Ishan Kishan के विवादित बयान से क्रिकेट जगत में हड़कंप: बॉल टैम्परिंग विवाद में भारतीय टीम पर बैन का खतरा
क्रिकेट जगत में उस समय हलचल मच गई जब इंडिया ए और ऑस्ट्रेलिया ए के बीच खेल के दौरान बॉल टैम्परिंग विवाद सामने आया। इंडिया ए के कप्तान ऋतुराज गायकवाड की टीम पर बॉल टैम्परिंग के आरोप लगाए गए, जिसने मैच की दिशा ही बदल दी। मैच के चौथे दिन जैसे ही ऑस्ट्रेलिया ए को जीत के लिए 86 रन की दरकार थी, मैदान में तनाव बढ़ता दिखाई दिया। फील्ड अंपायर्स ने गेंद की स्थिति को देखते हुए इसे बदल दिया, जिससे भारतीय खेमे में असंतोष उत्पन्न हुआ। विकेटकीपर Ishan Kishan और कुछ अन्य भारतीय खिलाड़ी अंपायर्स से बहस करते नजर आए, जिसमें ईशान किशन की कड़ी प्रतिक्रिया ने दर्शकों को हैरान कर दिया।
स्टंप माइक्रोफोन पर पकड़ा गया अंपायर का बयान
इस विवाद ने तब और जोर पकड़ा जब स्टंप माइक्रोफोन पर अंपायर शॉन क्रेग की आवाज सुनाई दी, जिसमें उन्होंने स्पष्ट शब्दों में कहा, “जब आप इसे (बॉल) खरोंचते हैं, तो हम गेंद बदल देते हैं। अब कोई चर्चा नहीं, खेल जारी रखें। यह बहस का विषय नहीं है।” यह बात सुनकर भारतीय खिलाड़ियों ने एक बार फिर अंपायर से सवाल किया कि क्या नई गेंद से खेलना जारी रखना होगा। इसके जवाब में अंपायर ने दो टूक कह दिया कि वे उसी गेंद से खेलेंगे। इस तकरार ने भारतीय टीम के लिए मुश्किलें खड़ी कर दी हैं, क्योंकि टीम के सदस्यों का अंपायर्स से ऐसे बहस करना आचार संहिता का उल्लंघन माना जा सकता है।
Ishan Kishan का बयान: “मूर्खतापूर्ण निर्णय”
खास बात यह रही कि इस बहस के दौरान भारतीय विकेटकीपर ईशान किशन अंपायर के फैसले से काफी नाराज नजर आए। न्यूज एजेंसी एपी की रिपोर्ट के अनुसार, किशन ने अपने बयान में इसे “मूर्खतापूर्ण निर्णय” करार दिया। अंपायर शॉन क्रेग ने तत्काल ईशान को चेतावनी देते हुए कहा कि उन्हें इस असहमति के लिए रिपोर्ट किया जाएगा, जिससे उनका अनुशासन का मामला बन सकता है। अंपायर ने किशन से कहा, “आपकी टीम की हरकतों की वजह से हमने गेंद बदली।”
क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया का सख्त रुख, बैन का खतरा मंडराया
अब यह विवाद और गंभीर हो गया है क्योंकि क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया ने अपनी आचार संहिता में स्पष्ट किया है कि यदि किसी टीम पर जानबूझकर गेंद की स्थिति में बदलाव करने का आरोप साबित होता है, तो इसमें शामिल खिलाड़ियों पर बैन लगाया जा सकता है। इससे न केवल इस मुकाबले पर बल्कि भविष्य में भारतीय टीम की छवि पर भी बुरा असर पड़ सकता है।
क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया की आचार संहिता के अनुसार, बॉल टैम्परिंग एक गंभीर अपराध माना जाता है और इसे खेल भावना के खिलाफ समझा जाता है। बॉल टैम्परिंग के मामलों में, खिलाड़ी और टीम के अधिकारियों को निलंबित करने के अलावा जुर्माने भी लगाए जा सकते हैं। इस घटना के बाद क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया के अधिकारियों ने मैच की फुटेज की जांच करने का फैसला लिया है ताकि यह साफ हो सके कि क्या भारत की ओर से वाकई कोई नियम का उल्लंघन हुआ है।
इंडिया ए का प्रदर्शन और ऑस्ट्रेलिया ए की जीत
इस विवाद के बीच मैच में इंडिया ए ने दूसरी पारी में अच्छी वापसी की थी। साई सुदर्शन की शानदार 103 रनों की पारी और देवदत्त पडिक्कल के 88 रनों के योगदान ने टीम का स्कोर 312 तक पहुंचा दिया। लेकिन यह स्कोर ऑस्ट्रेलिया ए के कप्तान नाथन मैकस्वीनी की दमदार बल्लेबाजी के आगे छोटा पड़ गया। मैकस्वीनी ने नाबाद 88 रनों की पारी खेलते हुए अपनी टीम को 7 विकेट से जीत दिलाई। ऑस्ट्रेलिया ए ने मात्र तीन विकेट खोकर 225 रनों का लक्ष्य हासिल कर लिया।
विवाद की जड़: क्रिकेट में बॉल टैम्परिंग की पुरानी समस्या
क्रिकेट में बॉल टैम्परिंग कोई नई बात नहीं है। खेल के इतिहास में कई बार खिलाड़ी गेंद की स्थिति में बदलाव करने के विवादों में घिरे हैं। क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया ने 2018 में स्टीव स्मिथ, डेविड वॉर्नर, और कैमरन बैनक्रॉफ्ट पर बॉल टैम्परिंग के आरोप साबित होने के बाद बैन लगाया था। इस घटना ने क्रिकेट जगत में सनसनी मचा दी थी और इसके बाद अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आईसीसी) ने बॉल टैम्परिंग के नियमों को और सख्त कर दिया था। बॉल टैम्परिंग से न केवल खेल की निष्पक्षता पर असर पड़ता है, बल्कि यह क्रिकेट की खेल भावना का भी उल्लंघन है।
क्या इस विवाद से इंडिया ए टीम पर लगेगा बैन?
यह सवाल अब क्रिकेट प्रेमियों के बीच चर्चा का विषय बन गया है। यदि क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया की जांच में यह साबित हो जाता है कि इंडिया ए के खिलाड़ी बॉल टैम्परिंग में संलिप्त थे, तो भारत के खिलाड़ियों पर कड़ी कार्रवाई हो सकती है। इसमें न केवल व्यक्तिगत खिलाड़ियों पर प्रतिबंध शामिल है बल्कि टीम पर भी जुर्माना लगाया जा सकता है। खासकर ईशान किशन, जिनका नाम इस विवाद में प्रमुखता से लिया जा रहा है, उन्हें अनुशासनहीनता के मामले में भी कार्रवाई का सामना करना पड़ सकता है।
क्रिकेट के भविष्य पर असर
इस विवाद के बाद क्रिकेट के प्रति दर्शकों का नजरिया भी बदल सकता है। पिछले कुछ सालों में बॉल टैम्परिंग को लेकर विवादों ने क्रिकेट की निष्पक्षता पर सवाल खड़े किए हैं। आईसीसी और क्रिकेट बोर्डों को ऐसे मामलों में सख्ती से निपटना होगा ताकि भविष्य में खिलाड़ियों को खेल के प्रति अधिक सम्मान और जिम्मेदारी की भावना विकसित हो सके।