Sun Candle Phenomenon: एलियन का प्रवेश द्वार या दुर्लभ प्राकृतिक घटना? ऑस्ट्रिया के पहाड़ों में दिखी रहस्यमयी रोशनी!
Sun Candle Phenomenon: ऑस्ट्रिया के बर्फीले पहाड़ों में हाल ही में एक रहस्यमयी रोशनी दिखाई दी, जिसने सोशल मीडिया पर हलचल मचा दी। कई लोगों ने इसे “एलियन का प्रवेश द्वार” कहा, जबकि वैज्ञानिकों ने इसे एक दुर्लभ प्राकृतिक घटना बताया। यह घटना 10 दिसंबर 2024 को ऑस्ट्रिया के स्कीवेल्ट वाइल्डर कैसर, ब्रिक्सेंटल इलाके में घटी, जहां एक स्कीयर ने इस अद्भुत नज़ारे को कैमरे में कैद किया और सोशल मीडिया पर साझा किया।
क्या है यह रहस्यमयी रोशनी?
जिस घटना को लोग “एलियन लाइट” समझ रहे थे, वह असल में एक ‘सन पिलर’ (Sun Pillar) यानी ‘सूर्य स्तंभ’ नामक दुर्लभ वायुमंडलीय घटना थी। यह तब होता है जब हवा में मौजूद बर्फ के क्रिस्टल सूर्य की रोशनी को प्रतिबिंबित करते हैं, जिससे आकाश में एक चमकदार स्तंभ जैसा दिखाई देता है।
सोशल मीडिया पर हड़कंप! लोगों ने कहा- “यह किसी और दुनिया का दरवाजा लगता है”
जब इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ, तो लोगों की प्रतिक्रियाएं भी अजीबो-गरीब थीं। कुछ ने इसे “एलियन सिग्नल”, तो कुछ ने इसे “अंतरिक्ष में जाने का द्वार” बताया। वायरल वीडियो में एक स्कीयर कहते हैं:
“मैं इसमें स्की करना चाहता था, लेकिन अगर यह किसी दूसरी दुनिया का प्रवेश द्वार हुआ तो क्या होगा?”
वैज्ञानिकों का क्या कहना है?
वैज्ञानिकों ने इस घटना को पूरी तरह से प्राकृतिक बताया। उनके अनुसार, यह एक प्रकाशीय घटना (Optical Phenomenon) है, जो खास परिस्थितियों में होती है। जब वातावरण में बहुत ठंड होती है और बर्फ के क्रिस्टल हवा में तैरते हैं, तो वे सूर्य की रोशनी को इस प्रकार परावर्तित करते हैं कि आकाश में एक लंबा चमकता हुआ प्रकाश स्तंभ दिखाई देता है।
खास बात यह है कि ‘सन पिलर’ घटना आमतौर पर सूर्योदय या सूर्यास्त के समय देखी जाती है, क्योंकि उस समय सूर्य की किरणें क्षितिज के करीब होती हैं।
पहले भी हो चुकी हैं ऐसी घटनाएं
यह पहली बार नहीं है जब ‘सन पिलर’ जैसी घटना देखी गई हो। दुनिया के कई हिस्सों में इस तरह की घटनाएं रिकॉर्ड की जा चुकी हैं।
✔ 2017 में कनाडा के येलोनाइफ (Yellowknife) में भी ऐसा ही अद्भुत नज़ारा देखा गया था।
✔ 2021 में रूस के साइबेरिया में भी तापमान -40°C तक गिरने के कारण इस प्रकार की रोशनी देखी गई थी।
✔ 2023 में अमेरिका के अलास्का में भी लोगों ने इस चमकदार रोशनी को देखा था, जिसे उन्होंने “एलियन लाइट्स” कहना शुरू कर दिया था।
‘सन पिलर’ कैसे बनता है?
इस घटना के पीछे का विज्ञान बेहद दिलचस्प है। ‘सन पिलर’ तब बनता है जब हवा में मौजूद हेक्सागोनल (Hexagonal) बर्फ क्रिस्टल क्षैतिज रूप से तैरते हैं और सूर्य के प्रकाश को परावर्तित करते हैं।
यह घटना किन स्थितियों में होती है?
✔ जब तापमान बहुत कम (-20°C या उससे नीचे) हो
✔ जब हवा में बर्फ के महीन क्रिस्टल (Ice Crystals) हों
✔ जब सूर्य क्षितिज के करीब हो (सूर्योदय या सूर्यास्त के दौरान)
क्या ‘सन पिलर’ सिर्फ सूर्य से बनता है?
नहीं, यह घटना चंद्रमा (Moon) या स्ट्रीट लाइट्स (Street Lights) की रोशनी से भी बन सकती है। इसे “मून पिलर” (Moon Pillar) भी कहा जाता है, जो उसी सिद्धांत पर काम करता है।
क्या यह एलियन का संकेत हो सकता है?
हालांकि सोशल मीडिया पर इस घटना को लेकर तमाम अटकलें लगाई जा रही हैं, वैज्ञानिकों के अनुसार यह पूरी तरह से प्राकृतिक है। फिर भी, कई लोग अब भी मानते हैं कि यह कोई एलियन सिग्नल हो सकता है और हमारे ग्रह पर रहस्यमयी शक्तियों का प्रभाव है।
कुछ षड्यंत्र सिद्धांतकारों का मानना है कि एलियंस पृथ्वी के आस-पास घूम रहे हैं और यह रोशनी उनके आने का संकेत हो सकती है।
ऑस्ट्रिया के बर्फीले पहाड़ों में देखी गई यह रहस्यमयी रोशनी एक दुर्लभ लेकिन वैज्ञानिक रूप से सिद्ध प्राकृतिक घटना थी। हालांकि, इस घटना ने लोगों की कल्पनाओं को पंख दे दिए हैं और सोशल मीडिया पर यह वीडियो एलियंस और रहस्यमयी घटनाओं के प्रेमियों के लिए चर्चा का विषय बन गया है।