उत्तर प्रदेश

Dedicated Freight Corridor: भारत के सबसे व्यस्त रूट पर रेलवे का मास्टर प्लान, मालगाड़ियों की रफ्तार बढ़ी, लेटलतीफी खत्म

Dedicated Freight Corridor: भारतीय रेलवे, दुनिया के सबसे बड़े और व्यस्त रेल नेटवर्क में से एक, ने अपनी मालगाड़ियों की लेटलतीफी और धीमी गति की समस्या को खत्म करने के लिए एक ऐतिहासिक कदम उठाया है। डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर (डीएफसी) नामक यह परियोजना भारतीय रेलवे की क्षमताओं में क्रांति ला रही है।

6950 करोड़ रुपये की लागत से तैयार हो रहे इस 1490 किलोमीटर लंबे कॉरिडोर का मुख्य उद्देश्य है मालगाड़ियों को पैसेंजर ट्रेनों से अलग रूट उपलब्ध कराना, ताकि दोनों का संचालन बिना रुकावट के हो सके।


महाकुंभ 2025 के लिए खास प्लानिंग

आगामी प्रयागराज महाकुंभ 2025 को ध्यान में रखते हुए रेलवे ने अपनी तैयारियां शुरू कर दी हैं। भारी भीड़ को संभालने के लिए पैसेंजर ट्रेनों की संख्या में भारी बढ़ोतरी की गई है। इस दौरान मालगाड़ियों का संचालन डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर पर डाइवर्ट कर दिया गया है, जिससे यात्रियों को समय पर ट्रेन सेवा मिल सके।

उत्तर मध्य रेलवे के पीआरओ अमित मालवीय ने बताया,

“डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर से मालगाड़ियों की आवाजाही में गति आई है। अब पैसेंजर ट्रेनें समय पर चल रही हैं, और यात्रियों को कोई असुविधा नहीं हो रही।”


कैसे काम करता है डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर?

यह खास कॉरिडोर केवल मालगाड़ियों के लिए बनाया गया है, जिसमें आधुनिक तकनीकों का इस्तेमाल किया गया है।

  • तेज रफ्तार मालगाड़ियां: मालगाड़ियां अब 100 से 130 किमी/घंटा की रफ्तार से चल सकती हैं।
  • इलेक्ट्रिक इंजन: यह कॉरिडोर पूरी तरह से इलेक्ट्रिक इंजन पर आधारित है, जिससे पर्यावरण पर कम असर पड़ता है।
  • एडवांस सिग्नलिंग सिस्टम: सटीक और सुरक्षित संचालन के लिए कॉरिडोर में अत्याधुनिक सिग्नल सिस्टम लगाया गया है।

किन इलाकों में बन चुका है कॉरिडोर?

दिल्ली से हावड़ा तक बनने वाला यह कॉरिडोर कई प्रमुख जिलों से गुजरता है, जिनमें मिर्जापुर, प्रयागराज, कानपुर, मुगलसराय शामिल हैं। इनमें से अधिकतर हिस्सों में निर्माण कार्य लगभग पूरा हो चुका है।
पिछले छह महीनों से इस रूट पर मालगाड़ियों का संचालन भी शुरू हो चुका है।


यात्रियों के लिए क्या फायदे?

  1. लेटलतीफी से निजात: पैसेंजर ट्रेनों की लेटलतीफी में भारी कमी आई है।
  2. बेहतर ट्रैफिक मैनेजमेंट: मालगाड़ियों और पैसेंजर ट्रेनों को अलग-अलग रूट मिलने से रेलवे का संचालन सुचारू हो गया है।
  3. कम यात्रा समय: यात्रियों को अब अपनी यात्रा में देरी का सामना नहीं करना पड़ रहा।

महाकुंभ के दौरान क्या होंगे खास इंतजाम?

महाकुंभ जैसे बड़े आयोजनों में रेलवे का प्रबंधन चुनौतीपूर्ण होता है। प्रयागराज में उमड़ने वाली करोड़ों की भीड़ को देखते हुए रेलवे ने पैसेंजर ट्रेनों की संख्या बढ़ाने का फैसला किया है।

  • पैसेंजर ट्रेनों के संचालन में कोई बाधा न हो, इसलिए मालगाड़ियों को पूरी तरह से डीएफसी पर डाइवर्ट किया गया है।
  • रेलवे ने यात्रियों को समय पर और सुरक्षित यात्रा का भरोसा दिलाया है।

भारतीय रेलवे की आधुनिक सोच

डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर भारतीय रेलवे की महत्वाकांक्षी परियोजनाओं में से एक है। इसके जरिए न केवल माल परिवहन की रफ्तार तेज हुई है, बल्कि यह भारत की आर्थिक वृद्धि में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है।
रेलवे मंत्रालय का मानना है कि इससे माल ढुलाई की क्षमता दोगुनी हो जाएगी।


परियोजना का भविष्य

कुछ महीनों के भीतर इस परियोजना का उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के द्वारा किए जाने की उम्मीद है। इसके साथ ही भारत वैश्विक स्तर पर आधुनिक और पर्यावरण-अनुकूल रेल नेटवर्क का उदाहरण पेश करेगा।

डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर न केवल भारतीय रेलवे के लिए एक मील का पत्थर है, बल्कि यह भारत के आर्थिक और इंफ्रास्ट्रक्चर विकास में भी नया आयाम जोड़ेगा।

News-Desk

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