फिल्मी चक्कर

पेरिस ओलंपिक के उद्घाटन समारोह में “द लास्ट सपर” के प्रदर्शन की कड़ी आलोचना की kangana Ranaut ने

पेरिस ओलंपिक 2024 अपने उद्घाटन समारोह और सुरक्षा व्यवस्था के कारण लगातार विवादों में रहा है। इस बार अभिनेत्री और बीजेपी सांसद कंगना रनौत (kangana Ranaut) ने पेरिस ओलंपिक के उद्घाटन समारोह में “द लास्ट सपर” के प्रदर्शन की कड़ी आलोचना की है। कंगना ने इसे बहुत ही कामुकतापूर्ण और निंदनीय बताया। उन्होंने कहा कि वामपंथियों ने ओलंपिक खेलों पर कब्जा कर लिया है। अपनी इंस्टाग्राम पोस्ट में पेरिस ओलंपिक गेम्स के उद्घाटन समारोह की तस्वीरें पोस्ट करते हुए, कंगना रनौत ने कहा कि ‘द लास्ट सपर’ की अति-कामुकतापूर्ण, निंदनीय प्रस्तुति में एक बच्चे को शामिल करने के लिए पेरिस ओलंपिक की आलोचना हो रही है।

दरअसल, पेरिस ओलंपिक के उद्घाटन समारोह में ‘द लास्ट सपर’ का मंचन किया गया था। लास्ट सपर को यीशु मसीह का अंतिम भोज बताया जाता है, जिसमें वे अपने कुछ प्रिय 12 शिष्यों के साथ भोजन करते हैं। 15वीं शताब्दी में महान चित्रकार लिओनार्दो दा विंची ने इसी नाम से एक पेंटिंग बनाई थी। यह पेंटिंग मिलान शहर की एक चर्च की दीवार पर बनी है।

पेरिस ओलंपिक में ‘द लास्ट सपर’ के मंचन के दौरान नीले रंग में रंगे एक नग्न व्यक्ति को यीशु मसीह बनाकर प्रस्तुत किया गया। इस मंचन में एक बच्ची भी थी। कंगना रनौत ने ऐसे मंचन में बच्चों की भागीदारी को लेकर अपनी टिप्पणी की है। वे अपने सोशल मीडिया पोस्ट में लिखती हैं, “पेरिस ओलंपिक की ओपनिंग सेरेमनी में बिना कपड़ों के इस व्यक्ति को ईसा मसीह दिखाया गया है।”

मंडी लोकसभा से बीजेपी सांसद ने एक और तस्वीर शेयर की है, जिसमें एक महिला अपने हाथों में अपनी ही कटी हुई गर्दन लेकर खड़ी दिखाई गई है। कंगना इस पर लिखती हैं, “क्या इसी तरह फ्रांस ने ओलंपिक का स्वागत किया।” कंगना ने अंत में लिखा है, “पेरिस ओलंपिक की ओपनिंग सेरेमनी में सब कुछ होमोसेक्सुअलिटी पर आधारित था।”

वे आगे लिखती हैं, “मैं होमोसेक्सुअलिटी के खिलाफ नहीं हूं, लेकिन यह मेरी समझ से परे है कि ओलंपिक खेलों का कामुकता से क्या संबंध है? सेक्सुअलिटी केवल हमारे बेडरूम तक ही क्यों सीमित नहीं रह सकती। यह राष्ट्रीय पहचान क्यों होनी चाहिए?”

पेरिस ओलंपिक 2024 का आयोजन और विवाद

पेरिस ओलंपिक 2024 के उद्घाटन समारोह को लेकर उठे विवाद के पीछे कई मुद्दे हैं। खेलों के आयोजन में कामुकता का समावेश होना न केवल कंगना रनौत (kangana Ranaut) बल्कि कई अन्य लोगों के लिए भी आपत्तिजनक था। इसके साथ ही, पेरिस ओलंपिक के आयोजन समिति ने इस मुद्दे पर स्पष्टता नहीं दिखाई, जिससे विवाद और बढ़ गया।

ओलंपिक खेल एक वैश्विक मंच हैं जहां विभिन्न संस्कृतियों और विचारधाराओं का संगम होता है। ऐसे में, इस तरह की प्रस्तुतियाँ कई बार लोगों की भावनाओं को ठेस पहुंचा सकती हैं। पेरिस ओलंपिक के उद्घाटन समारोह में कामुकता और धार्मिक प्रतीकों का उपयोग करना एक संवेदनशील मुद्दा है, जिसे लेकर सामाजिक और सांस्कृतिक दृष्टिकोण से गहराई से विचार किया जाना चाहिए।

नैतिकता और सांस्कृतिक संवेदनशीलता

कंगना रनौत द्वारा उठाए गए मुद्दे नैतिकता और सांस्कृतिक संवेदनशीलता के बारे में महत्वपूर्ण प्रश्न खड़े करते हैं। एक वैश्विक आयोजन में, जहाँ विभिन्न देशों के खिलाड़ी और दर्शक शामिल होते हैं, वहाँ प्रस्तुतियों में सांस्कृतिक और धार्मिक संवेदनाओं का सम्मान किया जाना आवश्यक है।

इस तरह के आयोजनों में नैतिकता की मर्यादा को बनाए रखना जरूरी है। पेरिस ओलंपिक के इस विवाद ने एक बार फिर से यह सवाल उठाया है कि क्या आयोजकों को ऐसी प्रस्तुतियाँ करने से पहले व्यापक सामाजिक और सांस्कृतिक पहलुओं पर विचार नहीं करना चाहिए।

यौन उत्पीड़न और सुरक्षा के मुद्दे

उद्घाटन समारोह के विवाद के साथ-साथ, पेरिस ओलंपिक 2024 यौन उत्पीड़न और सुरक्षा के मुद्दों को लेकर भी चर्चाओं में है। खेलों के दौरान एथलीटों और अन्य कर्मचारियों की सुरक्षा सुनिश्चित करना प्राथमिकता होनी चाहिए। ओलंपिक के पिछले संस्करणों में भी यौन उत्पीड़न के कई मामले सामने आए हैं, जिन्हें ध्यान में रखते हुए इस बार विशेष प्रबंध किए जाने चाहिए।

खेलों के दौरान महिलाओं और बच्चों की सुरक्षा पर विशेष ध्यान देना चाहिए। उद्घाटन समारोह में बच्चों की भागीदारी और उनके साथ किए गए प्रस्तुतियों पर भी सवाल उठे हैं। यह सुनिश्चित करना महत्वपूर्ण है कि खेलों में शामिल हर व्यक्ति की सुरक्षा और सम्मान बना रहे।

पेरिस ओलंपिक 2024 का भविष्य

पेरिस ओलंपिक 2024 के उद्घाटन समारोह के विवादों ने खेलों के भविष्य पर भी सवाल खड़े किए हैं। ओलंपिक एक ऐसा मंच है जहाँ खेल भावना, एकता, और भाईचारे का संदेश दिया जाता है। ऐसे में, इस तरह के विवाद खेलों की मूल भावना को आघात पहुँचा सकते हैं।

आयोजन समिति को इन मुद्दों का गंभीरता से विचार करना चाहिए और भविष्य में इस तरह की घटनाओं से बचने के लिए कदम उठाने चाहिए। खेलों का उद्देश्य केवल प्रतिस्पर्धा नहीं है, बल्कि यह विभिन्न संस्कृतियों के बीच एक पुल के रूप में काम करना है।

पेरिस ओलंपिक 2024 के उद्घाटन समारोह ने न केवल खेलों की दुनिया में बल्कि सामाजिक और सांस्कृतिक स्तर पर भी बड़ी बहस को जन्म दिया है। कंगना रनौत द्वारा उठाए गए मुद्दे नैतिकता, सांस्कृतिक संवेदनशीलता, और यौन उत्पीड़न के बारे में महत्वपूर्ण प्रश्न खड़े करते हैं।

आयोजन समिति और वैश्विक समुदाय को मिलकर इन मुद्दों का समाधान ढूंढ़ना चाहिए ताकि भविष्य में इस तरह के विवाद न हों और ओलंपिक खेलों की प्रतिष्ठा बनी रहे। खेलों का उद्देश्य एकता और भाईचारे को बढ़ावा देना है, और यह सुनिश्चित करना हमारा कर्तव्य है कि यह उद्देश्य पूरी तरह से पूरा हो।

News-Desk

News Desk एक समर्पित टीम है, जिसका उद्देश्य उन खबरों को सामने लाना है जो मुख्यधारा के मीडिया में अक्सर नजरअंदाज हो जाती हैं। हम निष्पक्षता, सटीकता, और पारदर्शिता के साथ समाचारों को प्रस्तुत करते हैं, ताकि पाठकों को हर महत्वपूर्ण विषय पर सटीक जानकारी मिल सके। आपके विश्वास के साथ, हम खबरों को बिना किसी पूर्वाग्रह के आप तक पहुँचाने के लिए प्रतिबद्ध हैं। किसी भी सवाल या जानकारी के लिए, हमें संपर्क करें: [email protected]

News-Desk has 17273 posts and counting. See all posts by News-Desk

Avatar Of News-Desk

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

five × one =

Language