निर्भया के दोषियों को फांसी की हरी झंडी
सुप्रीम कोर्ट ने निर्भया के दोषी अक्षय कुमार सिंह की पुनर्विचार याचिका खारिज कर दी है। अदालत ने कहा कि हम बिना किसी दबाव के यह फैसला सुना रहे हैं। अक्षय की पुनर्विचार याचिका में कोई नए तथ्य नहीं है इसलिए यह याचिका खारिज की जाती है। गौरतलब है कि अब पटियाला हाउस कोर्ट में डेथ वारंट को लेकर जो सुनवाई दोपहर दो बजे होने वाली है उसका रास्ता भी साफ हो जाएगा।
निर्भया की मां ने कहा है कि वह बहुत खुश हैं। साथ ही उन्होंने मीडिया व देश का भी शुक्रिया अदा किया कि उनके इस सफर में सबने उनका साथ दिया।
वहीं दोषी के वकील एपी सिंह ने कहा कि हमारे केस में हमने जो तथ्य रखे वो सभी नए हैं लेकिन अदालत ने इस पर ध्यान नहीं दिया। उन्होंने कहा कि कई बार जनभावना के आधार पर फैसला आता है वहीं निर्भया गैंगरेप में हुआ।
सुप्रीम कोर्ट के आदेश से पहले कोर्ट में जो सुनवाई हुई उसमें सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने उच्चतम न्यायालय में कहा कि दोषी किसी भी तरह की उदारता का हकदार नहीं है और भगवान भी ऐसे ‘दरिंदे’ को बना शर्मसार होगा। तुषार मेहता ने आगे कहा, कुछ अपराध ऐसे होते हैं, जिनमें ‘मानवता रोती’ है और यह मामला उन्हीं में से एक है।
सॉलिसिटर जनरल ने अदालत में कहा जो होना तय है उससे बचने के लिए निर्भया मामले के दोषी कई प्रयास कर रहे हैं और कानून को जल्द अपना काम करना चाहिए।
सुप्रीम कोर्ट की नई पीठ बुधवार को इस याचिका पर सुनवाई पूरी कर चुकी है।गत 10 दिसंबर को अक्षय ने पुनर्विचार याचिका दायर की थी। अक्षय ने अपनी याचिका में कहा है कि दिल्ली में प्रदूषण के कारण वैसे ही लोगों की उम्र कम हो रही है ऐसे में फांसी की जरूरत नहीं है। मालूम हो कि निर्भया की मां ने भी अक्षय की पुनर्विचार याचिका के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है।