी फुटेज में देखा गया कि हत्यारा शाखा में घुसा और गोली चलाकर वहां से भाग गया।
इस हमले में जख्मी हुए विजय कुमार को अस्पताल ले जाया जा रहा था, लेकिन उसने रास्ते में ही उन्होंने दम तोड़ दिया। इन हमलों को लेकर भारतीय जनता पार्टी की जम्मू-कश्मीर इकाई के अध्यक्ष रविंद्र रैना ने इन हमलों के लिए पाकिस्तान को जिम्मेदार ठहराते हुए कहा कि यह उसकी गंदी साजिश है।
इससे पहले जम्मू की एक हिंदू शिक्षक रजनी बाला की कुलगाम में एक स्कूल के बाहर गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। वहीं, एक नागरिक, फारूक अहमद शेख बुधवार शाम अपने घर के अंदर एक लक्षित आतंकवादी हमले में घायल हो गया था। कुलगाम से सटे शोपियां जिले में दो बड़ी घटनाओं के 24 घंटे के अंदर ही बैंक मैनेजर की हत्या कर दी गई।
इन घटनाओं को लेकर कश्मीरी पंडित लगातार विरोध कर रहे हैं। ये मांग कर रहे हैं कि उन्हें सुरक्षित स्थानों पर स्थानांतरित कर दिया जाए। पिछले महीने हडगाम में मजिस्ट्रट कार्यालय में एक कस्मीरी पंडित राहुल भट की हत्या के बाद से समुदाय के लोग काफी गुस्से में हैं।
प्रधानमंत्री के पुनर्वास पैकेज के तहत घाटी में कार्यरत लगभग 4,000 कश्मीरी पंडितों ने बड़े पैमाने पर पलायन की धमकी दी है। उनका कहना है कि वे अब यहां सुरक्षित महसूस नहीं करते हैं।
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