महिलाओं को स्तनपान के प्रति किया जागरूक
मुजफ्फरनगर। विश्व स्तनपान सप्ताह के तीसरे दिन आंगनबाड़ी केन्द्रों पर महिलाओं को स्तनपान के प्रति जागरूक किया गया। इसके अलावा जिला अस्पताल, महिला अस्पताल, मेडिकल कालेज व प्राथमिक व सामुदायिक स्वास्थ्य केन्दों पर बच्चे के लिए मां के दूध की महत्ता को समझाय़ा गया। उन्हें बताया गया कि ६ माह की आयु तक शिशु को केवल स्तनपान कराने पर आम रोग जैसे दस्त एवं निमोनिया के खतरे में क्रमशः ११ प्रतिशत व १५ प्रतिशत की कमी लाई जा सकती है। जिला कार्यक्रम अधिकारी गीताजंली ने बताया विश्व स्तनपान सप्ताह के लिए ५पीएचसी व ९ सीएचसी में कार्यक्रमों का आयोजन किया गया। इस दौरान महिलाओं को स्तानपान के लिये जागरूक किया गया।
महिलाओं को बताया गया कि प्रसव के एक घंटे के अंदर बच्चे को स्तनपान कराना बहुत जरूरी है। इस दौरान आशा व आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं ने महिलाओं को बताया कि प्रसव के बाद मां का पहला दूध बच्चे के लिए बहुत फायदेमंद होता है। मां का पहला दूध बच्चे की सेहत के लिये टीके का कार्य करता है। इससे बच्चे में प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है। महिला अस्पताल में सीएमएस अमिता गर्ग ने बताया बृहस्पतिवार से आरंभ हुए विश्व स्तनपान सप्ताह के तहत विभाग की ओर से कार्यक्रम चलाया जा रहा है। इसके तहत आशा, आगंनबाड़ी, कार्यकर्ता व एनएनएम नवजात को अपनी मौजूदगी में स्तनपान करवा रही हैं। उन्होंने बताया कि मां का पहला दूध बच्चे के लिए अमृत समान होता है, जो उसे पोषण प्रदान करता है।
वहीं मां के लिए भी स्तनपान कराना दुनिया का सबसे बड़ा सुख होता है। लेकिन कई बार कुछ विशेष कारणों के स्तन में दूध की कमी हो जाती है, जिससे बच्चे को पर्याप्त भोजन नहीं मिल पाता। यह स्थिति मां और नवजात दोनों के लिए समस्या पैदा करती है। उन्होंने बताया कि स्तनपान से बाल मृत्यु दर में भी कमी आती है। मां का दूध पीने से कुपोषण जैसी समस्याएं भी पैदा नहीं होती हैं। इसलिए हम सभी का कर्तव्य है कि इसके प्रति अधिक से अधिक लोगों को जागरूक किया जाए।