15 अक्टूबर को हो रही रिलीज भोजपुरी Movie ‘Sitamgar’
भोजपुरी फीचर फिल्म Sitamgar 15 अक्टूबर को रिलीज होगी. पलामू के रहने वाले मुंबई के सीरियल और भोजपुरी फिल्मों के स्थापित अभिनेता कुमार युगांत उर्फ युगांत बद्री पांडेय भी इस फिल्म में एक दमदार चरित्र में नजर आएंगे. युगांत इन दिनों इंडस्ट्री के काफी सफल चरित्र अभिनेताओं में हैं. भूमिका फिल्म्स ने सितमगर में बतौर हीरोइन मुंबई की रागिनी पासवान को आजमाया और उसने अपनी भूमिका में खरी उतरीं.
Sitamgar में रंजित और रागिनी की केमेस्ट्री जम रही है. इस फिल्म में कुल छह गाने हैं. जिनमें तीन काफी कर्णप्रिय हैं. ये तीन गीत हैं गुलरी के फूल, बनारस के पान और सजना हो. अन्य गाने ठीकठाक हैं. फिल्म में कोरियोग्राफी पलामू के रहने वाले मुंबई निवासी स्थापित कोरियोग्राफर सुदामा मिंज ने की है.
Sitamgar का सारांश है कि एक फौजी सेवानिवृत होकर गांव आता है, गांव में जमींदार सह गांव का मुखिया गांववालों पर झूठी हमदर्दी दिखाकर उनकी जमीन हड़पने का षडयंत्र करता है. हत्या को आत्महत्या कहके घड़ियाली आंसू बहाता है. इधर, शंकर शहर का मैकेनिक है, जिसे शहर में पढ़ी लिखी एक युवती से प्रेम हो जाता है. युवती का बाप एक लालची व्यक्ति है जो इस प्रेम के विरुद्ध है. इसी तरह विभिन्न घटनाक्रम और उतार चढ़ाव के बीच रहस्यों का उद्भेदन और किसान आत्महत्या के सच का पर्दाफाश करती है फिल्म सितमगर.
Sitamgar में कुल छह गाने हैं. जिनमें तीन काफी कर्णप्रिय हैं. ये तीन गीत हैं गुलरी के फूल, बनारस के पान और सजना हो. अन्य गाने ठीकठाक हैं. फिल्म में कोरियोग्राफी पलामू के रहने वाले मुंबई निवासी स्थापित कोरियोग्राफर सुदामा मिंज ने की है, जो इस फिल्म को एक गति देती है. हीरो कमल रंजीत पर फिल्माए गए गीतों को उन्होंने खुद आवाज दिया है, जिससे स्पष्ट है कि भोजपुरी इंडस्ट्री के चलन के मुताबिक वो खुद को गायक-नायक के रूप में स्थापित करने में लगे हैं. इसमें वे कितने सफल होते हैं यह तो वक्त बताएगा पर फिलहाल फिल्म सितमगर में उनके गाए गीत सुनने में अच्छे लग रहे हैं.
फिल्म में कई सारे एक्शन दृश्य हैं, जिनमें जमकर मारधाड़ हुई है. इन मारधाड़ को पलामू के जाने माने कराटेकार सेंसई सुमित वर्मन ने निर्देशित किया है. वैसे तो सुमित ने कई फिल्मों में मारधार की जिम्मेवारी सम्हाली है पर इस फिल्म में उनका काम सराहनीय है. कुछ दृश्य में तकनीकी कमी जरूर है पर उसे साधन की कमी मानकर नजरंदाज किया जाना चाहिए.
पिछले कुछ फिल्मों में हीरोइन की कमी से जूझ रही भूमिका फिल्म्स ने सितमगर में बतौर हीरोइन मुंबई की रागिनी पासवान को आजमाया और उसने अपनी भूमिका में खरी उतरीं. खास कर फिल्म में रंजित और रागिनी की केमेस्ट्री जम रही है. भावुक और गीतों के दृश्य में उनका अभिनय अच्छा है. रागिनी मे उसकी मासूमियत भी झलकती है. सहज अभिनय उसका प्लस पॉइंट है. मुख्य अभिनेता कमल रंजीत की डायलॉग डिलीवरी पहले की फिल्मों को अपेक्षा काफी निखरा है. एक्शन दृश्य के आसपास उनका मूवमेंट और संवाद अदायगी प्रभावशाली है. इस फिल्म के बाद यह उम्मीद किया जा सकता है की आने वाले समय में दूसरे प्रोडक्शन हाउस वाले भी उन्हे हीरो के रूप में कास्ट करे. इस फिल्म के बाद उनकी एक और फिल्म काली भी प्रदर्शन के लिए तैयार है, लेकिन बतौर अभिनेता रंजित की फिल्मी कैरियर का काफी कुछ फिल्म सितमगर की सफलता पर टिकी हुई है.
इंडस्ट्री के जाने माने खलनायक व चरित्र अभिनेता मनोज पंडित फिल्म सितमगर में अपने खतरनाक अंदाज में सितम ढाते नजर आएंगे. हमेशा की भांति इस फिल्म में भी वे मार भले खा ले पर अभिनय के मामले में अपने साथी अभिनेताओं पर छाए हुए है. उनके एक्टिंग में परिपक्वता साफ दिखता है. आंखों के इस्तेमाल में भी वे दूसरों पर बीस साबित हुए है.
जाने माने रंगकर्मी प्रसिद्ध राम ने भी अपने अभिनय का लोहा मनवाया. इसी तरह मेलोडी नाट्य संस्था के वरीय रंगकर्मी अब्दुल हमीद ने भी सेवा निवृत फौजी को भूमिका में शानदार अभिनय किया है. इस फिल्म में पलामू की जानीमानी समाजसेविका सह उद्घोषिका शर्मिला वर्मा भी अपना अभिनय प्रतिभा का झलक दिखाई है. उनके साथ पलामू के स्टार सिंगर उमा शंकर मिश्रा, सुधीर मिश्रा, गौतम घोष, प्रिया राजहंस ने भी अपनी सशक्त उपस्तिथि दर्ज कराई है. इन सबके बीच रेणु शर्मा ने अपनी सहज अभिनय से सबका ध्यान खींचती है.