नवाब अजमत अली खां वक्फ की जमीन: फर्जी प्रविष्टि निरस्त, वक्फ ने लगाया अपना बोर्ड
मुजफ्फरनगर। सिटी मजिस्ट्रेट की जांच रिपोर्ट के बाद एसडीएम सदर ने नवाब अजमत अली खां वक्फ की करोड़ों की जमीन की फर्जी प्रविष्टि को निरस्त करने के आदेश दिए हैं। साथ ही जमीन पर वक्फ ने अपना बोर्ड लगा दिया है। शहर के जिन रसूखदारों के नाम पर जमीन की प्रविष्टि कराई थी, उनमें मूलचंद सराफ और उनके भाई शिवनारायण भी शामिल हैं।
मूलचंद सराफ का कहना है कि उन्हें नहीं मालूम की जमीन की खेवट में उनका नाम कैसे आया। प्रशासन की कार्रवाई सही है और उनका नाम हट गया।सिटी मजिस्ट्रेट की रिपोर्ट के अनुसार नवाब अजमत अली खां वक्फ का यहां 1912 में गठन हुआ था। वक्फ ने मीनाक्षी चौक स्थित नौ बीघा जमीन यानी की 6030 गज जमीन 27 अगस्त 1928 को 99 साल के लिए सदर बाजार मेरठ के हाफिज मोहम्मद अहसान इलाही को दी थी।
इन्होंने 18 मई 1946 को यह 0.603 हेक्टेयर जमीन शहर के लाला जगदीश प्रसाद और आनंद स्वरूप को दे दी। 1976 को यह जमीन तहसील के रिकार्ड में इन दोनों के परिवार के लोगों डॉ देवेंद्र एवं योगेंद्र, वेदवती, विभा स्वरूप, हर्ष स्वरूप के नाम आ गई। सिटी मजिस्ट्रेट की रिपोर्ट के अनुसार 1996 में तत्कालीन कानूनगों ने बिना किसी सक्षम अधिकारी के आदेश के जमीन में उपरोक्त के साथ शहर के प्रमुख उद्यमी मूलचंद सराफ और उनके भाई शिवनारायण का नाम भी जोड़ दिया।
खसरा नंबर 831, 832, 835, 844 और 845 की इस जमीन पर लगातार इन लोगों के नाम चलते रहे। हाल ही नगर पालिका के कुछ सभासदों ने डीएम को शिकायत की थी कि वक्फ की जमीन में धोखाधड़ी की गई है। डीएम ने इस मामले की जांच सिटी मजिस्ट्रेट अतुल कुमार को सौंपी।
जांच में अतुल कुमार ने पाया कि तहसील और वक्फ दोनों के स्तर से गड़बड़ी की गई है। जमीन को जिस प्रयोग के लिए दिया गया था, वह प्रयोग नहीं हो रहा है। वक्फ ने इस पर कोई कार्रवाई नहीं की।
दूसरे तहसील में मूलचंद और शिवनारायण का नाम गलत तरीके से अंकित कर दिया गया। सिटी मजिस्ट्रेट की जांच और कार्रवाई की संस्तुति के आधार पर एसडीएम सदर अशोक कुमार ने डॉ देवेंद्र एवं योगेंद्र, वेदवती, विभा स्वरूप, हर्ष स्वरूप, मूलचंद एंव शिवनारायण के नाम की प्रविष्टि को खारिज कर दिया।
वक्फ ने जमीन पर अपना बोर्ड लगवा दिया है कि यह जमीन वक्फ की है, इस पर अब किसी अन्य का अधिकार नहीं है। मीनाक्षी चौक के पास स्थित इस बेशकीमती जमीन पर बर्फखाना है और इसका व्यवसायिक प्रयोग किया जा रहा है।
जांच के बाद कार्रवाई की
-वक्फ की जमीन में तहसील के रिकार्ड में हेराफेरी सामने आई। सिटी मजिस्ट्रेट की रिपोर्ट और तहसील की जांच के बाद फर्जी प्रविष्टि को खारिज कर दिया गया है। मीनाक्षी चौक की नौ बीघा जमीन पर अब पूरा अधिकार वक्फ का होगा। -अशोक कुमार, एसडीएम सदर।