Author: kalpana Pandey

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Phule Movie: स्पष्ट विचारों पर सेंसर की कैंची! ‘फुले’ फिल्म विवाद के बहाने कलात्मक आज़ादी पर गहराते सवाल

ब्राह्मण संगठनों ने आरोप लगाया कि Phule Movie  फिल्म में उनके समुदाय को नकारात्मक रूप में दर्शाया गया है। उन्होंने CBFC में शिकायत की कि ‘फुले’ जातीय विद्वेष को बढ़ावा दे सकती है। इसके जवाब में CBFC ने कुछ संवादों पर कैंची चलाने का प्रस्ताव रखा – जैसे ‘मांग’, ‘महार’, ‘3000 वर्षों की गुलामी’ जैसे शब्दों को बदलने की सिफारिश की गई।

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Betty Dodson: यौन क्रांति की नायिका, जिसने 7 विचारों से महिलाओं को आत्म-स्वीकृति और Sexual Satisfaction का हक दिलाया!

अपने पहले विवाह के असफल होने के बाद, Betty Dodson ने अपनी यौन पहचान और इच्छाओं की खोज शुरू की। 1960-70 के दशक में, जब समाज में महिलाओं के लिए सेक्स से जुड़ी बातें करना भी वर्जित था, उन्होंने आत्म-खोज की यात्रा पर कदम रखा। इस खोज ने उन्हें यह एहसास दिलाया कि महिलाओं को उनके शरीर और यौन आनंद के अधिकारों से वंचित रखा गया है।

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Yashpal: क्रांतिकारी से साहित्यकार तक, एक महान स्वतंत्रता सेनानी ‘यशपाल’ की अनकही कहानी

यशपाल (Yashpal) का व्यक्तित्व बहुआयामी था। वह एक क्रांतिकारी, लेखक, समाज सुधारक और विचारक थे। उनके विचारों में कभी कोई समझौता नहीं हुआ, और उनका लेखन समाज की बेहतरी और स्वतंत्रता के लिए एक अमूल्य धरोहर बन चुका है। उनका जीवन न केवल भारत के स्वतंत्रता संग्राम के इतिहास का हिस्सा है, बल्कि वह साहित्यिक दृष्टि से भी महत्वपूर्ण स्थान रखते हैं।

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Nehru से विज्ञान का नाता: क्या एक ऐसी सोच ने भारत को आधुनिक बनाया?

Nehru का मानना था कि विज्ञान लोगों को पारंपरिक मान्यताओं को एक नए नज़रिए से देखने में मदद कर सकता है, जबकि धर्म असहिष्णुता, अंधविश्वास और तर्कहीनता को जन्म दे सकता है। नेहरू के अनुसार वैज्ञानिक सोच जीवन जीने का एक तरीका है, सोचने की एक प्रक्रिया है, और काम करने का एक तरीका है। इसमें नए सबूतों के लिए खुला रहना, निष्कर्ष बदलना और देखे गए तथ्यों पर भरोसा करना शामिल है।

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भगवतीचरण वोहरा (Bhagwati Charan Vohra) की शहादत: इतिहास के पन्नों से

Bhagwati Charan Vohra की मृत्यु पर, चंद्रशेखर आज़ाद ने कहा कि उनका दाहिना हाथ कट गया है। इसके बाद इन क्रांतिकारियों ने कई दिनों तक जेल परिसर अध्ययन किया और योजना को पुख्ता बनाया। कुछ दिनों बाद सभी बोर्स्टल जेल के बाहर तैयार हो गए, लेकिन भगत सिंह की ओर से भागने की तैयारी नहीं दिखाई पड़ी, और उनको लेकर पुलिस की गाड़ी चली गयी।

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