Astro: अंगुलियों के पोरों पर बने चक्र से जानिए अपना भविष्य, 16 रोचक जानकारी
Astro हमारी अंगुलियों के पोरों में शंख या चंक्र रहते हैं। किसी के पोरों के 2 या 3 चक्र रहते हैं तो किसी के पोरों में रहते ही नहीं है। कहते हैं कि सभी अंगुलियों में चक्र होने का अर्थ है कि व्यक्ति चक्रवर्ती सम्राट की तरह जीवन व्यतीत करेगा। आओ जानते हैं इस संबंध में रोचक जानकारी।
अंगुलियों के पोरों के चक्र
1. चक्र गोल पूर्ण घेरे से युक्त स्पष्ट अभंग होना चाहिए, नहीं तो टूटा हुआ चक्र व्यक्ति को अनेक मानसिक चिंताओं से ग्रस्त कर देता है।
2. तर्जनी में चक्र होगा तो जातक अनेक मित्रों से युक्त होकर लोगों का नेतृत्व करेगा, महत्वाकांक्षी होने के साथ-साथ धन का भी लाभ होगा।
3. मध्यमा में चक्र होगा तो जातक धनवान और धार्मिक प्रवृत्ति का होगा और उस पर शनि की कृपा रहेगी। हो सकता है कि वह उत्तम ज्योतिषी, तांत्रिक या मठाधीश हो।
4. अनामिका अंगुली पर चक्र होना भाग्यशाली होने की निशानी है। ऐसे जातक उत्तम व्यापारी, धनवान, उद्योग-धंधों में सफल, प्रतिष्ठित लेखक, यशस्वी, ऐश्वर्यवान, राजनीतिज्ञ, कुशल प्रशासनिक अधिकारी भी हो सकते हैं।
5. सबसे छोटी अंगुली यानी कनिष्ठिका पर चक्र का होना सफल व्यापारी होने की निशानी होती है। ऐसे जातक सफल लेखक और प्रकाशक भी होते हैं व संपादन के क्षेत्र में भी सफलता पा सकते हैं।
6. यदि अंगूठे पोरे पर चक्र बना है तो जातक जीवन में कई उपलब्धियां प्राप्त करता है। वह जीवन में कई उल्लेखनीय कार्य भी करता है। ऐसा जातक भाग्यशाली व धनवान होता है। ऐसा जातक ऐश्वर्यवान, प्रभावशाली, दिमागी कार्य में निपुण, उत्तम गुणयुक्त, पिता का सहयोग व धन पाने वाला होता है।
7. अंगुलि में एक ही चक्र है तो ऐसे जातक को अवसरवादी माना जाता है। कहते हैं कि वह शातिर दिमाग का होता है।
8. अंगुलि में दो चक्र है तो ऐसा जातक समाज में सम्मान प्राप्त करता है। वह गुणवान माना जाता है और सभी तरह के भौतिक सुख प्राप्त करता है।
9. अंगुलियों में 3 चक्र होने का अर्थ है कि जातक अपना ज्यादातर समय भोग विलास में ही व्यतीत करता है जिसके कारण पारिवार में कलह रहती है।
10. अंगुलियों में 4 चक्र है तो जातक के जीवन में निरन्तर संघर्ष बना रहता है। आर्थिक स्थिति कभी भी सुदृढ़ नहीं हो पाती है। हालांकि 50 वर्ष की आयु के बाद जीवन अच्छा होता है।
11. यदि पांच चक्र है तो ऐसे जातक अपने ज्ञान और कार्यों से समाज का कल्याण करते हैं।
12. यदि 6 चक्र है तो ऐसे जातक बौद्धिक एवं तार्किक होते हैं। उच्च पद पर रहकर सुखपूर्वक जीवन व्यतीत करते हैं। इन्हें अपने दाम्पत्य जीवन पर ध्यान देना चाहिए।
13. यदि 7 चक्र है तो ऐसे जातक पहाड़ की यात्रा करते हैं और उनमें साहस एवं पराक्रम की भावना होती है। रोमांच इन्हें पसंद होता है। यात्राओं से इन्हें धनलाभ भी होता है।
14. यदि 8 चक्र है तो ऐसे जातक को अपनी मेहनत का फल नहीं मिलता है। बार बार असफलता का स्वाद चखना पड़ता है।
15. यदि 9 चक्र है तो ऐसे जातक उच्च पद पर आसीन होकर सुखमय जीवन व्यतीत करते हैं। ये सामाजिक कार्य करने प्रशंसा प्राप्त करते हैं।
16. यदि 10 चक्र है तो ऐसे जातक राजा के समान जीवन व्यतीत करते हैं। ये लोग राज्य के सलाहकर, मंत्री, सैन्य अधिकारी, राज्यपाल या मुख्यमन्त्री होते हैं। हालांकि यदि चक्र 10 नहीं है और फिर भी राजा की तरह जी रहा है तो उसकी कुंडली राजयोग या नीचभंग राजयोग होगा। (From Internet/Social media/Whatsap group DDM Divinemart)