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Muzaffarnagar में विधिक जागरूकता कार्यक्रम: बच्चों को उनके अधिकारों और कर्तव्यों के बारे में किया गया जागरूक

मुजफ्फरनगर। (Muzaffarnagar) में विधिक जागरूकता कार्यक्रम ने समाज में कानूनी जानकारियों और नागरिक कर्तव्यों के प्रति बच्चों की जागरूकता को एक नई दिशा दी। यह कार्यक्रम जनपद न्यायाधीश डॉ. अजय कुमार के निर्देशन में आयोजित किया गया, जिसमें अपर जनपद न्यायाधीश रितिश सचदेवा और जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

कार्यक्रम का आयोजन सनातन धर्म इंटर कॉलेज, रोडवेज बस स्टैंड, मुजफ्फरनगर में किया गया था, जहां विद्यालय के छात्र-छात्राओं को उनके अधिकारों और कर्तव्यों के बारे में बताया गया। इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य बच्चों को कानूनी ज्ञान से लैस करना और उन्हें समाज में सकारात्मक नागरिक बनाने के लिए प्रेरित करना था।

छात्रों को अधिकार और कर्तव्य की जानकारी

इस विधिक जागरूकता कार्यक्रम के दौरान सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण ने छात्रों को उनके अधिकारों के बारे में विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने बताया कि एक नागरिक के रूप में प्रत्येक व्यक्ति को कानून द्वारा दी गई सुरक्षा और सुविधा प्राप्त है। साथ ही, उन्हें यह भी बताया कि नागरिक कर्तव्यों का पालन करना भी उतना ही महत्वपूर्ण है।

मुख्य अतिथि ने छात्रों से अपील की कि वे समाज में अपराध के खिलाफ आवाज उठाने के लिए तैयार रहें और अपने अधिकारों के प्रति पूरी तरह से सचेत रहें। उन्होंने कहा, “समाज में अच्छा नागरिक वही है जो न केवल अपने अधिकारों को जानता है, बल्कि अपने कर्तव्यों का भी पालन करता है।”

महिलाएं और बच्चों के लिए सरकारी योजनाएं

कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथि थाना प्रभारी सर्वेश कुमार ने बच्चों और विशेषकर बालिकाओं को सरकार द्वारा संचालित हेल्पलाइन नंबरों के बारे में जानकारी दी। उन्होंने बताया कि महिलाएं और बच्चे किसी भी मुश्किल में आसानी से इन नंबरों का उपयोग कर सकते हैं।

  • 112 (पुलिस प्रशासन हेल्पलाइन): यह हेल्पलाइन महिलाओं, बच्चों और अन्य नागरिकों के लिए तुरंत मदद प्रदान करती है।

  • 1090 (महिला हेल्पलाइन): महिलाओं को घरेलू हिंसा, शारीरिक या मानसिक उत्पीड़न के खिलाफ सुरक्षा प्रदान करती है।

  • 1098 (चाइल्ड हेल्पलाइन): यह बच्चों को उनके अधिकारों का उल्लंघन होने पर तुरंत सहायता उपलब्ध कराती है।

सर्वेश कुमार ने छात्रों से यह भी कहा कि यदि किसी भी लड़की या महिला को कोई समस्या हो तो वह चुप्पी ना साधे, बल्कि खुलकर अपनी बात कहे। उनका यह संदेश था कि समाज में महिलाओं और बच्चों के खिलाफ होने वाली हिंसा या अपराध के खिलाफ खुलकर आवाज उठाई जानी चाहिए।

साइबर क्राइम के प्रति जागरूकता

परलीगल वॉलिंटियर गौरव मालिक ने छात्रों को साइबर क्राइम के बारे में जागरूक किया। उन्होंने बताया कि आजकल इंटरनेट का उपयोग बहुत बढ़ गया है, लेकिन इसके साथ ही साइबर क्राइम के मामलों में भी तेजी आई है। गौरव मालिक ने छात्रों को यह सलाह दी कि वे अनजान लोगों से अपनी व्यक्तिगत जानकारी साझा न करें, और किसी भी प्रकार की धोखाधड़ी या ऑनलाइन अपराध का शिकार होने पर साइबर हेल्पलाइन नंबर 1930 पर संपर्क करें।

साइबर अपराध के बढ़ते मामलों को देखते हुए गौरव मालिक ने सभी विद्यार्थियों को इंटरनेट पर सतर्क रहने और अपने डिजिटल प्राइवेसी को सुरक्षित रखने की सलाह दी। उनका कहना था कि “साइबर सुरक्षा के लिए सतर्कता बहुत जरूरी है। अगर हम एक छोटी सी गलती कर देते हैं, तो उसका परिणाम गंभीर हो सकता है।”

बाल विवाह के खिलाफ शपथ

कार्यक्रम के समापन के बाद, विशेष अतिथि ने छात्रों को आगामी अक्षय तृतीया के अवसर पर बाल विवाह के खिलाफ जागरूक किया। उन्होंने बताया कि बाल विवाह न केवल कानूनी रूप से अपराध है, बल्कि यह बच्चों के जीवन को भी नष्ट कर देता है। अतिथि ने विद्यार्थियों से शपथ ली कि वे बाल विवाह के खिलाफ खड़े रहेंगे और समाज में इसे रोकने के लिए हर संभव प्रयास करेंगे।

यह पहल समाज में बाल विवाह जैसी कुरीतियों को समाप्त करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। बाल विवाह के खिलाफ यह जागरूकता बहुत आवश्यक है क्योंकि यह एक गंभीर सामाजिक समस्या है, जो बच्चों की शिक्षा, स्वास्थ्य और विकास पर नकारात्मक प्रभाव डालती है।

कार्यक्रम का आयोजन और सहयोग

विद्यालय के प्रधानाचार्य ने कार्यक्रम के समापन पर सभी अतिथियों का धन्यवाद किया और कहा कि इस तरह के जागरूकता कार्यक्रम विद्यालयों में निरंतर होते रहने चाहिए। प्रधानाचार्य ने कहा, “हमारे स्कूल में इस प्रकार के कार्यक्रमों का आयोजन विद्यार्थियों को उनके अधिकारों और कर्तव्यों के प्रति जागरूक करने के लिए अत्यंत आवश्यक है।”

कार्यक्रम को सफल बनाने में कई लोगों का सहयोग रहा, जिनमें शिक्षक गण, परलीगल वॉलिंटियर धनीराम जी, हेडकांस्टेबल अमरजीत, अमित, नितिन कुमार आदि शामिल थे। इन सभी के सहयोग से यह कार्यक्रम साकार हो पाया और विद्यार्थियों को कानूनी जानकारी प्रदान की गई।

बच्चों के लिए महत्व

यह कार्यक्रम बच्चों के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण था क्योंकि यह उन्हें उनके अधिकारों और कर्तव्यों के प्रति जागरूक करता है। विशेष रूप से जब हम बच्चों के भविष्य की बात करते हैं, तो यह जरूरी है कि वे अपने अधिकारों को समझें और समाज में अपने कर्तव्यों को भी निभाएं। इस तरह के जागरूकता कार्यक्रमों के जरिए ही हम बच्चों को बेहतर नागरिक बना सकते हैं, जो समाज के लिए सकारात्मक योगदान दे सकें।

समग्र दृष्टिकोण

मुजफ्फरनगर में इस प्रकार के जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन समाज के प्रत्येक वर्ग को उसके अधिकारों और कर्तव्यों के प्रति जागरूक करने में मददगार साबित हो सकता है। विशेष रूप से बच्चों को इसके माध्यम से अपने अधिकारों के बारे में जानकारी मिलती है, और वे भविष्य में समाज के जिम्मेदार नागरिक बन सकते हैं। इस प्रकार के कार्यक्रमों की निरंतरता सुनिश्चित करना बहुत जरूरी है ताकि आने वाली पीढ़ी को अपने अधिकारों का सही इस्तेमाल और कर्तव्यों का पालन करने का मौका मिले।

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