Arvind Kejriwal: निचली अदालत के आदेश पर हाई कोर्ट की अंतरिम रोक के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का रुख
दिल्ली के मुख्यमंत्री Arvind Kejriwal ने कथित आबकारी घोटाले से जुड़े ईडी मामले में उन्हें जमानत देने के निचली अदालत के आदेश पर हाई कोर्ट की अंतरिम रोक के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का रुख किया है. आम आदमी पार्टी ने बताया, दिल्ली हाई कोर्ट द्वारा उनकी जमानत पर लगाई गई रोक के खिलाफ मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है. अरविंद केजरीवाल के वकीलों ने सोमवार 24 जून को सुनवाई की अपील की है.
आबकारी घोटाले के कारण विवादों में घिरे मुख्यमंत्री Arvind Kejriwal को 21 जून को दिल्ली हाईकोर्ट ने निचली अदालत द्वारा जमानत दिए जाने के आदेश पर अंतरिम रोक लगा दी. केजरीवाल को 21 मार्च को ईडी ने गिरफ्तार किया था. कोर्ट ने कहा कि वह आदेश 2-3 दिनों के लिए सुरक्षित रख रही है, क्योंकि वह संपूर्ण रिकॉर्ड देखना चाहती है. कोर्ट ने केजरीवाल को नोटिस जारी करके ईडी की उस याचिका पर जवाब मांगा है, जिसमें मुख्यमंत्री को जमानत पर रिहा किये जाने को लेकर निचली अदालत के 20 जून के आदेश को चुनौती दी गई है. इसने मामले की सुनवाई के लिए 10 जुलाई की तारीख निर्धारित की है.
Arvind Kejriwal के वकील अभिषेक सिंघवी और विक्रम चौधरी ने आदेश पर रोक संबंधी अर्जी का जोरदार विरोध किया. सिंघवी ने अदालत से केजरीवाल के जमानत आदेश पर रोक न लगाने का आग्रह किया और कहा कि अगर उसे व्यापक और ठोस परिस्थितियां दिखती हैं तो वह बाद में उन्हें फिर से जेल भेज सकती है.
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के ऊपर आबकारी घोटाले के मामले में जमानत पर लगाई गई रोक के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर दी गई है। यह मामला उनके लिए एक और मुश्किल की तरह सामने आया है। आम आदमी पार्टी के द्वारा दिल्ली हाई कोर्ट में उनकी जमानत पर लगाई गई रोक के खिलाफ अपील की गई है। अब सुप्रीम कोर्ट में इस मामले की सुनवाई होगी और इसका निर्णय आएगा।
अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली के मुख्यमंत्री के रूप में आने के बाद से ही अपने विवादों में घिरे रहे हैं। उनकी सरकार ने दिल्ली में कई अप्रिय फैसले लिए हैं, जैसे कि मुफ्त बिजली, मुफ्त पानी, और अब अल्कोहल की दुकानों की बंद होने का मुद्दा। इन फैसलों ने दिल्ली में चर्चा मचा दी है और उन्हें कई विवादों में फंसने का सामना करना पड़ा है।
एक ओर उनकी सरकार ने मुफ्त सुविधाएं देने का दावा किया है, जो कि लोगों को भावनात्मक रूप से आकर्षित करने का तरीका हो सकता है, लेकिन दूसरी ओर इसका यह मतलब भी है कि सरकार लोगों को आधिकारिक जिम्मेदारियों से दूर रखने की कोशिश कर रही है।
अरविंद केजरीवाल के विवादों में एक अन्य पहलू यह है कि उन्होंने हमेशा साफ और सुखद राजनीति का दावा किया है, लेकिन कुछ मामलों में उन्हें गंदी राजनीति का भी आरोप लगा है। इससे यह स्पष्ट होता है कि उनकी राजनीति में भी कुछ ऐसी चीजें हैं जिन्हें समझना और सोचना जरूरी है।
इस संदर्भ में, अरविंद केजरीवाल के प्रशंसकों को उनकी राजनीति में ऐसी बातें भी देखनी चाहिए जो उन्हें हंसाने का कारण बना सकती हैं, लेकिन उसके बावजूद उन्हें देश के लिए कुछ अच्छा करने की भावना से कोई आधारित रूप से हटने वाला नहीं दिखता।
अतः, हमें यह समझने की कोशिश करनी चाहिए कि अरविंद केजरीवाल की राजनीति में क्या-क्या छुपा है और कैसे हमें उसे समझने की कोशिश करनी चाहिए। इससे हम उनकी राजनीति को सही ढंग से समझ सकेंगे और उसके महत्वपूर्ण पहलुओं को समझ सकेंगे।