आपसी अपनी सौहार्द और धर्म निरपेक्षता की पाठ पढ़ाने की कोशिश भी करती है. The Great Indian Family
कहानी बलरामपुर में रहने वाले विक्की कौशल के किरदार वेद ब्यास त्रिपाठी उर्फ़ भजन कुमार के जीवन पर आधारित है, यह एक ऐसा लड़का रहता है, जो जन्म से मुस्लिम है, लेकिन उसे परिवार हिन्दू का मिलता है, वह भी शुद्ध रूप से पंडित का परिवार और फिर यहां से कैसे धर्म और समाज की पूरी कहानी दर्शकों तक पहुंचाई गई है. एक भारतीय परिवार में किस तरह की चीजें चलती हैं
ढांचा क्या है, किन पहलुओं पर एक परिवार चलता है, इसे बखूबी दिखाया गया है. खासतौर से किसी आपातकालीन स्थिति में क्या होता है, इसे भी पूरी तरह से दर्शाया गया है. वेद उर्फ़ भजन कुमार एक बड़ा सिंगर बनना चाहता है, जो कि अपने इलाके में भजन और जगरातों में जाता है, लेकिन आखिर उसकी जिंदगी में क्या ट्विस्ट आता है, जब उसके सामने यह राज खुलता है और सच सामने आता है कि वह तो एक मुस्लिम परिवार का लड़का है
और कैसे वह परिवार में सबकी आंखों का तारा बने रहने वाला अचानक से लोगों की आंखों की किरकिरी बन जाता है, यह निर्देशक ने दिलचस्प तरीके से दर्शाने की कोशिश की है. यह बात उनके सामने एक चिट्ठी के जरिए आती है. निर्देशक ने अच्छे कलाकारों के साथ एक अच्छा विजन तलाशा है, लेकिन उसे प्रस्तुत करने में उनसे खामियां रह गई हैं. इसलिए कहानी दिल को छूने की बजाय ओवर ड्रामेटिक अधिक नजर आती है. कहानी उम्मीद के मुताबिक चलती रहती है. फिल्म का गीत संगीत कमज़ोर रह गया है.
The Great Indian Family विकी जितने प्रभावशाली एक्टर हैं, उस हिसाब से उन्होंने इस फिल्म में बेवजह काफी लाउड किरदार निभा लिया है. वह अपने बाकी के दमदार किरदारों में से इस फिल्म में कम साबित हुए हैं. मानुषी इस फिल्म में भी इंफ्रेस नहीं कर पाती हैं. उन्हें जरूरत है कि वह कोई अच्छा एक्टिंग कोच करें.
कुमुद मिश्रा और मनोज पाहवा ने भी ढर्रे वाली एक्टिंग की है. सिर्फ सादिया सिद्धिकी ने अपने किरदार से नयापन लाने की कोशिश की है. नए कलाकार उज्ज्वल का किरदार ध्यान खींचता है. कुल मिला कर फिल्म में नयापन कुछ नहीं है. लेकिन एक अच्छी सोच से बनी फिल्म के लिए यह एक बार देखी जा सकती है.