Pakistan: इमरान खान सरकार से समर्थन वापस लेगी प्रमुख सहयोगी दल एमक्यूएम
Pakistan: प्रधानमंत्री इमरान खान को 3 अप्रैल को अविश्वास प्रस्ताव पर बहुमत साबित करना है. वह कुर्सी बचाने के लिए हर हथकंडे अपना रहे हैं, लेकिन इन सबके बीच इमरान खान को मंगलवार देर रात एक बड़ा झटका लगा. रिपोर्ट के मुताबिक, मंगलवार रात इमरान खान के नेतृत्व वाली पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) की प्रमुख सहयोगी मुत्ताहिदा कौमी मूवमेंट पाकिस्तान (एमक्यूएम) और विपक्षी दल Pakistan पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) के बीच एक डील हुई.
इसके तहत एमक्यूएम इमरान खान से समर्थन वापस लेगी. रिपोर्ट में दावा किया गया है कि इस फैसले के बाद अब इमरान खान की सरकार अल्पमत में आ गई है.
Pakistan में प्रधानमंत्री इमरान खान और विपक्षी दलों के बीच जुबानी जंग जारी है. अपनी कुर्सी बचाने के लिए हर संभव कोशिश कर रहे इमरान खान लगातार विपक्ष पर आऱोप लगा रहे हैं. वह बाहरी साजिश की भी बात कह रहे हैं. इन सबके बीच पाकिस्तान मुस्लिम लीग एन (पीएमएल- एन) की उपाध्यक्ष मरियम नवाज ने इमरान खान पर जमकर निशाना साधा है. उन्होंने इमरान खान की मंशा पर भी सवाल उठाए हैं.
मरियम ने नवाज का उदाहरण दिया
मरियम नवाज ने कहा कि, नवाज शरीफ को दो बार प्रधानमंत्री पद से हटाया गया लेकिन उन्होंने राष्ट्रीय सुरक्षा को आग में झोंकने का काम नहीं किया. उन्होंने कुर्सी जाने पर किसी पर झूठा आरोप नहीं लगाया. मरियम ने इमरान खान की ओर से लगातार देश की सुरक्षा और साजिश वाली बात पर भी उन्हें घेरते हुए कहा कि, देश की सुरक्षा के लिए इससे ज्यादा खतरनाक क्या हो सकता है कि देश के प्रधानमंत्री को अपनी सत्ता बचाने के लिए झूठी साज़िशों का ढोंग करना पड़ रहा है.
इन सबने देश का तमाशा बना दिया है. मरियम ने कहा कि फर्जी पूर्व प्रधान मंत्री का सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायधीश को पत्र दिखाने का अनुरोध उनकी मुझे बचाओ याचिका का हिस्सा है. कृपया सर्वोच्च न्यायालय को अपने प्रलोभनों और बुराइयों से दूर रखें.
अप्रैल को बहुमत परीक्षण
Pakistan की संसद में कल से अविश्वास प्रस्ताव पर बहस शुरू होगी और तीन दिन दिन बाद यानी 3 अप्रैल को बहुमत परीक्षण होगा. विपक्ष इमरान की पार्टी के दो दर्जन से ज्यादा सांसदों को तोड़ने का दावा कर रहा है लेकिन इमरान भी झुकने को तैयार नहीं हैं
वो आखिरी दम तक अपनी सरकार को बचाने की कोशिशों में जुटे हैं. पाकिस्तान के इतिहास में आज तक किसी भी प्रधानमंत्री को अविश्वास प्रस्ताव के जरिए सत्ता से बेदखल नहीं किया गया है और खान इस चुनौती का सामना करने वाले तीसरे प्रधानमंत्री हैं.