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अपनी दुर्दशा पर आंसू बहा रहा है पानीपत-खटीमा मार्ग, मार्ग की हालत खस्ता

मुजफ्फरनगर। जानसठ में पानीपत-खटीमा मार्ग को फोर लेन बनने की घोषणा भले ही पांच साल पहले हो गई हो, लेकिन मुजफ्फरनगर से मीरापुर तक मार्ग का टेंडर तक नहीं हो सका है। मार्ग की हालत इतनी खस्ता हो चुकी है कि इस पर वाहन चलाना भी दूभर हो रहा है। आए दिन वाहन गड्ढों में फंसकर खराब हो रहे हैं, जिससे जाम की स्थिति बनी रहती है।

पानीपत-खटीमा मार्ग को भले ही पांच साल पहले फोर लेन बनाने की घोषणा हो चुकी हो, लेकिन आज तक इस मार्ग का मुजफ्फरनगर से मीरापुर तक टेंडर तक नहीं हो सका है। मार्ग को एनएचआइ के सुपुर्द किए भी कई साल हो गए हैं, पर उस पर कोई काम न होने से मार्ग खस्ता हालत में है। केंद्रीय राज्यमंत्री डा. संजीव बालियान ने पहली बार मंत्री बनने के बाद इसके बनने की घोषणा कर दी थी, लेकिन घोषण केवल कागजी ही रही।

पानीपत-खटीमा मार्ग को चार भागों में बांटकर इसको बनाने का प्लान तैयार किया गया था ताकि मार्ग को दो साल के भीतर ही बनाया जा सके। पानीपत से शामली व शामली से मुजफ्फरनगर व मुजफ्फरनगर से मीरापुर तथा मीरापुर से बिजनौर तक चार भागों में इसका टेंडर किया जाना था। पानीपत से शामली व शामली से मुजफ्फरनगर तक तो मार्ग पर काम शुरू हो चुका है, लेकिन मुजफ्फरनगर से मीरापुर व आगे के काम तक का टेंडर नहीं हो सका है।

मार्ग राज्य सरकार के नियंत्रण से हटकर एनएचएआइ के हाथों में चला गया है, जिसके कारण वह बदहाल स्थिति पर रो रहा है। मार्ग पर इतने बडे़-बड़े गड्ढे बन गए हैं कि मार्ग आए दिन उसमें फंसकर वाहन खराब हो रहे हैं, जिससे आए दिन जाम लगा रहता है। मार्ग के किनारे बसे गांव के लोगों का कहना है कि यदि मार्ग बनाना ही नहीं था तो उसे राज्य सरकार में ही रहने देते ताकि उसकी मरम्मत तो हो जाती।

जानसठ कस्बे से बाईपास बनने को लेकर स्थानीय लोग नाराज हो गए थे, जिसके कारण तीन दिन तक कस्बे के लोगों ने पूरा बाजार बंद करके आमरण अनशन कर शुरू कर दिया था।

उसके बाद केंद्रीय मंत्री डा संजीव बालियान ने आमरण अनशन खुलवाया था। लोगों का मानना है कि इस हिस्से के मार्ग का काम भी शायद इसी कारण से शुरू नहीं हो सका है। चार साल बीतने के बाद मार्ग को कस्बे से निकालने की घोषणा तो हो गई थी, लेकिन आज तक परवान नहीं चढ़ सकी।

विक्रम सैनी, खतौली विधायक ने कहा कि मार्ग का टेंडर शायद हो गया है। मार्ग के सर्वे का काम चल रहा है। शीघ्र ही पेड़ कटने शुरू हो जाएंगे उसके बाद मार्ग को बनने का काम शुरू हो जाएगा। टूटे हुए मार्ग की शीघ्र मरम्मत कराई जाएगी।

News-Desk

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