उत्तर प्रदेश

Agra में तीन बिल्डरों की गिरफ्तारी: 18 महीने का बकाया, एक घंटे में आधी राशि चुकाई, बाकी का इंतजार..18 महीने से तहसील की टीम को घुमा रहे थे तीन बिल्डर; एक झटके में जमा करा दिया बकाया

Agra के नागरिकों के लिए बृहस्पतिवार का दिन कुछ खास था, जब प्रशासन ने बड़ी कार्रवाई करते हुए तीन प्रमुख बिल्डरों को गिरफ्तारी के लिए नोटिस भेजा। यह कार्रवाई श्रीजी इन्फ्रा प्राइवेट लिमिटेड के निदेशकों – विजय सिंह, चंदन सिंह और मुकेश शर्मा के खिलाफ की गई। यह मामला एक गंभीर विषय को उजागर करता है, जो कई घर खरीदारों के लिए दुखदायी साबित हुआ है – बिल्डरों द्वारा उनके पैसे न लौटाना और समय पर घर का कब्जा न देना।

मामला क्या था?

श्रीजी इन्फ्रा प्राइवेट लिमिटेड के निदेशकों पर आरोप था कि उन्होंने घर खरीदारों से 24 लाख रुपये लेकर उन्हें घर नहीं दिया और न ही उनकी रकम वापस की। इस विवाद के बाद खरीदारों ने उत्तर प्रदेश रियल एस्टेट रेगुलेटरी अथॉरिटी (रेरा) से मदद मांगी। रेरा ने मामले की गंभीरता को देखते हुए भूराजस्व विभाग के माध्यम से 24 लाख रुपये की वसूली के आदेश जिलाधिकारी को दिए।

प्रशासन का एक्शन

डीएम के निर्देश पर तीनों निदेशकों के खिलाफ रिकवरी सर्टिफिकेट (आरसी) जारी की गई। इस कार्रवाई के बावजूद, 18 महीने का लंबा वक्त बीत जाने के बाद भी बिल्डरों ने अपनी जिम्मेदारी नहीं निभाई। इस स्थिति में प्रशासन ने निर्णय लिया कि यदि वे इस बार भी बकाया राशि नहीं चुकाते, तो उन्हें गिरफ्तार कर लिया जाएगा।

गिरफ्तारी का डर और पेमेंट का हल

गृह खरीदारों को राहत देने के लिए प्रशासन ने इस बार एक कठोर कदम उठाया। बृहस्पतिवार सुबह 8:30 बजे तहसील प्रशासन की टीम ने श्रीजी इन्फ्रा के कार्यालय पर दबिश दी और अधिकारियों को चेतावनी दी कि अगर पूरी राशि का भुगतान नहीं किया गया तो उन्हें जेल भेज दिया जाएगा। इस धमकी के बाद, विजय सिंह, चंदन सिंह और मुकेश शर्मा ने एक घंटे के भीतर ही 12 लाख रुपये की आधी राशि जमा कर दी।

प्रशासन ने उन्हें बाकी राशि चुकाने के लिए सात दिन की मोहलत दी है। यह स्थिति घर खरीदारों के लिए थोड़ी राहत का कारण बनी, हालांकि पूरा मामला पूरी तरह से सुलझा नहीं है।

क्या था रेरा का भूमिका?

रेरा की भूमिका इस मामले में महत्वपूर्ण रही। इस संस्था ने न केवल खरीदारों को न्याय दिलाने के लिए आदेश दिए, बल्कि प्रशासन की इस कार्रवाई को मजबूती भी दी। रेरा के आदेश के तहत, जिलाधिकारी ने रिकवरी सर्टिफिकेट जारी किया, जो इस तरह के मामलों में एक प्रभावी उपाय साबित हुआ है। यह उदाहरण इस बात की पुष्टि करता है कि अगर घर खरीदार अपनी शिकायतों को सही मंच पर उठाएं, तो उन्हें न्याय मिल सकता है।

प्रशासन की रणनीति

यह मामला प्रशासन के लिए एक परीक्षा के रूप में था, जिसमें उन्होंने अपनी शक्ति का सही तरीके से उपयोग किया। बृहस्पतिवार को हुई इस कार्रवाई ने यह दिखाया कि अधिकारियों का रुख अब घर खरीदारों के हक में है। प्रशासन के अधिकारियों ने बताया कि ऐसी घटनाओं के बाद उन्होंने और भी सख्त नियम बनाने की योजना बनाई है ताकि भविष्य में अन्य बिल्डरों को भी अपने दायित्वों का पालन करने के लिए मजबूर किया जा सके।

संपत्ति खरीदारों के लिए संदेश

यह घटना संपत्ति खरीदारों के लिए एक चेतावनी है। इस तरह की घटनाओं से यह साफ हो जाता है कि बिना उचित अनुसंधान और सतर्कता के संपत्ति खरीदने से नुकसान हो सकता है। इसलिए, हर खरीदार को रेरा और अन्य संबंधित प्राधिकरणों से संपर्क में रहकर अपनी सुरक्षा करनी चाहिए।

भविष्य की योजना और प्रशासन का दृष्टिकोण

इस घटना से प्रशासन ने यह भी सीखा कि तत्काल कार्रवाई और सही दिशा-निर्देश से ही ऐसे मामलों को जल्दी सुलझाया जा सकता है। अधिकारी ने बताया कि वे अब संपत्ति बाजार में अधिक निगरानी रखेंगे और उपभोक्ताओं की शिकायतों को प्राथमिकता देंगे।


आगरा में तीन बिल्डरों की गिरफ्तारी के लिए की गई प्रशासन की यह कार्रवाई समाज में एक सकारात्मक संदेश देगी। इसने यह सिद्ध कर दिया कि अगर सही कदम उठाए जाएं, तो ही आम जनता के हित में काम किया जा सकता है। घर खरीदारों को अपनी मेहनत की कमाई को सुरक्षित रखने के लिए जागरूक रहना चाहिए और प्रशासन का सहयोग करना चाहिए।

News-Desk

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