Egypt के कब्रिस्तान में निकला सदियों पुराना खजाना: आभूषण, ताबीज और तीन पीढ़ियों के रहस्यमय अवशेष!
खुदाई के दौरान ऐतिहासिक स्थल से अप्रत्याशित खोजें निकलना कोई नई बात नहीं है, लेकिन Egypt के दक्षिण असासिफ कब्रिस्तान में जो सामने आया है, उसने दुनियाभर के पुरातत्वविदों को चौंका दिया है। यहां एक प्राचीन मकबरा मिला, जिसमें तीन पीढ़ियों के अवशेष और कीमती खजाना दफन था। इस मकबरे में ऐसे अद्भुत आभूषण और अनमोल वस्तुएं मिली हैं, जिन्होंने न केवल पुरातात्त्विक अनुसंधान को नई दिशा दी है, बल्कि मिस्र की प्राचीन संस्कृतियों और परंपराओं पर भी रोशनी डाली है।
दक्षिण असासिफ कब्रिस्तान की खोज: एक चौंकाने वाला रहस्य
दक्षिण असासिफ Egypt कब्रिस्तान में की गई खुदाई के दौरान पुरातत्वविदों ने एक मकबरा खोजा, जहां 11 व्यक्तियों के अवशेष पाए गए। इन अवशेषों में पाँच महिलाएं, दो पुरुष और तीन बच्चों के कंकाल शामिल थे, जबकि एक अवशेष की पहचान स्पष्ट नहीं हो पाई कि वह पुरुष का था या महिला का। लाइव साइंस के अनुसार, यह मकबरा लगभग 1981 से 1802 ईसा पूर्व का बताया जा रहा है। विशेषज्ञों ने पुष्टि की कि मकबरे में पाए गए सभी अवशेष तीन पीढ़ियों के एक ही परिवार के थे, जो मिस्र के इस हिस्से के मध्यकालीन समय से संबंधित हैं।
बाढ़ का असर: अवशेषों को पहुंचा नुकसान
मकबरे की संरचना से पता चलता है कि इस परिवार को उनके अंतिम संस्कार के समय लिनन में लपेटा गया था और लकड़ी के ताबूतों में सुरक्षित रखा गया था। हालांकि, समय के साथ इस क्षेत्र में आई भारी बाढ़ ने ताबूतों और अवशेषों को काफी नुकसान पहुंचाया। इस परियोजना के प्रमुख ने बताया कि बाढ़ से इन अमूल्य अवशेषों को हानि हुई, फिर भी उनके साथ दफन की गई अनमोल वस्तुएं बची रहीं। यह खोज मिस्र के मध्य युग के दफन संस्कारों और सामाजिक परंपराओं को दर्शाती है।
खजाना और आभूषण: एक नजर सदियों पुराने फैशन पर
इस मकबरे में मिले खजाने में आकर्षक आभूषणों का एक विस्तृत संग्रह था। इनमें हार, कंगन, बाजूबंद और ‘स्कारब’ रिंग जैसे अद्वितीय आभूषण शामिल थे। आभूषणों को देखकर ऐसा प्रतीत होता है कि वे उस समय के मिस्र की सामाजिक और धार्मिक परंपराओं के प्रतीक रहे होंगे। दो कब्रिस्तानों से तांबे के मिश्र धातु से बने शीशे भी मिले, जिन पर हाथी दांत के हैंडल लगे थे। एक हैंडल पर चार मुख वाला हाथी अंकित था, जो मिस्र की किसी देवी से जुड़ा प्रतीत होता है। इसके अलावा, इस मकबरे में 30 नीलम से सजी मोतियों की माला भी मिली, जो उस समय के राजसी आभूषणों का प्रतीक हो सकती है।
“बा” ताबीज: आत्मा का प्रतीक
खजाने के बीच “बा” नाम का ताबीज पाया गया, जो मिस्र में व्यक्ति की आत्मा का प्रतीक माना जाता था। इसे पक्षी के रूप में दर्शाया गया है, जो उस समय के धार्मिक विश्वासों का प्रतीक था। “बा” ताबीज मिस्र की धार्मिक परंपराओं में आत्मा के एक अभिन्न अंग के रूप में माना जाता था, जो मृत्यु के बाद भी व्यक्ति के अस्तित्व का प्रतीक बना रहता था। यह ताबीज न केवल उस समय की धार्मिक मान्यताओं को दर्शाता है बल्कि उस समाज के आध्यात्मिक पहलुओं को भी उजागर करता है।
हीरे और मोतियों से सजी सिरेमिक मूर्ति
मकबरे में एक अनोखी सिरेमिक की बनी मूर्ति भी मिली, जिसका सिर और पैर कटे हुए थे। इस मूर्ति के सिर में छेद थे और बालों को मोतियों से पिरोया गया था। हालांकि, समय के साथ बाल टूट चुके थे और लगभग 4000 मोती मिट्टी में बिखरे पड़े थे। यह मूर्ति और इसके साथ जुड़ी आभूषणों की सजावट मिस्र की शिल्पकला की उत्कृष्टता को दर्शाती है। ये आभूषण और कलाकृतियां उस समय के समाज के रुझान और कारीगरी की उच्च गुणवत्ता का प्रमाण हैं।
मिस्र की पुरातत्वविदों की ऐतिहासिक यात्रा
इस मकबरे की खोज से पहले मिस्र में कई अन्य ऐतिहासिक स्थानों की खुदाई की जा चुकी है, लेकिन दक्षिण असासिफ कब्रिस्तान में तीन पीढ़ियों के एक ही परिवार का मिलना एक दुर्लभ घटना है। इस प्रकार की खोज मिस्र के इतिहास, संस्कृति, और सभ्यता को और गहराई से समझने का अवसर प्रदान करती है। मिस्र सरकार के संरक्षण प्रोजेक्ट के अंतर्गत चल रही इस परियोजना के हेड का कहना है कि इस खोज से मिस्र के प्राचीन समाज की संरचना, उनके धार्मिक विश्वास, और उनके सामाजिक जीवन पर नई रोशनी पड़ी है।
मिस्र की अनकही कहानियाँ
मिस्र के दक्षिण असासिफ कब्रिस्तान में मिली यह खोज पुरातत्वविदों के लिए एक अमूल्य धरोहर है। यह न केवल मिस्र के प्राचीन समाज और उसकी परंपराओं को दर्शाती है बल्कि उस समय के शिल्पकला, धार्मिक आस्थाओं, और पारिवारिक संरचना को भी उजागर करती है।