Lucknow: उत्तर प्रदेश में सौर ऊर्जा की पहल- रोशन होंगे अयोध्या, गोरखपुर और वाराणसी शहर
Lucknow – उत्तर प्रदेश में अयोध्या, गोरखपुर और वाराणसी शहर सौर ऊर्जा से रोशन करने के लिए बुधवार को ऊर्जा एवं अतिरिक्त ऊर्जा स्त्रोत विभाग के प्रमुख सचिव नरेंद्र भूषण की अध्यक्षता में राज्य स्तरीय समिति की बैठक हुई। इस दौरान नगर निगम अयोध्या में स्मार्ट सोलर स्ट्रीट लाइट, नगर निगम गोरखपुर में स्मार्ट सोलर स्ट्रीट लाइट, सोलर हाई मास्ट एवं सोलर स्ट्रीट लाइट तथा नगर निगम वाराणसी में स्मार्ट सोलर स्ट्रीट लाइट, सोलर हाई मास्ट, सोलर स्ट्रीट लाइट, सोलर ट्री एवं वॉटर किऑस्क की स्वीकृति प्रदान करने के साथ अन्य प्रस्तावों पर सैद्धांतिक सहमति दी गई।
सोलर सिटी कार्यक्रम के तहत अयोध्या, गोरखपुर व वाराणसी शहरों की कुल विद्युत खपत का 10 प्रतिशत सौर ऊर्जा से करने का लक्ष्य है। अयोध्या सोलर सिटी के सरयू नदी के तट पर स्थापित हो रहे 40 मेगावाट सोलर पावर प्लांट में से 14 मेगावाट की स्थापना हो चुकी है। शेष 26 मेगावाट का कार्य प्रगति पर है। इसी तरह पीएम सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना’ के तहत घरेलू उपभोक्ताओं के लिए अयोध्या को 50000, गोरखपुर को 75000 और वाराणसी को 75000 का लक्ष्य दिया गया है। इसके लिए नगर निगम एवं मुख्य विकास अधिकारी को कार्ययोजना तैयार करने का निर्देश है।
गौरतलब है कि प्रदेश में 25 लाख घरों पर सोलर रूफटॉप संयंत्रों की स्थापना का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। एक किलोवाट के सोलर संयंत्र पर केंद्र से 30 हजार और राज्य से 15 हजार का अनुदान है। दो किलोवाट पर केंद्र से 60 हजार और राज्य से 30 हजार, तीन किलोवाट पर केंद्र से 78 हजार और राज्य से 30 हजार एवं तीन किलोवाट से अधिक के संयत्र लगवाने पर केंद्र से 78 हजार और राज्य से 30 हजार रुपये का अनुदान दिया जा रहा है। योजना का लाभ प्राप्त करने के लिए नेशनल पोर्टल https://pmsuryaghar.gov.in पर ऑनलाइन आवेदन करना होता है।
उत्तर प्रदेश सरकार ने राज्य के तीन प्रमुख शहरों – अयोध्या, गोरखपुर, और वाराणसी – को सौर ऊर्जा से रोशन करने के लिए व्यापक योजनाएं बनाई हैं। यह कदम न केवल पर्यावरण के लिए लाभकारी है, बल्कि समाज पर इसके व्यापक प्रभाव होंगे और यह सरकार की दृढ़ प्रतिबद्धता को भी दर्शाता है।
सौर ऊर्जा की पहल और इसके समाज पर प्रभाव
उत्तर प्रदेश सरकार का उद्देश्य है कि अयोध्या, गोरखपुर, और वाराणसी की कुल विद्युत खपत का 10 प्रतिशत हिस्सा सौर ऊर्जा से पूरा किया जाए। यह पहल न केवल बिजली की आपूर्ति को सुधारने में मदद करेगी, बल्कि स्थानीय लोगों के जीवन को भी बेहतर बनाएगी।
- विद्युत निर्भरता में कमी: सौर ऊर्जा की उपलब्धता से पारंपरिक ऊर्जा स्रोतों पर निर्भरता कम होगी, जिससे ऊर्जा संकट का सामना करने में आसानी होगी।
- पर्यावरण संरक्षण: सौर ऊर्जा का उपयोग करने से कार्बन उत्सर्जन में कमी आएगी, जिससे पर्यावरण को लाभ होगा और प्रदूषण कम होगा।
- आर्थिक बचत: सौर ऊर्जा संयंत्रों की स्थापना से बिजली के बिलों में कमी आएगी, जिससे लोगों की आर्थिक स्थिति में सुधार होगा।
सरकारी प्रयास और योजनाएं
राज्य सरकार ने विभिन्न योजनाओं और परियोजनाओं के माध्यम से सौर ऊर्जा को बढ़ावा देने का निर्णय लिया है।
- सोलर सिटी कार्यक्रम: अयोध्या, गोरखपुर, और वाराणसी में स्मार्ट सोलर स्ट्रीट लाइट, सोलर हाई मास्ट, सोलर ट्री, और वॉटर किऑस्क की स्थापना की जा रही है। अयोध्या में सरयू नदी के तट पर 40 मेगावाट का सोलर पावर प्लांट स्थापित किया जा रहा है, जिसमें से 14 मेगावाट की स्थापना हो चुकी है।
- पीएम सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना: इस योजना के तहत अयोध्या, गोरखपुर, और वाराणसी में हजारों घरेलू उपभोक्ताओं को सोलर पैनल लगाने का लक्ष्य दिया गया है।
- सोलर रूफटॉप संयंत्र योजना: प्रदेश में 25 लाख घरों पर सोलर रूफटॉप संयंत्रों की स्थापना का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। इसके तहत एक किलोवाट के सोलर संयंत्र पर केंद्र और राज्य सरकार द्वारा अनुदान दिया जा रहा है।
सौर ऊर्जा की पहल न केवल आर्थिक और पर्यावरणीय दृष्टि से महत्वपूर्ण है, बल्कि इसके नैतिक और सामाजिक पहलू भी महत्वपूर्ण हैं।
- सामाजिक जागरूकता: यह पहल लोगों को सौर ऊर्जा के महत्व और इसके फायदों के प्रति जागरूक करेगी। इससे समाज में ऊर्जा संरक्षण और पर्यावरण संरक्षण की प्रवृत्ति बढ़ेगी।
- नैतिक जिम्मेदारी: सौर ऊर्जा का उपयोग करना एक नैतिक जिम्मेदारी है, जिससे हम अपने पर्यावरण की रक्षा कर सकते हैं और आने वाली पीढ़ियों के लिए एक स्वच्छ और सुरक्षित वातावरण सुनिश्चित कर सकते हैं।
- सामाजिक विकास: इस योजना के माध्यम से रोजगार के नए अवसर भी पैदा होंगे, जिससे समाज का आर्थिक और सामाजिक विकास होगा।
उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा अयोध्या, गोरखपुर, और वाराणसी में सौर ऊर्जा को बढ़ावा देने की पहल एक महत्वपूर्ण कदम है। इससे न केवल पर्यावरण की सुरक्षा होगी, बल्कि समाज को भी अनेक लाभ मिलेंगे। सरकार की योजनाएं और प्रयास इस दिशा में सराहनीय हैं और समाज को अपनी नैतिक जिम्मेदारी समझते हुए सौर ऊर्जा के उपयोग को अपनाना चाहिए। इस प्रकार, सौर ऊर्जा का व्यापक उपयोग हमें एक स्वच्छ और सुरक्षित भविष्य की ओर ले जाएगा।

