Disha Patani’s Father Scammed: 25 लाख की ठगी- जूना अखाड़े के ‘आचार्य’ और गैंग का पर्दाफाश
Disha Patani’s Father Scammed बॉलीवुड की ग्लैमरस दुनिया से जुड़ी Disha Patani के परिवार के साथ हुई इस चौंकाने वाली घटना ने सभी को हैरान कर दिया है। उनके पिता, जगदीश चंद्र पाटनी, जो बरेली से रिटायर्ड सर्कल ऑफिसर (सीओ) हैं, एक बड़े धोखाधड़ी मामले का शिकार हो गए। ठगों ने उन्हें उत्तराखंड सरकार में एक प्रतिष्ठित आयोग में अध्यक्ष या उपाध्यक्ष का पद दिलाने का लालच दिया और उनसे 25 लाख रुपये ऐंठ लिए।
कैसे रची गई ठगी की साजिश?
सूत्रों के मुताबिक, इस ठगी की शुरुआत तब हुई जब एक व्यक्ति, शिवेंद्र प्रताप सिंह, जो पहले से जगदीश चंद्र पाटनी के परिचित थे, ने उन्हें भरोसे में लिया। शिवेंद्र ने जगदीश का संपर्क दिवाकर गर्ग, जो दिल्ली के उत्तमनगर में रहता है, और एक कथित “आचार्य” जय प्रकाश (जूना अखाड़ा, ऋषिकेश) से कराया। इन दोनों ने अपनी पहुंच और राजनीतिक ताकत का दावा करते हुए उन्हें झांसे में लिया।
जगदीश चंद्र ने ठगों की बातों में आकर शुरू में 5 लाख रुपये नकद दिए और बाद में विभिन्न बैंक खातों में 20 लाख रुपये ट्रांसफर किए। ठगों ने उन्हें यह कहकर आश्वस्त किया कि यह रकम पद पाने की प्रक्रिया का हिस्सा है।
ठगी के बाद धमकियां
हालात तब बिगड़े जब छह महीने बीत जाने के बावजूद कोई भी पद नहीं मिला और ठगों ने पैसे लौटाने से इनकार कर दिया। जब जगदीश चंद्र ने अपने पैसे वापस मांगे, तो उन्हें धमकियां दी गईं। यह बात सामने आई कि इन ठगों का एक बड़ा नेटवर्क है, जो जरूरतमंद और महत्वाकांक्षी लोगों को फंसाने में माहिर है।
एफआईआर में क्या बताया गया?
सदर कोतवाली में दर्ज कराई गई एफआईआर में जगदीश चंद्र ने विस्तार से बताया कि यह सारा मामला कैसे शुरू हुआ। उन्होंने लिखा:
“लगभग 5-6 माह पहले, मेरे पुराने परिचित शिवेंद्र प्रताप सिंह ने मेरा परिचय दिवाकर गर्ग और आचार्य जय प्रकाश से कराया। उन्होंने भरोसा दिलाया कि उनके राजनीतिक संपर्कों के जरिए मैं किसी सरकारी आयोग में अध्यक्ष या उपाध्यक्ष का पद प्राप्त कर सकता हूं। चूंकि शिवेंद्र से मेरी पुरानी जान-पहचान थी, मैंने उन पर विश्वास कर लिया। उनके कहने पर मैंने 5 लाख रुपये नकद दिए और बाद में उनके द्वारा बताए गए बैंक खातों में 20 लाख रुपये ट्रांसफर कर दिए।”
उन्होंने आगे बताया कि ठगों ने उन्हें लखनऊ में एक तथाकथित “ओएसडी” हिमांशु से भी मिलवाया, ताकि सारा मामला अधिक विश्वसनीय लगे।
ठगी गैंग का पर्दाफाश
जांच में यह सामने आया है कि यह कोई सामान्य ठगी का मामला नहीं है। इसके पीछे एक बड़ा गिरोह काम कर रहा है, जो लोगों की महत्वाकांक्षाओं का फायदा उठाकर उन्हें ठगने का काम करता है। इस गैंग में जूना अखाड़े के कथित “आचार्य” जय प्रकाश का नाम भी प्रमुख रूप से सामने आया है।
बॉलीवुड कनेक्शन और बढ़ती दिलचस्पी
Disha Patani के पिता का इस ठगी का शिकार होना पूरे मामले को और सनसनीखेज बना देता है। बॉलीवुड से जुड़ा हर मामला लोगों के बीच उत्सुकता का विषय बन जाता है, और इस घटना ने भी चर्चा का केंद्र बना दिया है।
पुलिस की कार्रवाई
जगदीश चंद्र की शिकायत पर पुलिस ने कार्रवाई तेज कर दी है। सदर कोतवाली पुलिस ने शिवेंद्र प्रताप सिंह, दिवाकर गर्ग, और आचार्य जय प्रकाश समेत 5 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया है। पुलिस का कहना है कि इस गिरोह के अन्य सदस्यों की तलाश की जा रही है और जल्द ही उन्हें गिरफ्तार किया जाएगा।
क्यों बढ़ रहे हैं ऐसे मामले?
हाल के वर्षों में, बड़ी हस्तियों या उनके परिवारों को ठगने की घटनाएं बढ़ी हैं। ठग किसी न किसी तरीके से भरोसा जीतकर अपनी चाल चलने में कामयाब हो जाते हैं।
कुछ अन्य चर्चित मामले:
- बॉलीवुड एक्टर का नाम इस्तेमाल कर ठगी: इससे पहले, कई लोगों ने खुद को बॉलीवुड से जुड़ा दिखाकर ठगी की घटनाओं को अंजाम दिया।
- फेक सरकारी ऑफर्स का जाल: कई मामलों में, बेरोजगार युवाओं को नौकरी दिलाने के नाम पर ठगा गया।
- राजनीतिक पहुंच का दावा: ऐसे ठग अक्सर अपनी राजनीतिक पहुंच का झूठा दावा करते हैं और लोगों को पद दिलाने के नाम पर ठगते हैं।
जनता के लिए सतर्कता जरूरी
ऐसे मामलों से यह साफ है कि जनता को सतर्क रहना चाहिए। अगर कोई व्यक्ति पद दिलाने, नौकरी पाने, या अन्य किसी सेवा के लिए पैसे मांगता है, तो तुरंत उसकी सत्यता की जांच करें।
पुलिस और प्रशासन की भूमिका
पुलिस और प्रशासन को चाहिए कि ऐसे गिरोहों पर कड़ी कार्रवाई करें और उन्हें समय रहते पकड़ा जाए। इसके अलावा, आम जनता को भी जागरूक करने की जरूरत है।
दिशा पाटनी के पिता के साथ हुई इस घटना ने न केवल उनकी प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचाया है, बल्कि यह भी दिखाया है कि ठगों का जाल कितना गहरा और खतरनाक हो सकता है। पुलिस इस मामले की गहराई से जांच कर रही है, और उम्मीद है कि जल्द ही आरोपियों को गिरफ्तार कर सख्त सजा दी जाएगी।