उत्तर प्रदेश

Khatauli News: पुण्यतिथि पर कपिल देव से सवाल पूछे जाने पर वहां से भागे गए, 2013 दंगे के पीड़ित परिवार से गौरव की माँ लड़ेगी खतौली उप चुनाव

Khatauli News: 2013 के दंगों से सत्ता का सुख पाने वाली भाजपा को अब कव्वाल गांव से ही लगने वाला है बड़ा झटका, कवाल कांड में मारे गए सचिन – गौरव के परिवार के लोगों ने बढ़ाई भाजपा नेताओं सहित पार्टी की मुसीबत किसी तरह की सुविधा,सहारा न मिलता देख अब गौरव की माँ खतौली उपचुनाव में निर्दलीय प्रतियाशी के रूप में उतरेंगी मैदान में आज गौरव के पिता का फूटा दर्द भाजपा नेताओं पर गम्भीर आरोप लगाए।

खतौली विधानसभा सीट पर होने वाले उपचुनाव में उस समय खलबली मच गई जब 2013 दंगे से पूर्व कवाल गांव में मारे गए गौरव और सचिन में से गौरव की मां ने निर्दलीय चुनाव लड़ने की घोषणा कर डाली।

मीडिया को इस बात की जानकारी देते हुए गौरव के पिता रविंद्र सिंह ने बीजेपी पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा की दंगे का फायदा उठाकर बीजेपी ने अपनी तो सरकार बना ली लेकिन आज तक हमारे लिए कुछ नहीं किया है। जिसके चलते अब खतौली विधानसभा सीट पर होने वाले उपचुनाव में गौरव की मां सुरेश देवी निर्दलीय चुनाव लड़ने जा रही हैं।

मृतक गौरव के पिता रविंद्र सिंह की माने तो घोषणा यह की है कि खतौली विधानसभा से चुनाव लड़ेंगे आज पर्चा खरीदा है। भाजपा वालों ने इस्तेमाल किया है हमारा। हर जगह हमें दिखा करके हमें उन्होंने भुना लिया और दंगे का फायदा उठाकर अपनी सरकार बना ली। हमें आज तक इनसे किसी भी तरीके की कोई सहायता नहीं मिली है। मुकदमे दर्ज हुए थे। कोर्ट में हाई कोर्ट में सब जगह अपने आप खुद लड़ रहे हैं।

कोई भी नहीं पूछता कि तुम भूखे हो क्या तुम्हारे साथ हो रहा है। इसके बाद हम इस मोड़ पर पहुंचे हैं। आप सब जनता का धन्यवाद है। जनता ने पहले जो हमारा सहयोग किया है। हम लोग जनता के बीच जाएंगे। अपने मुद्दे बताएंगे। अपना दुख बताएंगे कि उन्होंने हमारे साथ क्या करा है। हम बताएंगे जनता को, कवाल में झगड़ा हो गया था हमारे दोनों बच्चे ऑन द स्पॉट मर गए थे। इसका सबको पता है अगले दिन उनकी अंत्येष्टि थी जिसमें काफी भीड़ थी जिसमें कवाल में बवाल हो गया था। जिसमें विक्रम सैनी का भी नाम है।

वह कहते हैं खालापार में पंचायत हुई और जगह भी पंचायत हुई। हमारे नाम एफआईआर हो गई जिसे सपा नेता अमीर आलम ने थाने में पहुँचकर कराया था। एक तरफ यह हमारे साथ खड़े हो गए थे। हमने सोचा कि हमारी मदद करेंगे। इसलिए हमने और किसी से मदद नहीं मांगी। उसके बाद इनकी सरकार भी बन गई। सब कुछ हो गया। मुकदमे में कोर्ट में इन्होंने मदद नहीं की। उस समय की सरकार ने इस मामले में एफआईआर लगा दी थी। सही काम करा था। इस सरकार में हम जेल भी चले गए 302 के मुकदमे हमारे परिवार वाले झेल रहे हैं।

15 लाख रुपये में आधी सड़क बनी

मृतक गौरव के परिजन कहते हैं कि गौरव हमारा बेटा था और सचिन हमारे साले का बेटा था, जो दोनों मरे थे। इस बार पुण्यतिथि पर कपिल देव गए थे। हमने उनसे दो-चार सवाल पूछ लिए वह भी वहां से भागे। उस समय लक्ष्मीकांत वाजपेई प्रदेश अध्यक्ष थे। वह हमारे गांव की सड़क की घोषणा कर गए थे। उन्होंने दो बार पैसे भी भिजवाए थे। 15 लाख रुपये में आधी सड़क बनी है।

आधी ऐसे ही रह गई है। डबल इंजन की सरकार के पास जिला पंचायत है। ब्लाक प्रमुख इनकी है। इसके बावजूद हमारे तो 5 ईट हैं। आज तक इन्होंने लगाई नहीं। किसी प्रकार का इनका कोई सहयोग नहीं है। अब चुनाव लड़ने का निर्णय लिया है। अब जनता के बीच जाएंगे। जनता को बताएंगे। जनता की सेवा करेंगे। जनता को जो अच्छा लगेगा, उसे जनता वोट देगी। सुरेश देवी मेरी पत्नी हैं, जो चुनाव लड़ेंगी। सामने कोई भी हो हमें तो निर्दलीय लड़ना है।

सबसे खास बात यह है कि इस सीट पर इस बार भारतीय जनता पार्टी को अपनों की ही नाराजगी झेलनी पड़ सकती है क्योंकि शुक्रवार को मुजफ्फरनगर के कवाल में हुए 2013 के दंगे में मारे गए फुफेरे ममेरे भाइयों सचिन और गौरव का नाम हर चुनाव में लिया जाता है और कवाल कांड में मारे गए सचिन और गौरव के नाम पर ही प्रत्येक चुनाव में भाजपा चुनाव जीतती आ रही है। मगर इस बार गौरव के पिता रविंदर कुमार भाजपा से काफी नाराज दिख रहे हैं जिसके चलते उन्होंने शुक्रवार को नामांकन पत्र खरीद कर तमाम भाजपाइयों में खलबली मचा दी है।

कवाल गांव का नाम फिर से सुर्ख़ियो में

खतौली विधान सभा उप चुनाव में इस बार कवाल गांव का नाम फिर से सुर्ख़ियो में आ गया है यहां चुनाव लड़ने के लिए मैदान में कूद पड़े रविंद्र कुमार का आरोप है कि भाजपा 2013 में हुए दंगों के बाद से ही सचिन और गौरव के नाम को भुना रही है। मगर उनके नाम पर आज तक कहीं एक ईंट तक नहीं लगाई गई है इस बार वे सचिन और गौरव के नाम को नहीं भुनाने देंगे और दमदारी के साथ भाजपा को चुनौती देने का काम करेंगे और सच्चाई सबके सामने लाकर रहेंगे।

कि किस तरह भाजपा ने हमें दंगे के नाम पर भुनाया है मगर हमें आज तक कोई भी फायदा नहीं हुआ है, उन्होंने भाजपा नेताओं पर आरोप लगाया है कि वें दूसरे नेताओं की कोली भरते फिर रहे है हमारी ही क्या दुश्मनी है झगड़े तो पता नही कितने हो चुके है। जब वें भूल सकते है तो हम भी भूलकर आपस में भाईचारा बनाना चाहते हैं उन्होंने कहा कि जो दंगे हुए हैं उनका सभी को पता है किसने कराए हैं उन्होंने कहा कि विक्रम सैनी को हीरो बनाने का प्रयास किया जा रहा है

सबको पता है कि विक्रम ने क्या किया था कव्वाल में 2 दिन बाद दंगा करा कर इन लोगों ने निर्दोष जनता मरवा दी।रविंद्र कुमार ने बताया कि हमने उस समय भी मीडिया में बताया था कि निर्दोष लोग मारे जा रहे हैं उनका कोई दोष नहीं था जो यह नेता है यह तो सब एक हो गए और जनता खामखा मर गई उन्होंने कहा कि आजम खान को गाली दे देकर यह लोग नेता बन गए अमीर आलम जो दंगे का मुख्य दोषी था उसकी कोली भरते फिरते हैं मेरे पास सब फोटो है।

आज चुनाव आया तो आज फिर दंगे का जिक्र शुरू कर दिया उन्होंने भाजपा के बड़े नेताओं को बिना नाम लिए कहा कि मैं नेताओं और इस पार्टी को कहना चाहता हूं कि आज तक इन्होंने मलिकपुरा में एक ईंट भी लगाई हो? हर वर्ष आते हैं और फोटो खिंचवा कर चले जाते हैं जब तो प्रदेश अध्यक्ष और राष्ट्रीय अध्यक्ष भी वायदे करते थे तो अब क्यों भूल गए, क्योंकि इन्होंने दंगा भुना लिया और हमारी अब इनको जरूरत नहीं रही अबकी बार हम इन्हें दंगा नहीं भुनाने देंगे हम जनता के बीच आएंगे और जनता को सारा सच बताएंगे हर सुख दुख में हम जनता के साथ हैं अब यह जनता फैसला करें किसको वोट देनी है किसको नहीं देनी।

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