Israel–Hamas war: गाजा में संघर्ष विराम के बाद भी तबाही, इजरायली हमलों में 86 की मौत, 258 घायल
Israel–Hamas war गाजा पट्टी में संघर्ष और त्रासदी का सिलसिला जारी है। इजरायल और हमास के बीच संघर्ष विराम समझौते की घोषणा के बावजूद हिंसा रुकने का नाम नहीं ले रही। गाजा में नागरिकों पर इजरायली हमलों के बाद 86 लोगों की मौत हो चुकी है और 258 से अधिक लोग घायल हो गए हैं। इस घटनाक्रम ने संघर्ष विराम समझौते की वैधता और स्थायित्व पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।
गाजा में तबाही के ताजा आंकड़े
गाजा सिविल डिफेंस के प्रवक्ता महमूद बसल ने प्रेस विज्ञप्ति के जरिए जानकारी दी कि बुधवार को संघर्ष विराम की घोषणा के तुरंत बाद इजरायली हमलों में 86 लोग मारे गए। इनमें 23 बच्चे शामिल हैं। घायल हुए 258 लोगों में कई की स्थिति गंभीर है। यह हिंसा तब हुई जब इजरायल ने गाजा में लगभग 50 आतंकी ठिकानों को निशाना बनाने का दावा किया। इन हमलों ने गाजा के पहले से ही संकटग्रस्त हालात को और बदतर बना दिया है।
संघर्ष विराम पर असमंजस
इजरायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने घोषणा की है कि गाजा में बंधकों की रिहाई को लेकर हमास के साथ एक समझौता हुआ है। लेकिन उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि अंतिम समय में समझौते को लागू करने में बाधाएं आईं। गुरुवार को इजरायली कैबिनेट की बैठक में इस समझौते पर मतदान टाल दिया गया, जिससे असमंजस की स्थिति बन गई। नेतन्याहू ने इस देरी के लिए हमास को जिम्मेदार ठहराया और कहा कि सुरक्षा कैबिनेट शुक्रवार को इसे मंजूरी दे सकती है।
अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रिया और अमेरिका की भूमिका
अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने इस समझौते को ऐतिहासिक बताया और इसे मध्य-पूर्व में शांति स्थापित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम करार दिया। साथ ही, कतर जैसे देशों ने भी मध्यस्थता में अहम भूमिका निभाई। बाइडन ने इजरायल को समर्थन देते हुए हमास की कार्रवाई को आतंकवादी गतिविधि करार दिया। हालाँकि, गाजा में इजरायली हमलों में मारे गए निर्दोष नागरिकों की संख्या ने इस समर्थन को आलोचना के घेरे में ला खड़ा किया है।
हमास का पलटवार और गाजा में हालात
हमास ने इजरायली हमलों के जवाब में अपने बयानों के जरिए अंतरराष्ट्रीय समुदाय से अपील की है कि वह गाजा में हो रहे “नरसंहार” को रोकने के लिए ठोस कदम उठाए। हमास ने इजरायल पर नागरिकों को निशाना बनाने का आरोप लगाया और कहा कि यह संघर्ष न केवल गाजा बल्कि पूरे क्षेत्र को अस्थिर कर रहा है। गाजा में बुनियादी ढांचे की स्थिति इतनी खराब हो चुकी है कि अस्पतालों में घायल नागरिकों का इलाज करना मुश्किल हो रहा है।
पिछले हमलों का प्रभाव
यह संघर्ष 7 अक्टूबर 2023 को शुरू हुआ था जब हमास ने इजरायल पर हमला किया। इस हमले में 1,200 से अधिक इजरायली नागरिक मारे गए और 250 से अधिक लोगों को बंधक बना लिया गया। इसके जवाब में इजरायल ने गाजा पर भीषण हमले शुरू किए, जिनमें फिलिस्तीनी स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार अब तक 46,000 से अधिक लोग मारे गए हैं। इनमें बड़ी संख्या में महिलाएं और बच्चे भी शामिल हैं।
क्या कहता है भविष्य?
इस संघर्ष ने गाजा को खंडहर में तब्दील कर दिया है। संघर्ष विराम समझौते की घोषणा के बावजूद इजरायल और हमास के बीच स्थायी शांति की संभावना क्षीण लगती है। इस क्षेत्र में जारी हिंसा न केवल मानवाधिकारों का उल्लंघन है, बल्कि यह अंतरराष्ट्रीय समुदाय के लिए एक बड़ी चुनौती भी है।
गाजा में मानवीय संकट को लेकर संयुक्त राष्ट्र और अन्य अंतरराष्ट्रीय संस्थाओं ने चिंता जताई है। गाजा में राहत सामग्री और चिकित्सा सुविधाएं भेजने के प्रयास लगातार हो रहे हैं, लेकिन इजरायली हमलों के बीच यह बेहद मुश्किल साबित हो रहा है।
अंतरराष्ट्रीय समुदाय की भूमिका
संयुक्त राष्ट्र और मानवाधिकार संगठनों ने गाजा में निर्दोष नागरिकों की हत्या की कड़ी निंदा की है। साथ ही, अमेरिका और अन्य देशों से मांग की है कि वे इजरायल पर दबाव डालें कि वह संघर्ष विराम का पूरी तरह पालन करे। इस संघर्ष ने दुनिया को विभाजित कर दिया है, जहां एक ओर इजरायल के समर्थक हैं, वहीं दूसरी ओर फिलिस्तीन के लिए न्याय की मांग करने वाले देश हैं।
संघर्ष का समाधान कब?
इस संघर्ष को समाप्त करने के लिए दीर्घकालिक समाधान की जरूरत है। इसके लिए इजरायल और हमास के साथ-साथ अंतरराष्ट्रीय समुदाय को भी ठोस कदम उठाने होंगे। स्थायी शांति और सुरक्षा तभी संभव है जब सभी पक्ष आपसी सहमति और सहयोग से आगे बढ़ें।