महिलाओं के मौलिक व विधिक अधिकार : विधिक साक्षरता शिविर का आयोजन
मुजफ्फरनगर। उत्तर प्रदेश राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण से प्राप्त कलेन्डर के अनुसार श्री राजीव शर्मा, माननीय जनपद न्यायाधीश/अध्यक्ष, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण मुजफफरनगर के कुशल निर्देशन में जिला विधिक सेवा प्राधिकरण मुजफफरनगर की ओर से ग्राम छपार के प्राथमिक विद्यालय संख्या -1 में ‘‘ बेटी बचाओ बेटी पढाओं तथा महिलाओं के मौलिक व विधिक अधिकार ‘‘ विषय पर विधिक साक्षरता शिविर का आयोजन किया गया
जिसमें विधायक, श्री प्रमोद कुमार, के द्वारा उपस्थित समस्त आम जनमानस को बताया गया कि भारत वर्ष में महिलाओं को शक्ति के रूप पूजा जाता है बिना शक्ति की उपासना के कोई भी कार्य सिद्ध नही होता है इसी प्रकार देश के विकास में किसी भी क्षेत्र में लडकियों का योगदान लडको से किसी भी प्रकार से कम नही है।
सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण श्रीमती सलोनी रस्तोगी ने बताया कि संविधान महिलाओ व पुरूषों में कोई भेद भाव नही करता है। उनके द्वारा भारतीय सविधान में महिलाओध् लडकियों को प्राप्त मौलिक अधिकारों के सम्बन्ध मे विस्तार से बताया गया
यह भी बताया गया कि हमारे संविधान में पुरूषो के समान ही महिलाओं को भी अधिकार प्राप्त है बालिकाओ के कल्याण व सुरक्षा के सम्बन्ध में अनेक अधिनियम बनाये गये है जैसे बाल विवाह निषेध अधिनियम 2006, घरेलू हिंसा से संरक्षण अधिनियम 2005, यौन हिंसा से बच्चों का संरक्षण अधिनियम 2012 आदि परन्तु बालिकाओं के सशक्तिकरण के लिए आवश्यक है
परिवारिक, सामाजिक, राष्ट्रीय, सभी स्तरों पर प्रयास किया जाए। बालिकाओं के स्वास्थय, शिक्षा, आत्म रक्षा, सामाजिक सोच व विचारधारा, बालिकाओं के लिए सुरक्षित वातावरण आदि विषयों पर कार्य करने की आवश्यकता है
महिलाओं के सम्बन्ध में उत्तर प्रदेश राज्य द्वारा चलायी जा रही विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं के बारे में विस्तार पूर्वक बताया गया। महिलाओं को कानून द्वारा अनेको अधिकार दिये गये है लेकिन जागरूकता की कमी है महिलाओं को जागरूक करने का कार्य जिला विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा किया जा रहा है
यदि कोई महिला मुकदमें की पैरवी आर्थिक स्थिति के कारण करने में असमर्थ है तो उसे जिला विधिक सेवा प्राधिकरण में आवेदन देने पर निः शुल्क अधिवक्ता उपलब्ध कराया जायेगा तथा शिविर में उपस्थित आम जनमानस को संविधान में दिये गये मौलिक कर्तव्यों व कोविड -19 करोना वायरस के बारे मे जानकारी देते हुए जागरूक किया गया।
इस अवसर पर जिला प्रोबेशन अधिकारी श्री मुशफेकीम, सदस्य किशोर न्याय बोर्ड श्रीमती बीना शर्मा, बी0डी0ओ0 प्रशान्त कुमार श्रीवास्तव, बी0ई0ओ0 पुरकाजी अलका अग्रवाल, ग्राम प्रधान जयवीर त्यागी, सहायक अध्यापक संजीव कुमार, महिला कल्याण अधिकारी शिवागी बालियान, आदि शिविर में उपस्थित रहें।
श्रीमती सलोनी रस्तोगी सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा बताया गया कि जनपद न्यायालय मुजफफरनगर में मध्यस्थता केन्द्र में 09 मध्यस्थ अधिवक्ता तथा पारिवारिक मामलों में सुलह -समझौते हेतु 03 महिला परामर्शदाता के रूप में कार्यरत् है। यदि पक्षकारों के मध्य मुकदमा चल रहा है तो वे मध्यस्थता के माध्यम से भी अपने मामले का निस्तारण करा सकते है।
श्रीमती सलोनी रस्तोगी, सचिव द्वारा यह भी अवगत कराया गया कि दिनांक 08.11.2020 दिन रविवार को ई- लोक अदालत का आयोजन अध्यक्ष मोटर दुर्घटना दावा प्राधिकरण के न्यायालय कक्ष, एवम् प्रधान न्यायाधीश मुजफफरनगर व पारिवारिक न्यायालयों के न्यायालय कक्ष में किया जायेगा।
जिसमें मोटर दुर्घटना प्रतिकर याचिका एवम् वैवाहिक वादों, का निस्तारण किया जायेगा। कोरोना को दृष्टिगत रखते हुए ई- लोक अदालत का आयोजन हो रहा है
जिसमे पक्षकार सुलह – समझौते के माध्यम से अपने मामलों का निस्तारण करा सकते है। लोक अदालत के माध्यम से निपटने वाले मामलों में दोनो पक्षों की जीत होती है।
पक्षकारों के धन व समय की बचत होती है तथा मामले के निस्तारण के पश्चात भी सम्बन्ध सौहार्द पूर्ण बने रहते है।