Aligarh के थाने में शर्मनाक सौदा! दरोगा की घिनौनी डील का ऑडियो वायरल, पीड़िता ने मांगी इच्छा मृत्यु
Aligarh जिले में कानून व्यवस्था को शर्मसार कर देने वाली एक घटना ने समूचे प्रदेश में सनसनी फैला दी है। हरदुआगंज थाना, जो आम जनता के लिए न्याय का केंद्र माना जाता है, वहां तैनात दरोगा दिनेश कुमार पर लगे एक महिला के सनसनीखेज आरोपों ने पुलिस महकमे की कार्यप्रणाली पर बड़ा सवाल खड़ा कर दिया है।
📍क्या है पूरा मामला?
पीड़ित महिला ने बताया कि उसका पति कई दिनों से लापता था और वह बार-बार थाने जाकर मदद की गुहार लगा रही थी। लेकिन इंसाफ मांगने गई इस महिला के साथ दरोगा ने ऐसा घिनौना व्यवहार किया, जिसे सुनकर किसी की भी रूह कांप जाए।
महिला का आरोप है कि दरोगा दिनेश कुमार ने उसे कहा कि अगर वह अपने पति को वापस पाना चाहती है, तो उसे पहले “उसकी शर्तें” माननी होंगी। शर्तें? जी हां, वह शारीरिक संबंध बनाने की मांग कर रहा था। महिला के अनुसार, जब वह थाने गई, तो दरोगा उसे अकेले कमरे में बुलाकर उसके साथ अश्लील हरकतें करता था। इतना ही नहीं, जब उसने विरोध किया, तो उसे धमकाया गया, चुप रहने के लिए दबाव बनाया गया और कहा गया कि अगर वह बोलेगी तो उसका पति कभी नहीं मिलेगा।
📢 ऑडियो क्लिप ने मचाया तहलका
इस पूरे काले कांड का एक ऑडियो रिकॉर्डिंग अब सोशल मीडिया पर आग की तरह फैल चुका है। ‘UttarPradesh.ORG News’ नामक एक्स हैंडल पर 23 अप्रैल को यह क्लिप अपलोड की गई थी। इसमें दरोगा की आवाज़ साफ-साफ सुनी जा सकती है, जो पीड़िता से अमर्यादित और घिनौनी बातें करता नजर आ रहा है।
जैसे ही यह क्लिप वायरल हुई, पूरे अलीगढ़ में कोहराम मच गया। लोग सोशल मीडिया पर गुस्से में उबाल खाने लगे। ट्विटर, फेसबुक और इंस्टाग्राम पर #JusticeForAligarhWoman ट्रेंड करने लगा। लोग पूछ रहे हैं, “क्या पुलिस अब अपराधियों से भी आगे निकल गई है?”
📝 महिला की हिम्मत, राज्यपाल को लिखा पत्र
अपने साथ हुए अत्याचार से तंग आकर पीड़िता ने उत्तर प्रदेश के राज्यपाल को एक पत्र लिखा है जिसमें उसने इच्छा मृत्यु की मांग की है। उसका कहना है कि अगर उसे न्याय नहीं मिला, तो जीने से अच्छा है मर जाना। महिला के शब्दों में, “एक महिला होकर थाने में इंसाफ की भीख मांग रही थी, और वहां मेरी अस्मिता को ही लूटने की कोशिश की गई।”
🚨 प्रशासन की कार्रवाई और जांच
अलीगढ़ पुलिस इस मामले के सामने आते ही हरकत में आई है। एक वरिष्ठ अधिकारी को इस मामले की जांच सौंपी गई है। अतरौली के सीओ को जिम्मेदारी दी गई है कि वह इस पूरे घटनाक्रम की निष्पक्ष जांच करें। हालांकि अभी तक दरोगा दिनेश कुमार को सस्पेंड नहीं किया गया है, जिससे जनता का आक्रोश और भी बढ़ गया है।
⚖️ जनता का आक्रोश और मांग
सिर्फ अलीगढ़ ही नहीं, बल्कि पूरे प्रदेश में इस घटना को लेकर भारी गुस्सा है। महिलाएं, छात्र संगठन, समाजसेवी संस्थाएं और आम लोग सड़कों पर उतरने को तैयार हैं। सोशल मीडिया पर हजारों पोस्ट्स, वीडियो और मैसेज्स वायरल हो रहे हैं, जिनमें सख्त से सख्त कार्रवाई की मांग की जा रही है।
लोगों का कहना है:
“अगर थाने में भी महिलाएं सुरक्षित नहीं, तो हम कहां जाएं?”
“हरदुआगंज जैसे थानों में ऐसे लोग बैठे हैं, तो आम आदमी का क्या होगा?”
🔍 ऐसे मामले पहले भी आ चुके हैं सामने
यह पहला मामला नहीं है जब किसी महिला ने थाने में तैनात पुलिसकर्मी पर इस तरह के आरोप लगाए हों। इससे पहले भी यूपी के कई जिलों में पुलिस वालों द्वारा महिला पीड़िताओं का शोषण करने की खबरें आई हैं। गाजियाबाद, कानपुर, वाराणसी, बरेली—हर जगह महिलाओं के साथ दुव्यर्वहार और थानों में यौन उत्पीड़न की घटनाएं सामने आ चुकी हैं। लेकिन क्या हुआ? कुछ नहीं! चंद दिनों की जांच, और सब शांत।
📊 आंकड़े भी चीख-चीखकर बता रहे हैं हकीकत
राष्ट्रीय महिला आयोग के अनुसार, यूपी में पिछले दो सालों में पुलिस विभाग से जुड़े 117 यौन शोषण के मामले दर्ज हुए हैं, जिनमें से 85% मामलों में आज तक किसी को सजा नहीं हुई। यह आंकड़ा बताता है कि पुलिस विभाग के अंदर भी एक “साइलेंट सिस्टम” काम करता है जो दोषियों को बचाता है।
🛑 अब वक्त है सख्त कानून और जवाबदेही का
इस घटना ने एक बार फिर यह साफ कर दिया है कि अब सिर्फ नारों और आश्वासनों से काम नहीं चलने वाला। पुलिसकर्मियों के लिए अलग से सख्त आचार संहिता होनी चाहिए, थानों में सीसीटीवी की लाइव मॉनिटरिंग होनी चाहिए, और महिला शिकायतकर्ताओं के लिए विशेष हेल्प डेस्क होने चाहिए।
👉 निष्पक्ष जांच और त्वरित न्याय ही इस समय की सबसे बड़ी जरूरत है।
👁️🗨️ जनता देख रही है… सोशल मीडिया सुन रहा है… सवाल पूछे जा रहे हैं — अब देखना यह है कि शासन और प्रशासन कब जागेगा?
🧨 और सबसे बड़ा सवाल – क्या दरोगा दिनेश कुमार को उसके कुकर्मों की सजा मिलेगी या फिर यह मामला भी फाइलों में गुम हो जाएगा?
पूरा प्रदेश जवाब मांग रहा है।