Mirzapur में रील बनाते वक़्त मौत ने दी दस्तक! बेकाबू स्कॉर्पियो ने मचाई तबाही, एक की मौत, तीन घायल, गुस्साए लोगों ने जाम की सड़क
Mirzapur जिले में गुरुवार की सुबह एक भयावह हादसा हुआ, जिसने पूरे इलाके को हिला कर रख दिया। चुनार थाना क्षेत्र के जमुई गांव में रील बनाने के दौरान एक बेकाबू स्कॉर्पियो ने चार लोगों को कुचल दिया। यह हादसा इतना भीषण था कि एक युवक की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि तीन अन्य लोग गंभीर रूप से घायल हो गए।
प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, चारों युवक सड़क किनारे सोशल मीडिया के लिए वीडियो शूट कर रहे थे, तभी अचानक एक तेज़ रफ्तार स्कॉर्पियो ने अपना नियंत्रण खो दिया और सीधे उन्हें रौंदते हुए एक घर में घुस गई। स्कॉर्पियो की रफ्तार इतनी ज्यादा थी कि रास्ते में पड़ा एक हैंडपंप भी चकनाचूर हो गया।
जमुई गांव में मचा हड़कंप: परिजनों का आक्रोश, सड़क पर किया चक्का जाम
हादसे की खबर फैलते ही गांव में कोहराम मच गया। मृतक के परिजन और गांव के लोग आक्रोशित हो गए और गाड़ी चालक के खिलाफ कार्रवाई की मांग को लेकर सड़क जाम कर दिया। ग्रामीणों ने नारेबाजी करते हुए घंटों तक जाम लगाए रखा, जिससे मार्ग पर लंबा जाम लग गया और यातायात पूरी तरह बाधित हो गया।
पुलिस को सूचना मिलने के बाद मौके पर पहुंची चुनार थाना पुलिस ने किसी तरह ग्रामीणों को समझाने की कोशिश की, लेकिन भीड़ का गुस्सा ठंडा नहीं हो रहा था। घटना की गंभीरता को देखते हुए पुलिस ने उच्च अधिकारियों को सूचित किया और अतिरिक्त फोर्स की मांग की गई।
हादसे का मुख्य कारण: सोशल मीडिया का जुनून या लापरवाही?
प्रारंभिक जांच में सामने आया है कि रील बनाते वक़्त पीड़ित सड़क के एक किनारे खड़े होकर मोबाइल कैमरे के सामने एक्टिंग कर रहे थे। इसी दौरान बगल से गुज़रती स्कॉर्पियो अनियंत्रित होकर उन्हें कुचलती चली गई।
इस घटना ने एक बार फिर सोशल मीडिया पर रील्स बनाने की लत और उसकी सुरक्षा को लेकर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। युवाओं में बढ़ती रील बनाने की सनक अब जानलेवा रूप लेती जा रही है। इससे पहले भी देश के कई हिस्सों में रील बनाते हुए हादसों की खबरें सामने आई हैं।
स्कॉर्पियो चालक गिरफ्तार, गाड़ी ज़ब्त – पुलिस कर रही गहन जांच
घटना के बाद भागने की कोशिश कर रहे स्कॉर्पियो चालक को ग्रामीणों ने पकड़ लिया और पुलिस के हवाले कर दिया। वाहन को भी ज़ब्त कर लिया गया है। पुलिस ने चालक के खिलाफ गैर इरादतन हत्या, लापरवाही से गाड़ी चलाने और अन्य धाराओं में मुकदमा दर्ज कर लिया है।
पुलिस अधीक्षक मिर्जापुर ने बताया कि दुर्घटना की जांच गंभीरता से की जा रही है। साथ ही, यह भी देखा जा रहा है कि कहीं चालक नशे में तो नहीं था। ड्राइवर का मेडिकल परीक्षण भी कराया जा रहा है।
मिर्जापुर में रील-हादसों की बढ़ती संख्या: क्या जागरूकता ही उपाय है?
मिर्जापुर जैसे जिले में जहां पहले ऐसे मामले कम सामने आते थे, अब वहां भी सोशल मीडिया का असर दिखने लगा है। रील्स बनाने की होड़ में युवा सड़कों, पुलों, रेलवे ट्रैक, यहां तक कि खतरनाक जगहों पर वीडियो बना रहे हैं।
विशेषज्ञों का मानना है कि सरकार को अब इस विषय पर सख्त गाइडलाइंस तैयार करनी चाहिए और स्कूलों-कॉलेजों में जागरूकता अभियान चलाना चाहिए। माता-पिता को भी बच्चों की सोशल मीडिया गतिविधियों पर नजर रखनी चाहिए।
घायलों का हाल गंभीर: वाराणसी ट्रॉमा सेंटर रेफर
घायलों को पहले मिर्जापुर जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया था, लेकिन एक युवक की हालत बेहद नाज़ुक होने पर उसे वाराणसी ट्रॉमा सेंटर रेफर कर दिया गया। बाकी दो का इलाज जारी है और डॉक्टरों के अनुसार उनकी हालत फिलहाल स्थिर है।
स्थानीय लोगों ने प्रशासन से मांग की है कि पीड़ित परिवारों को मुआवज़ा दिया जाए और सड़क पर स्पीड ब्रेकर लगवाए जाएं, ताकि भविष्य में ऐसे हादसों से बचा जा सके।
क्या सोशल मीडिया बनता जा रहा है जानलेवा जुनून?
हालिया वर्षों में सोशल मीडिया कंटेंट बनाने की होड़ में कई युवाओं की जान जा चुकी है। कभी ट्रेन के ऊपर चढ़कर वीडियो बनाना, कभी चलते ट्रक से कूदना, तो कभी सड़क पर खतरनाक स्टंट करना — ये सब आज के दौर के खतरनाक ट्रेंड बन गए हैं।
मिर्जापुर का यह ताजा मामला इस बात की पुष्टि करता है कि यदि अब भी सोशल मीडिया के जुनून पर लगाम नहीं लगाई गई, तो यह और जानलेवा साबित हो सकता है। प्रशासन और समाज को मिलकर एक ठोस पहल करनी होगी।
सरकार को चाहिए कड़े कदम, ताकि रील की कीमत ज़िंदगी ना बने
विशेषज्ञों और सामाजिक कार्यकर्ताओं का कहना है कि इस तरह के हादसों को रोकने के लिए सिर्फ ट्रैफिक नियमों का पालन ही नहीं, बल्कि डिजिटल प्लेटफॉर्म्स पर नियमों का सख्त पालन भी ज़रूरी है। बच्चों और युवाओं को जागरूक करने के लिए शिक्षा व्यवस्था में इसके लिए एक अध्याय भी जोड़ा जाना चाहिए।
सरकार को चाहिए कि खतरनाक स्टंट, सड़क पर रील बनाना, और ट्रैफिक बाधित करने वाले वीडियो कंटेंट पर सख्त नियम लागू करे। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स को भी इस दिशा में अपनी ज़िम्मेदारी निभानी चाहिए।

