बीमा कम्पनी के गले में वसूली का फंदा: ऐतिहासिक निर्णय
जिलाधिकारी अजय शंकर पाण्डेय किसानों की समस्याओं के प्रति बहुत गम्भीर है चाहे वो गन्ना भुगतान का मामला हो जिसमें चीनी मिलों के विरूद्व कडी कार्यवाही हुई है। इसी क्रम को आगे बढाते हुए जिलाधिकारी ने मुख्यमंत्री किसान सर्वहित बीमा योजना के 72 दावों को निस्तारित/भुगतान न करने पर बीमा कम्पनी ओरियन्टल इन्श्योरेश कम्पनी के विरूद्व कठोर निर्णय लेते हुए कम्पनी के बैंक खाते सीज करने व कमेटी द्वारा स्वीकृत 72 दावों की धनराशि 3 करोड 60 लाख की वसूली भी बीमा कम्पनी से करने के निर्देश दिये है।
जिलाधिकारी ने बताया कि मुख्यमंत्री किसान सर्वहित बीमा योजना के अन्तर्गत किसान की आकस्मिक मृत्यु होने पर 5 लाख तक का बीमा मृतक के आश्रित/परिवारजनों को मिलता है। बीमा कम्पनी केवल अपना प्रीमियम लेेने में तो रूचि रखती है लेकिन लाभार्थी को उसका क्लेम देने में विभिन्न कारणों से आपत्ति लगा दावा निरस्त कर देती है। जबकि दावों के निस्तारण के लिए कमेटी व जिलाधिकारी का निर्णय अन्तिम होता है। जिलाधिकारी द्वारा स्वीकृत दावों को भुगतान किये जाना कम्पनी के लिए बाध्यकारी है। परन्तु इन्श्योरेंश कम्पनी अपनी मनमर्जी पर उतारू थी। जिलाधिकारी ने बताया कि जांच कराई गई कि ऐसे कितने दावें है जिन्हे कम्पनी द्वारा विभिन्न कारणों से निरस्त कर दिया गया जबकि समिति की बैठक में उन दावों को जिलाधिकारी द्वारा स्वीकृत किया गया है।
जिलाधिकारी ने बताया जांचोपरान्त यह तथ्य सामने आया कि 72 दावों में कम्पनी द्वारा अभी तक मृतक आश्रित/परिवारजनों को भुगतान नही किया गया है। जबकि कमेटी का निर्णय अन्तिम हेाता है जिसमें दावों को स्वीकृत किया गया था, जिसकी धनराशि 3 करोड 60 लाख है। जिलाधिकारी ने बीमा कम्पनी ओरियंटल इन्श्योरेंश पर कडी कार्यवाही करते हुए बीमा कम्पनी के बंैक खाते सीज करने के साथ 3 करोड 60 लाख की वसूली भी सम्बन्धित बीमा कम्पनी से किये जाने के निर्देश दिये है।
जिलाधिकारी की इस कार्यवाही से बीमा कम्पनी मे हडकम्प की स्थिति बनी है। जिलाधिकारी ने बताया कि बीमा कम्पनी पर और भी कडी कार्यवाही करते हुए ब्लैकलिस्ट कराने की भी तैयारी है। उन्होने कहा कि बीमा कम्पनी द्वारा किया जा रहा किसानों के साथ उत्पीडन बर्दाश्त नही किया जायेगा। बीमा कम्पनी के विरूद्व जो कडी से कडी कार्यवाही होगी वह की जायेगी।